कुल्लू: जिला के मुख्यालय ढालपुर, अखाड़ा बाजार, सुल्तानपुर, रामशिला में सोमवार से छोटी होली की धूम शुरू हो गई है. यहां पर बैरागी समुदाय के लोगों की टोली भी ढोल नगाड़ों के साथ शहर में घूमती रही और एक-दूसरे पर गुलाल उड़ाया गया. इसके अलावा सुल्तानपुर, अखाड़ा बाजार में भी होली की धूम रही. वहीं, मंगलवार को जिला कुल्लू में बड़ी होली का भी आयोजन किया जाएगा और शाम के समय सुल्तानपुर में होलिका दहन भी किया जाएगा.
जिला कुल्लू में बसंत ऋतु के आगमन के साथ ही होली उत्सव बैरागी समुदाय के द्वारा मनाया जाता है. होलाष्टक शुरू होते ही भगवान रघुनाथ के मंदिर में समुदाय के लोगों के द्वारा गुलाल फेंका जाता है और ब्रज की होली में पारंपरिक गीत भी गाए जाते हैं. ऐसे में सोमवार को भी ढोल नगाड़ों की थाप पर छोटी होली की खूब घूम रही. स्थानीय निवासी हिम्मत राम, रमेश, पवन, दीपक का कहना है कि होली का पर्व भाईचारे का त्योहार है और छोटी होली भी ढालपुर में खूब धूमधाम के साथ मनाई जाती है.
7 मार्च को जिला कुल्लू में होलिका दहन किया जाएगा और 7 मार्च को मंगलवार शाम 6 बजकर 12 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 39 मिनट तक होलिका दहन का मुहूर्त है. 7 मार्च को सुबह 5 बजकर 15 मिनट तक ही भद्रा का साया रहेगा. ऐसे में होली का त्योहार ढालपुर में धूमधाम के साथ मनाया जाएगा. जिला कुल्लू में वैष्णव मत के अनुसार होली का आयोजन किया जाता है. प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. सूरज ठाकुर का कहना है कि वैष्णव मत के अनुसार होलिका दहन से पहले सभी लोग होली मनाते हैं.
अगर किसी की आपस में बनती ना हो तो वे भी गुलाल के रंगों के साथ अपनी कड़वाहट को उड़ा देते हैं. उसके बाद होलिका दहन में सभी मिलकर अपने द्वारा किए गए बुरे कर्मों का पश्चाताप भी करते हैं और भगवान कृष्ण की महिमा का बखान करते हैं. ऐसे में वैष्णव मत के अनुसार जिला कुल्लू में होलिका दहन से पहले होली मनाने की परंपरा आज भी कायम है.
ये भी पढ़ें: छोटी काशी में जमकर उड़ा गुलाल, DJ की धुनों पर थिरके युवा, लोगों ने हर्षोल्लास से मनाया होली का त्योहार