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टैंक की सफाई करने पर निकले मरे हुए जंगली जानवर, कई गांवों को होती है सप्लाई

आनी की दलाश पंचायत के सोईधार गांव के लिए बनाए गए आईपीएच विभाग के पेयजल स्टोरेज टैंक में ग्रामीणों ने सफाई कर इसमें मरे हुए जंगली जानवर और गाद को निकाला. टैंक में छत न होने के कारण टैंक में जीव-जंतु और कचरा गिर रहा है. ऐसे में विभाग लोगों को ऐसा ही गंदगी भरा पानी पिला रहा है.

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Published : May 31, 2021, 5:51 PM IST

आनी: उपमंडल आनी के तहत क्षेत्र के दलाश पंचायत के सोईधार गांव के लिए बनाए गए आईपीएच विभाग के पेयजल स्टोरेज टैंक में ग्रामीणों ने सफाई कर इसमें मरे हुए जंगली जानवर और गाद को निकाला. विभाग की लापरवाही को देखें तो स्टोर टैंक पर अभी तक छत तक नहीं डाला गया है और खुले में ही टैंक में पानी स्टोर किया जा रहा है. ऐसे में लोगों के स्वास्थ्य के साथ सरेआम खिलवाड़ किया जा रहा है.

टैंक में छत न होने के कारण टैंक में जीव-जंतु और कचरा गिर रहा है. ऐसे में विभाग लोगों को ऐसा ही गंदगी भरा पानी पिला रहा है. जिसके चलते ग्रामीणों में बीमारी फैलने का अंदेशा भी बना है. गौर हो कि इस स्टोर टैंक से सोईधार, शिलाबाग, गौंडाधार, दनारा, वोआ आदि गांव के लिए पेयजल की सप्लाई की जाती है, लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण लोगों को पिछले लंबे समय से गंदे पेयजल की सप्लाई दी जा रही है.

काफी मात्रा में गंदगी निकली

ग्रामीण राजेंद्र कुमार, यशवंत, सीता राम, विमला देवी, रजनी देवी, सुनीता देवी, गिरधारी लाल, मनोहर लाल, सतपाल, राजकुमार, विनोद, मनमोहन, अंकुश, निखिल, आदि का कहना है कि जब लोगों ने टैंक की सफाई की तो उसमें से जीव से लेकर अधिक मात्रा में गंदगी निकली.

'ये फिल्टर टैंक हैं और इसके ऊपर छत नहीं डलवाया जा सकता'

उधर, जब इस विषय पर एक्सईन आईपीएच आनी राजकुमार कौंडल से बात की गई तो उनका कहना है कि विभाग के सभी एसडीओ व जेई को आदेश दिए हैं कि टैंकों की समय समय पर सफाई की जाए जहां तक सोईधार के टैंक की बात है इस विषय में, एसडीओ और जेई दलाश सब-डिवीजन से रिपोर्ट तलब की जाएगी और उन्होंने ये भी बताया कि ये फिल्टर टैंक हैं और इसके ऊपर छत नहीं डलवाया जा सकता.

ये भी पढ़ें- पांवटा साहिब में पकड़ा गया 300 KG गांजा, जानें कहां से आई इतनी बड़ी खेप

आनी: उपमंडल आनी के तहत क्षेत्र के दलाश पंचायत के सोईधार गांव के लिए बनाए गए आईपीएच विभाग के पेयजल स्टोरेज टैंक में ग्रामीणों ने सफाई कर इसमें मरे हुए जंगली जानवर और गाद को निकाला. विभाग की लापरवाही को देखें तो स्टोर टैंक पर अभी तक छत तक नहीं डाला गया है और खुले में ही टैंक में पानी स्टोर किया जा रहा है. ऐसे में लोगों के स्वास्थ्य के साथ सरेआम खिलवाड़ किया जा रहा है.

टैंक में छत न होने के कारण टैंक में जीव-जंतु और कचरा गिर रहा है. ऐसे में विभाग लोगों को ऐसा ही गंदगी भरा पानी पिला रहा है. जिसके चलते ग्रामीणों में बीमारी फैलने का अंदेशा भी बना है. गौर हो कि इस स्टोर टैंक से सोईधार, शिलाबाग, गौंडाधार, दनारा, वोआ आदि गांव के लिए पेयजल की सप्लाई की जाती है, लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण लोगों को पिछले लंबे समय से गंदे पेयजल की सप्लाई दी जा रही है.

काफी मात्रा में गंदगी निकली

ग्रामीण राजेंद्र कुमार, यशवंत, सीता राम, विमला देवी, रजनी देवी, सुनीता देवी, गिरधारी लाल, मनोहर लाल, सतपाल, राजकुमार, विनोद, मनमोहन, अंकुश, निखिल, आदि का कहना है कि जब लोगों ने टैंक की सफाई की तो उसमें से जीव से लेकर अधिक मात्रा में गंदगी निकली.

'ये फिल्टर टैंक हैं और इसके ऊपर छत नहीं डलवाया जा सकता'

उधर, जब इस विषय पर एक्सईन आईपीएच आनी राजकुमार कौंडल से बात की गई तो उनका कहना है कि विभाग के सभी एसडीओ व जेई को आदेश दिए हैं कि टैंकों की समय समय पर सफाई की जाए जहां तक सोईधार के टैंक की बात है इस विषय में, एसडीओ और जेई दलाश सब-डिवीजन से रिपोर्ट तलब की जाएगी और उन्होंने ये भी बताया कि ये फिल्टर टैंक हैं और इसके ऊपर छत नहीं डलवाया जा सकता.

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