कुल्लू: सोमवार को तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. राम लाल मार्कण्डेय लाहौल घाटी के चांटूग गांव पहुंचे. ग्रामीणों ने एक पेड़ को नदी के ऊपर डाला और मंत्री डॉ राम लाल मार्कण्डेय उफनती नदी को पार कर मौके पर पहुंचे और लोगों का दुख दर्द जाना.
गांव में बीते मंगलवार को भारी बारिश व बाढ़ ने खासा नुकसान पहुंचाया है. मंत्री चांगुट गांव पहुंचे तो हालात देखकर हैरान रह गए. गांव की और जाने वाला पुल पानी में बह गया है. दो घर बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. किसानों की फसलों से लदी जमीन बाढ़ की चपेट में आ गई हैं. दो रात पहाड़ी में गुजारने वाले ग्रामीणों ने अपना दर्द साझा किए तो हर कोई हैरान रह गया. कहर बनकर टूटी बाढ़ ने चांगुट के ग्रामीणों को तोड़कर रख दिया है.
फसल के साथ बाढ़ में बह गई जमीन ने ग्रामीणों को भविष्य को लेकर चिंता में डाल दिया है. इस दौरान आपबीती सुनाते हुए उन्होंने बताया कि इंटरनेट की व्यवस्था न होने से वे घाटी के बाहर से मदद भी नहीं मांग पाए. मंगलवार की रात को उन्होंने घर छोड़कर जंगल की गुफा में शरण ली. दूसरे दिन भी नाले में पानी कम नहीं हुआ और उन्हें वहीं रहना पड़ा.
तीसरे दिन वीरवार को पड़ोस के गांव के लोग उनकी मदद के लिए पहुंचे. अब जब वह घर लौटे तो बाढ़ की चपेट में आने से नष्ट हुए खेतों को देख हताश हो गए. ग्रामीण पलजोर, दीपक, टशी, रिगजिन डोलमा व सोनम बुटी ने बताया कि उनके फसल से भरे सारे खेत बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. साल की सारी कमाई तो खत्म हो ही गई भविष्य में खेत जोतने को जगह भी नहीं रही है. ग्रामीणों ने सरकार से आग्रह किया कि उनकी हालत की भी सुध लें और जल्द से जल्द उन्हें राहत पहुंचाएं.
तकनीकी शिक्षा मंत्री डाक्टर रामलाल मार्कंडेय ने कहा कि उन्होंने घाटी में जाकर बाढ़ से प्रभावित हुए सभी गांवों का दौरा किया और नुकसान का जायजा लिया. बाढ़ के कारण मायड़ घाटी में सड़क, फसल व लोगों की जमीनों का बहुत नुकसान हुआ है. सरकार सभी को हर संभव सहायता देगी.
ये भी पढ़ें: बारिश का कहर! रुलदुभट्टा में कच्चे मकान का हिस्सा ढहा, 9 वर्षीय बच्ची घायल