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किसानों के समर्थन में फिर सड़कों पर उतरी सीटू, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

किसानों के आंदोलन के समर्थन में सीटू ने कुल्लू में प्रदर्शन किया. डीसी ऑफिस के बाहर केंद्र सरकार के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की गई. इस दौरान सीटू के कार्यकर्ताओं ने भी साफ किया कि जब तक केंद्र सरकार कृषि कानूनों को रद्द नहीं करती है, तब तक वह किसानों के साथ हैं और इसी तरह से वह अपने आंदोलन को भी तेज करते रहेंगे.

सीटू
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Published : Dec 14, 2020, 2:22 PM IST

कुल्लू: किसानों के आंदोलन को सीटू की ओर से एक बार फिर से समर्थन दिया गया है. सीटू के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने नए कृषि कानून को खत्म करने की मांग को लेकर एक बार फिर से कुल्लू में धरना प्रदर्शन किया. सीटू के कार्यकर्ताओं की ओर से सरवरी से लेकर ढालपुर होते हुए डीसी ऑफिस तक एक बड़ी रैली भी निकाली गई.

कृषि कानूनों को रद्द करें सरकार

डीसी ऑफिस के बाहर केंद्र सरकार के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की गई. इस दौरान सीटू के कार्यकर्ताओं ने भी साफ किया कि जब तक केंद्र सरकार कृषि कानूनों को रद्द नहीं करती है, तब तक वह किसानों के साथ हैं और इसी तरह से वह अपने आंदोलन को भी तेज करते रहेंगे. सीटू के राज्य महासचिव प्रेम गौतम का कहना है कि केंद्र सरकार कृषि कानून को किसानों के हित में बताती रही, लेकिन अब वह संशोधन करने की बात कह रही है.

वीडियो रिपोर्ट

कृषि कानून किसानों के हित में नहीं

इससे यह साफ होता है कि यह कृषि कानून किसी भी तरह से किसानों के हित में नहीं है. किसानों को आज देश विरोधी करार दिया जा रहा है, जो कि गलत है. प्रेम गौतम का कहना है कि हालांकि कई राजनीतिक संगठनों ने भी किसानों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह इस मामले में कोई राजनीति करना चाहते हैं.

बड़े स्तर पर होगा आंदोलन

किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए कृषि कानूनों को जल्द से जल्द रद्द किया जाए. सीटू के कार्यकर्ताओं ने इस दौरान यह ऐलान भी किया कि अगर कुछ दिनों में यह कानून रद्द नहीं किया जाता है तो वह एक बार फिर से बड़े स्तर पर आंदोलन की तैयारी करेंगे.

पढ़ें: शिमला में किसान सभा का प्रदर्शन, उठाई ये मांग

कुल्लू: किसानों के आंदोलन को सीटू की ओर से एक बार फिर से समर्थन दिया गया है. सीटू के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने नए कृषि कानून को खत्म करने की मांग को लेकर एक बार फिर से कुल्लू में धरना प्रदर्शन किया. सीटू के कार्यकर्ताओं की ओर से सरवरी से लेकर ढालपुर होते हुए डीसी ऑफिस तक एक बड़ी रैली भी निकाली गई.

कृषि कानूनों को रद्द करें सरकार

डीसी ऑफिस के बाहर केंद्र सरकार के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की गई. इस दौरान सीटू के कार्यकर्ताओं ने भी साफ किया कि जब तक केंद्र सरकार कृषि कानूनों को रद्द नहीं करती है, तब तक वह किसानों के साथ हैं और इसी तरह से वह अपने आंदोलन को भी तेज करते रहेंगे. सीटू के राज्य महासचिव प्रेम गौतम का कहना है कि केंद्र सरकार कृषि कानून को किसानों के हित में बताती रही, लेकिन अब वह संशोधन करने की बात कह रही है.

वीडियो रिपोर्ट

कृषि कानून किसानों के हित में नहीं

इससे यह साफ होता है कि यह कृषि कानून किसी भी तरह से किसानों के हित में नहीं है. किसानों को आज देश विरोधी करार दिया जा रहा है, जो कि गलत है. प्रेम गौतम का कहना है कि हालांकि कई राजनीतिक संगठनों ने भी किसानों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह इस मामले में कोई राजनीति करना चाहते हैं.

बड़े स्तर पर होगा आंदोलन

किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए कृषि कानूनों को जल्द से जल्द रद्द किया जाए. सीटू के कार्यकर्ताओं ने इस दौरान यह ऐलान भी किया कि अगर कुछ दिनों में यह कानून रद्द नहीं किया जाता है तो वह एक बार फिर से बड़े स्तर पर आंदोलन की तैयारी करेंगे.

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