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केंद्र सरकार के खिलाफ सीटू कार्यकर्ताओं ने किया विरोध प्रदर्शन, दिखाए काले झंडे - कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग

जिला कुल्लू के सीटू कार्यकर्ताओं ने सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए किसानों की मांगों को न मानने के विरोध में आज धरना प्रदर्शन किया. सीटू के जिला महासचिव राजेश ठाकुर का कहना है कि आज किसानों को अपना धरना प्रदर्शन करते हुए 6 माह का समय पूरा हो गया है, लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक कृषि कानून को निरस्त नहीं किया है.

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Published : May 26, 2021, 2:58 PM IST

कुल्लू: दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के 6 महीने अब पूरे हो गए हैं. अपनी मांगों को मनवाने के लिए किसान अभी भी धरने पर बैठे हुए हैं. किसानों की मांगों को न मानने पर विरोध प्रदर्शन करते हुए कुल्लू में सीटू कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाकर अपना रोष प्रकट किया.

जिला कुल्लू के मुख्यालय सरवरी स्थित सीटू कार्यालय में सीटू कार्यकर्ताओं ने सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान उनके द्वारा श्रम और कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग की. इसके अलावा सीटू के आह्वान पर जिला कुल्लू के ग्रामीण इलाकों में भी बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाकर अपना रोष व्यक्त किया.

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देशव्यापी विरोध प्रदर्शन

सीटू के जिला महासचिव राजेश ठाकुर का कहना है कि आज किसानों को अपना धरना प्रदर्शन करते हुए 6 माह का समय पूरा हो गया है, लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक कृषि कानून को निरस्त नहीं किया है. इसके अलावा मजदूर विरोधी कानूनों को रद्द करने की मांग भी देशभर में सीटू के कार्यकर्ताओं ने रखी थी, लेकिन इस दिशा में भी सरकार ने कोई काम नहीं किया है, जिसके चलते सीटू ने आज देशव्यापी प्रदर्शन कया है.

किसान देश का अन्नदाता

राजेश ठाकुर ने कहा कि किसान देश का अन्नदाता है और कृषि कानूनों के लागू होने से किसानों को कई तरह की मुश्किलें उठानी पड़ेंगी. इसके अलावा मजदूरों के कई अधिकार भी नए श्रम कानूनों में खत्म हो जाएंगे. सीटू ने केंद्र व प्रदेश सरकार से मांग रखी है कि लॉकडाउन के दौरान बेरोजगार हुए लोगों को हर माह 7,500 रूपए की राशि दी जाए. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के कार्यो को भी बढ़ाया जाए, ताकि लोगों को अधिक से अधिक रोजगार लोगों को मिल सके.

ये भी पढ़ें- बिना कुछ खाए-पीए मरीजों की सेवा में डटी हैं नर्स, PPE किट में 8 घंटे बिताने के बाद ऐसी होती है हालत

कुल्लू: दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के 6 महीने अब पूरे हो गए हैं. अपनी मांगों को मनवाने के लिए किसान अभी भी धरने पर बैठे हुए हैं. किसानों की मांगों को न मानने पर विरोध प्रदर्शन करते हुए कुल्लू में सीटू कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाकर अपना रोष प्रकट किया.

जिला कुल्लू के मुख्यालय सरवरी स्थित सीटू कार्यालय में सीटू कार्यकर्ताओं ने सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान उनके द्वारा श्रम और कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग की. इसके अलावा सीटू के आह्वान पर जिला कुल्लू के ग्रामीण इलाकों में भी बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाकर अपना रोष व्यक्त किया.

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देशव्यापी विरोध प्रदर्शन

सीटू के जिला महासचिव राजेश ठाकुर का कहना है कि आज किसानों को अपना धरना प्रदर्शन करते हुए 6 माह का समय पूरा हो गया है, लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक कृषि कानून को निरस्त नहीं किया है. इसके अलावा मजदूर विरोधी कानूनों को रद्द करने की मांग भी देशभर में सीटू के कार्यकर्ताओं ने रखी थी, लेकिन इस दिशा में भी सरकार ने कोई काम नहीं किया है, जिसके चलते सीटू ने आज देशव्यापी प्रदर्शन कया है.

किसान देश का अन्नदाता

राजेश ठाकुर ने कहा कि किसान देश का अन्नदाता है और कृषि कानूनों के लागू होने से किसानों को कई तरह की मुश्किलें उठानी पड़ेंगी. इसके अलावा मजदूरों के कई अधिकार भी नए श्रम कानूनों में खत्म हो जाएंगे. सीटू ने केंद्र व प्रदेश सरकार से मांग रखी है कि लॉकडाउन के दौरान बेरोजगार हुए लोगों को हर माह 7,500 रूपए की राशि दी जाए. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के कार्यो को भी बढ़ाया जाए, ताकि लोगों को अधिक से अधिक रोजगार लोगों को मिल सके.

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