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स्वर्णिम हिमाचल रथ यात्रा को लेकर DC कुल्लू ने की बैठक, भव्य समारोह का होगा आयोजन

हिमाचल प्रदेश की स्वर्णिम यात्रा को प्रदर्शित करने के लिए वर्षभर विभिन्न 51 गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा. जिला कुल्लू की उपायुक्त डाॅ. ऋचा वर्मा ने कहा कि जिला में रथ यात्रा को यादगार बनाया जाएगा.

DC Kullu holds a meeting regarding Swarnim himachal Rath Yatra
स्वर्णिम हिमाचल रथ यात्रा को लेकर DC कुल्लू ने की बैठक
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Published : Feb 26, 2021, 5:27 PM IST

कुल्लूः हिमाचल दिवस के अवसर पर 15 अप्रैल, 2021 को स्वर्णिम हिमाचल रथ यात्रा आरंभ होगी. 51 दिनों की यह यात्रा प्रदेश की सभी 3615 ग्राम पंचायतों और शहरी स्थानीय निकायों से होकर गुजरेगी.

कुल्लू की उपायुक्त डॉ. ऋचा वर्मा ने जिला परिषद सभागार में रथ यात्रा को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की. डीसी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की स्वर्णिम यात्रा को प्रदर्शित करने के लिए वर्षभर विभिन्न 51 गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा. इसी कड़ी में 'हिमाचल तब और अब थीम' पर झांकीनुमा रथ का निर्माण किया जाएगा. प्रदेश सरकार ने स्वर्णिम हिमाचल की प्रतीक रथ यात्रा को 15 अप्रैल से प्रदेशभर में आरंभ करने का निर्णय लिया है.

यादगार बनाई जाएगी रथ यात्रा

उपायुक्त डॉ. ऋचा वर्मा ने कहा कि जिला में रथ यात्रा को यादगार बनाया जाएगा. यह रथ जिला के अनेक भागों में रूकेगा. जहां आस-पास की 10 से 15 ग्राम पंचायतों के चुने हुए प्रतिनिधि व आम लोगों को आमंत्रित कर हिमाचल प्रदेश की विकास यात्रा पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. संबंधित क्षेत्रों की लोक संस्कृति और व्यंजनों का प्रदर्शन गतिविधियों के मुख्य हिस्सा होंगे.

भव्य समारोह का होगा आयोजन

उपायुक्त ने कहा कि रथ यात्रा के दौरान सभी स्थलों पर शिक्षा व कला, भाषा एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर मुख्यातिथि रहेंगे. रथ यात्रा के ठहराव स्थलों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम रथ जिला मुख्यालय के ढालपुर मैदान में रूकेगा. यहां एक भव्य समारोह का आयोजन किया जाएगा. ढालपुर मैदान में आयोजित किए जाने वाले इस समारोह में हजारों लोगों के आने की संभावना है. ढालपुर मैदान सांस्कृतिक गतिविधियों से सराबोर रहेगा. रथ यात्रा की अलग-अलग जगहों पर तिथियों का ऐलान 15 अप्रैल के बाद किया जाएगा.

इसके अलावा रथ रामबाग मनाली, सैंज, मेला ग्राउण्ड आनी, मेला ग्राउण्ड बंजार, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला श्वाड़, रावमापा बागीपुल और निरमण्ड स्टेडियम में रूकेगा. सभी जगहों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: कोरोना के खिलाफ जारी है जंग

फूड फेस्टिवल में स्थानीय व्यंजनों के प्रदर्शन का बेहतर अवसर

डॉ. ऋचा वर्मा ने कहा कि मनाली में मार्च माह के दौरान अंतरराष्ट्रीय फूड फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि मनाली में देश-दुनिया से हजारों सैलानी हर रोज आते हैं. फूड फेस्टिवल में सभी देशों व प्रदेशों के व्यंजनों के स्टॉल स्थापित किये जाएंगे. जिला के विभिन्न भागों के व्यंजनों को मुख्य तौर पर प्रदर्शित करने के प्रयास किए जाएंगे. उपायुक्त ने कहा कि सिड्डू के अलावा जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत से ऐसे व्यंजन बनाए जाते हैं, जो औषधीय गुणों से भरपूर हैं और अत्यंत स्वादिष्ट हैं. इन व्यंजनों का जिला से बाहर प्रचार नहीं हो पाया है.

तुलनात्मक डाटा तैयार करें विभाग

उपायुक्त ने सभी विभागों को हिमाचल तब और अब थीम पर आधारित तुलनात्मक डाटा तैयार कर जल्द उन्हें सौंपने को कहा है. उन्होंने कहा कि विकास की यात्रा में कुल्लू जिला कहां से कहां तक पहुंच चुका है, यह सब कुछ फोटो व ग्राफिक्स के माध्यम से प्रदर्शित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि बागवानी के क्षेत्र में जिला ने अपार उन्नति हासिल की है. प्रदेश के पूर्ण राज्य बनने से पहले जिला में बागवानी न के बराबर थी, लेकिन आज लोगों की आर्थिकी का अहम हिस्सा बन चुकी है. इसी प्रकार स्वास्थ्य, शिक्षा व सड़क क्षेत्रों में अभूतपूर्व उन्नति हुई है. इसकी तुलनात्मक जानकारी जिला के प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचनी चाहिए.

