कुल्लूः सरकार द्वारा चलाई गई विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं और महिला सशक्तिकरण से जुड़े कार्यक्रमों को धरातल पर सफल बनाने में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है. महिलाओं की सक्रिय भागीदारी के बिना ऐसे कार्यक्रमों को व्यवहारिक रूप प्रदान नहीं किया जा सकता.
डीसी कुल्लू यूनुस की अध्यक्षता में शनिवार को महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पोषण अभियान पर जिला स्तरीय समारोह आयोजित किया गया. कार्यक्रम में महिला मंडल, स्वयं सहायता समूह, आशा कार्यकर्ता व स्वास्थ्य शिक्षिकाएं, बालवाड़ी कार्यकर्ता सहित बड़ी संख्या में महिलां ने अपनी उपस्थित दर्ज करवाई.
डीसी ने कहा कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के माध्यम से महिलाओं के सामाजिक व आर्थिक उत्थान तथा उन्हें सशक्त बनाने के लिए अनेकों योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं. इन योजनाओं को लागू करने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. इसके लिए महिलाओं की शत-प्रतिशत भागीदारी आवश्यक है. उन्होंने जिला में महिलाओं के लिए चलाए गए नारी गरिमा कार्यक्रम पर चर्चा करते हुए कहा कि इसके काफी सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं और ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं में मासिक धर्म से संबंधित कई भ्रांतियां दूर हो रही हैं.
डीसी ने कहा कि बच्चों और महिलाओं में कुपोषण की समस्या को दूर करने के लिए पोषण अभियान चलाया गया है. हालांकि, स्वास्थ्य के विभिन्न मानकों में कुल्लू जिला की स्थिति काफी अच्छी है, लेकिन यहां महिलाओं और बच्चों में अनीमिया की समस्या को दूर करने के लिए काफी काम करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि बच्चों में खून की कमी की दर काफी अधिक है और उन्होंने संबंधित विभागों को इसे दूर करने के लिए और अधिक प्रयास करने पर बल दिया.
डीसी कुल्लू ने कहा कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए काफी हद तक रोजमर्रा की खान पान और रहन-सहन की शैली जिम्मेवार है. लोगों ने शारीरिक श्रम छोड़ दिया है. उन्होंने मातृ शक्ति से अपील की है कि वे अपने शिशु को कम से कम एक वर्ष तक स्तनपान अवश्य करवाएं. उन्होंने अभियान से जुड़ी सभी महिलाओं से गांव-गांव में जाकर प्रत्येक महिला को जागरूक करने का आग्रह किया. उन्होंने विशेष रूप से स्वच्छता को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया.