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कोरोना काल में बागवानों को जोर का झटका, सरकार के इस फैसले से ग्रोवर एसोसिएशन निराश

कोरोना काल में सरकार ने बागवानों को जोर का झटका दिया है. पिछले साल के मुकाबले रूट स्टाॅक के पौधों में 115 रुपयों की बढ़ौतरी होने से आनी वैली ग्रोवर ऐसोसिएशन ने उठाई सरकार से दामों में कटौती की मांग.

Ani Valley Growers Association
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Published : Feb 9, 2021, 11:01 AM IST

कुल्लू/आनी: एक ओर कोरोना काल के बीच जहां बागवानों को पहले ही आर्थिक दृष्टि से बेहद नुकसान झेलना पड़ा है, वहीं सरकार ने बागवानों को एक जोर का झटका दिया है. पिछले साल रूट स्टाक के जो सेब के पौधे विभाग द्वारा 240 रूपये में विक्रय किए गए थे, इस साल वही पौधे 115 रुपये बढ़ाकर 355 रुपये किए गए हैं. जिससे बागवानों में सरकार व विभाग के रवैये के प्रति बेहद आक्रोश है.

सरकार के फैसले से निराश सेब के बागवान

बतादे कि, एक ओर जहां बागवानी को सुदृढ़ करने के लिए सरकार द्वारा बेहद महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट जमीन पर उतारे गए हैं, वहीं सरकार द्वारा बागवानों के लिए इस बार बढ़ाए गए भारी भरकम सेब के दामों से ऐसी परियोजनाओं पर बागवानों की तरफ से सवालिया निशान भी उठाए हैं.

पौधों के दामों में बढ़ोतरी

आनी वैली ग्रोवर एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश ठाकुर, विरेन्द्र परमार, संतोष ठाकुर, सहित एसोसिएशन के तमाम सदस्यों का कहना है कि इस साल कोरोना ने जहां पहले से ही बागवानों की हालत खराब कर दी वहीं, इसके बावजूद सरकार ने रूट स्टाॅक की पौधों के दामों में रिकॉर्ड 115 रुपये बढ़ाकर 355 रुपये कर दिए गए हैं, जबकि अखरोट का पेड़ जो पिछली साल 775 रुपये का था वो साल 1500 रुपये का किया गया है जिससे बागवानों के होश उड़ गए हैं.

सरकार से बागवानों ने की मांग पौधों के बढ़े दामों को वापस ले

उन्होंने कहा कि बागवानों की आर्थिक को सुदृढ़ करने के लिए वर्ल्ड बैंक के सहयोग से 1134 करोड रुपये का पैकेज रखा गया है, जिसपर सवालिया निशान है. उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट के तहत बागवानी और आर्थिकी को मजबूत करना, गुणवता युक्त फल का उत्पादन प्रतिस्पर्धा के लिए ये प्रोजेक्ट लाया गया था. ऐसे में बागवानों ने रोष प्रकट करते हुए सरकार व विभाग से मांग उठाई है कि सेब पौधों के बढ़े दामों को वापस लिया जाए और बागवानों के हितों का ध्यान रखते हुए सकारात्मक कदम उठाएं.

आनी में रूट स्टाॅक के बांटे जाएंगे 8 हजार पौधे

उल्लेखनीय है कि बागवानों की गुणवता का ध्यान रखते हुए बेहतर पौध किस्मों को बागवानों को विक्रय किए जा रहे हैं. पूरे प्रदेश में ये पौध हर केंद्रों में गू्रपों के माध्यम से विक्रय किए जाते हैं. आनी में रूट स्टाॅक के करीब आठ हजार पौधे बांटे जाएंगे. वहीं, इस बारे विशेषज्ञ उद्यान विभाग आनी केएल कटोच का कहना है कि आनी में रूट स्टाॅक के प्लांट आ रहे हैं. पौधों के दाम सरकार द्वारा ही तय किए जाते हैं.

ये भी पढ़े:- डिपो होल्डर ने मृतकों के नाम पर बांट दिए राशन, विभाग ने दिए 1 लाख रुपये वसूलने के आदेश

कुल्लू/आनी: एक ओर कोरोना काल के बीच जहां बागवानों को पहले ही आर्थिक दृष्टि से बेहद नुकसान झेलना पड़ा है, वहीं सरकार ने बागवानों को एक जोर का झटका दिया है. पिछले साल रूट स्टाक के जो सेब के पौधे विभाग द्वारा 240 रूपये में विक्रय किए गए थे, इस साल वही पौधे 115 रुपये बढ़ाकर 355 रुपये किए गए हैं. जिससे बागवानों में सरकार व विभाग के रवैये के प्रति बेहद आक्रोश है.

सरकार के फैसले से निराश सेब के बागवान

बतादे कि, एक ओर जहां बागवानी को सुदृढ़ करने के लिए सरकार द्वारा बेहद महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट जमीन पर उतारे गए हैं, वहीं सरकार द्वारा बागवानों के लिए इस बार बढ़ाए गए भारी भरकम सेब के दामों से ऐसी परियोजनाओं पर बागवानों की तरफ से सवालिया निशान भी उठाए हैं.

पौधों के दामों में बढ़ोतरी

आनी वैली ग्रोवर एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश ठाकुर, विरेन्द्र परमार, संतोष ठाकुर, सहित एसोसिएशन के तमाम सदस्यों का कहना है कि इस साल कोरोना ने जहां पहले से ही बागवानों की हालत खराब कर दी वहीं, इसके बावजूद सरकार ने रूट स्टाॅक की पौधों के दामों में रिकॉर्ड 115 रुपये बढ़ाकर 355 रुपये कर दिए गए हैं, जबकि अखरोट का पेड़ जो पिछली साल 775 रुपये का था वो साल 1500 रुपये का किया गया है जिससे बागवानों के होश उड़ गए हैं.

सरकार से बागवानों ने की मांग पौधों के बढ़े दामों को वापस ले

उन्होंने कहा कि बागवानों की आर्थिक को सुदृढ़ करने के लिए वर्ल्ड बैंक के सहयोग से 1134 करोड रुपये का पैकेज रखा गया है, जिसपर सवालिया निशान है. उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट के तहत बागवानी और आर्थिकी को मजबूत करना, गुणवता युक्त फल का उत्पादन प्रतिस्पर्धा के लिए ये प्रोजेक्ट लाया गया था. ऐसे में बागवानों ने रोष प्रकट करते हुए सरकार व विभाग से मांग उठाई है कि सेब पौधों के बढ़े दामों को वापस लिया जाए और बागवानों के हितों का ध्यान रखते हुए सकारात्मक कदम उठाएं.

आनी में रूट स्टाॅक के बांटे जाएंगे 8 हजार पौधे

उल्लेखनीय है कि बागवानों की गुणवता का ध्यान रखते हुए बेहतर पौध किस्मों को बागवानों को विक्रय किए जा रहे हैं. पूरे प्रदेश में ये पौध हर केंद्रों में गू्रपों के माध्यम से विक्रय किए जाते हैं. आनी में रूट स्टाॅक के करीब आठ हजार पौधे बांटे जाएंगे. वहीं, इस बारे विशेषज्ञ उद्यान विभाग आनी केएल कटोच का कहना है कि आनी में रूट स्टाॅक के प्लांट आ रहे हैं. पौधों के दाम सरकार द्वारा ही तय किए जाते हैं.

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