ये भी पढ़ेंः हिमाचल विधानसभा बजट सत्र

कुल्लूः हिमाचल दिवस के अवसर पर 15 अप्रैल, 2021 को स्वर्णिम हिमाचल रथ यात्रा आरंभ होगी. 51 दिनों की यह यात्रा प्रदेश की सभी 3615 ग्राम पंचायतों और शहरी स्थानीय निकायों से होकर गुजरेगी.

कुल्लू की उपायुक्त डॉ. ऋचा वर्मा ने जिला परिषद सभागार में रथ यात्रा को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की. डीसी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की स्वर्णिम यात्रा को प्रदर्शित करने के लिए वर्षभर विभिन्न 51 गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा. इसी कड़ी में 'हिमाचल तब और अब थीम' पर झांकीनुमा रथ का निर्माण किया जाएगा. प्रदेश सरकार ने स्वर्णिम हिमाचल की प्रतीक रथ यात्रा को 15 अप्रैल से प्रदेशभर में आरंभ करने का निर्णय लिया है.

यादगार बनाई जाएगी रथ यात्रा

उपायुक्त डॉ. ऋचा वर्मा ने कहा कि जिला में रथ यात्रा को यादगार बनाया जाएगा. यह रथ जिला के अनेक भागों में रूकेगा. जहां आस-पास की 10 से 15 ग्राम पंचायतों के चुने हुए प्रतिनिधि व आम लोगों को आमंत्रित कर हिमाचल प्रदेश की विकास यात्रा पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. संबंधित क्षेत्रों की लोक संस्कृति और व्यंजनों का प्रदर्शन गतिविधियों के मुख्य हिस्सा होंगे.

भव्य समारोह का होगा आयोजन

उपायुक्त ने कहा कि रथ यात्रा के दौरान सभी स्थलों पर शिक्षा व कला, भाषा एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर मुख्यातिथि रहेंगे. रथ यात्रा के ठहराव स्थलों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम रथ जिला मुख्यालय के ढालपुर मैदान में रूकेगा. यहां एक भव्य समारोह का आयोजन किया जाएगा. ढालपुर मैदान में आयोजित किए जाने वाले इस समारोह में हजारों लोगों के आने की संभावना है. ढालपुर मैदान सांस्कृतिक गतिविधियों से सराबोर रहेगा. रथ यात्रा की अलग-अलग जगहों पर तिथियों का ऐलान 15 अप्रैल के बाद किया जाएगा.

इसके अलावा रथ रामबाग मनाली, सैंज, मेला ग्राउण्ड आनी, मेला ग्राउण्ड बंजार, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला श्वाड़, रावमापा बागीपुल और निरमण्ड स्टेडियम में रूकेगा. सभी जगहों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा.

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फूड फेस्टिवल में स्थानीय व्यंजनों के प्रदर्शन का बेहतर अवसर

डॉ. ऋचा वर्मा ने कहा कि मनाली में मार्च माह के दौरान अंतरराष्ट्रीय फूड फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि मनाली में देश-दुनिया से हजारों सैलानी हर रोज आते हैं. फूड फेस्टिवल में सभी देशों व प्रदेशों के व्यंजनों के स्टॉल स्थापित किये जाएंगे. जिला के विभिन्न भागों के व्यंजनों को मुख्य तौर पर प्रदर्शित करने के प्रयास किए जाएंगे. उपायुक्त ने कहा कि सिड्डू के अलावा जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत से ऐसे व्यंजन बनाए जाते हैं, जो औषधीय गुणों से भरपूर हैं और अत्यंत स्वादिष्ट हैं. इन व्यंजनों का जिला से बाहर प्रचार नहीं हो पाया है.

तुलनात्मक डाटा तैयार करें विभाग

उपायुक्त ने सभी विभागों को हिमाचल तब और अब थीम पर आधारित तुलनात्मक डाटा तैयार कर जल्द उन्हें सौंपने को कहा है. उन्होंने कहा कि विकास की यात्रा में कुल्लू जिला कहां से कहां तक पहुंच चुका है, यह सब कुछ फोटो व ग्राफिक्स के माध्यम से प्रदर्शित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि बागवानी के क्षेत्र में जिला ने अपार उन्नति हासिल की है. प्रदेश के पूर्ण राज्य बनने से पहले जिला में बागवानी न के बराबर थी, लेकिन आज लोगों की आर्थिकी का अहम हिस्सा बन चुकी है. इसी प्रकार स्वास्थ्य, शिक्षा व सड़क क्षेत्रों में अभूतपूर्व उन्नति हुई है. इसकी तुलनात्मक जानकारी जिला के प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचनी चाहिए.

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