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प्रीणी के बच्चों से जासूसी करवाते थे वाजपेयी, बच्चे भी बताते थे राजनीति के पितामह को ऐसी-ऐसी बातें - PM Atal bihari Vajpayee

आज भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की 96वीं जयंती है. अटल जी का बच्चों से भी सबसे दिलचस्प रिश्ता था. प्रीणी के बच्चे अटल जी के खास जासूस थे. अटल बिहारी वाजपेयी के प्रीणी प्रवास के दौरान बच्चे उनके साथ काफी समय गुजारते थे. वह बच्चों से से जासूस का काम भी लेते थे. अटल जी बच्चों से गांव व आसपास के इलाकों की विभिन्न समस्याओं और हालातों का जायजा लेते थे.

अटल बिहारी वाजपेयी
अटल बिहारी वाजपेयी
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Published : Dec 25, 2020, 1:06 PM IST

शिमला: आज भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की 96वीं जयंती है. हिमाचल से उनका गहरा नाता रहा है. भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष अटल बिहारी वाजपेयी के व्यक्तित्व के अनेक दिलचस्प पहलू रहे हैं. हिमाचल को अटल बिहारी वाजपेयी अपना दूसरा घर बताते थे.

कुल्लू जिला के प्रीणी में अटल जी का अपना घर था. अटल बिहारी वाजपेयी अक्सर कुल्लू के प्रीणी में आते रहते थे और मनाली की वादियों को निहारते हुए उनके मन में कविताएं भी उपजती थीं, लेकिन अटल जी का बच्चों से भी सबसे दिलचस्प रिश्ता था. प्रीणी के बच्चे अटल जी के खास जासूस थे. प्रीणी प्रवास के दौरान बच्चे अटल बिहारी वाजपेयी के साथ काफी समय गुजारते थे.

बच्चे थे अटल जी के खास जासूस

वाजपेयी जी का भी बच्चों से अपार स्नेह था, लेकिन वे उनसे जासूस का काम भी लेते थे और जासूसी भी ऐसी कि किसी को कुछ पता न चले. अटल बिहारी वाजपेयी बच्चों से गांव व आसपास के इलाकों की विभिन्न समस्याओं और हालातों का जायजा लेते थे. अटल जी बच्चों से शिक्षा व्यवस्था के बारे में पूछते थे.

बच्चों से लेते थे यह जानकारी

स्कूल में सुविधाएं हैं या नहीं, अध्यापक सही तरीके से पढ़ाते हैं या नहीं, ऐसी-ऐसी बातें अटल जी बच्चों से पूछा करते थे. इसके साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री पूरे इलाके में स्वास्थ्य सुविधाओं, सड़कों व अन्य बातों की जानकारी भी बच्चों से लिया करते थे. बच्चे सरल मन के होते हैं और उनसे पूर्व प्रधानमंत्री को सारी जानकारी सही-सही मिलती थीं.

बच्चों को खुद से देते थे पैसे

वहीं, वाजपेयी जी बच्चों को मिठाई खाने के लिए खुद की जेब से पैसे भी देते थे. वे पहाड़ी जीवन की कठिनाइयों को अच्छे से जानते थे. यही कारण था कि हर बार अटल बिहारी वाजपेयी अपनी हिमाचल यात्रा पर इस पहाड़ी प्रदेश को कोई न कोई तोहफा जरूर देते थे. अटल जी ने हिमाचल को औद्योगिक पैकेज, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और अन्य कई तोहफे दिए हैं.

हिमाचल को दिए कई तोहफे

अब भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी इस संसार में नहीं हैं, लेकिन उनकी स्मृतियां अटल रहेंगी. अटल जी हिमाचल को अपना दूसरा घर बताते थे. हिमाचल में एक जनसभा के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी ने चुटकी लेते हुए कहा था कि हिमाचल मेरा दूसरा घर है, लेकिन इस घर के लोग अगर हर बार ये सोचेंगे कि आने वाला कुछ लेकर ही आएगा तो हो सकता है कि आने का सिलसिला धीमा पड़ जाए.

प्रदेश के लोग दे रहे श्रद्धांजली

अटल ने यह बातें हंसते हुए कहीं थी और जनसभा में मौजूद लोगों ने भी ठहाके लगाए थे. ये अलग बात है कि अटल जी ने हर बार हिमाचल को कुछ न कुछ जरूर दिया है. यही कारण है कि अटल जी के दूसरे घर यानि हिमाचल में लोग आज विभिन्न जगहों पर उन्हें अपने-अपने तरीके से श्रद्धांजली दे रहे हैं.

शिमला: आज भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की 96वीं जयंती है. हिमाचल से उनका गहरा नाता रहा है. भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष अटल बिहारी वाजपेयी के व्यक्तित्व के अनेक दिलचस्प पहलू रहे हैं. हिमाचल को अटल बिहारी वाजपेयी अपना दूसरा घर बताते थे.

कुल्लू जिला के प्रीणी में अटल जी का अपना घर था. अटल बिहारी वाजपेयी अक्सर कुल्लू के प्रीणी में आते रहते थे और मनाली की वादियों को निहारते हुए उनके मन में कविताएं भी उपजती थीं, लेकिन अटल जी का बच्चों से भी सबसे दिलचस्प रिश्ता था. प्रीणी के बच्चे अटल जी के खास जासूस थे. प्रीणी प्रवास के दौरान बच्चे अटल बिहारी वाजपेयी के साथ काफी समय गुजारते थे.

बच्चे थे अटल जी के खास जासूस

वाजपेयी जी का भी बच्चों से अपार स्नेह था, लेकिन वे उनसे जासूस का काम भी लेते थे और जासूसी भी ऐसी कि किसी को कुछ पता न चले. अटल बिहारी वाजपेयी बच्चों से गांव व आसपास के इलाकों की विभिन्न समस्याओं और हालातों का जायजा लेते थे. अटल जी बच्चों से शिक्षा व्यवस्था के बारे में पूछते थे.

बच्चों से लेते थे यह जानकारी

स्कूल में सुविधाएं हैं या नहीं, अध्यापक सही तरीके से पढ़ाते हैं या नहीं, ऐसी-ऐसी बातें अटल जी बच्चों से पूछा करते थे. इसके साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री पूरे इलाके में स्वास्थ्य सुविधाओं, सड़कों व अन्य बातों की जानकारी भी बच्चों से लिया करते थे. बच्चे सरल मन के होते हैं और उनसे पूर्व प्रधानमंत्री को सारी जानकारी सही-सही मिलती थीं.

बच्चों को खुद से देते थे पैसे

वहीं, वाजपेयी जी बच्चों को मिठाई खाने के लिए खुद की जेब से पैसे भी देते थे. वे पहाड़ी जीवन की कठिनाइयों को अच्छे से जानते थे. यही कारण था कि हर बार अटल बिहारी वाजपेयी अपनी हिमाचल यात्रा पर इस पहाड़ी प्रदेश को कोई न कोई तोहफा जरूर देते थे. अटल जी ने हिमाचल को औद्योगिक पैकेज, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और अन्य कई तोहफे दिए हैं.

हिमाचल को दिए कई तोहफे

अब भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी इस संसार में नहीं हैं, लेकिन उनकी स्मृतियां अटल रहेंगी. अटल जी हिमाचल को अपना दूसरा घर बताते थे. हिमाचल में एक जनसभा के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी ने चुटकी लेते हुए कहा था कि हिमाचल मेरा दूसरा घर है, लेकिन इस घर के लोग अगर हर बार ये सोचेंगे कि आने वाला कुछ लेकर ही आएगा तो हो सकता है कि आने का सिलसिला धीमा पड़ जाए.

प्रदेश के लोग दे रहे श्रद्धांजली

अटल ने यह बातें हंसते हुए कहीं थी और जनसभा में मौजूद लोगों ने भी ठहाके लगाए थे. ये अलग बात है कि अटल जी ने हर बार हिमाचल को कुछ न कुछ जरूर दिया है. यही कारण है कि अटल जी के दूसरे घर यानि हिमाचल में लोग आज विभिन्न जगहों पर उन्हें अपने-अपने तरीके से श्रद्धांजली दे रहे हैं.

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