कुल्लू: जिला कुल्लू में बीते दिनों हुई भारी बारिश और बर्फबारी से सेब और प्लम की फसल के लिए नुकसान बनकर आई है. वहीं, मटर, गेंहू सहित अन्य फसलों को भी नुकसान हुआ है. किसानों और बागवानों ने सरकार से राहत की मांग की है.
सेब की फसल को 50 से 80 प्रतिशत नुकसान
जिला कुल्लू में हुई बर्फबारी के कारण कई जगह पर सेब के पेड़ की टहनियां टूट गई हैं और कई जगह पर छोटे पेड़ उखड़ गए हैं. जिसके चलते इस साल सेब का सीजन काफी प्रभावित होगा. वहीं, बागवानी विभाग भी नुकसान की रिपोर्ट तैयार करने में जुट गया है.
कई इलाकों में सेब की फसल को 50 से 80 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है. इससे जिले में करोड़ों रुपये की क्षति हुई है. बर्फबारी ने जिले के 6000 फीट की ऊंचाई वाले इलाकों में सेब के बगीचों में खिले फूलों को भारी नुकसान पहुंचाया है. बर्फ के कारण फूल का परागण धुल गया है. ऐसे में फल बनने की प्रक्रिया पर नकारात्मक असर पड़ेगा.
बर्फबारी से भारी नुकसान
कई क्षेत्रों के बगीचों में लगे हेल नेट पर बर्फ पड़ने से पौधों को भारी क्षति पहुंची है. पेड़ भी तहस-नहस हो गए. बगीचों में खिले उम्मीदों के फूलों पर पानी फिरने से बंपर उत्पादन को झटका लगा है. घाटी में 30 हजार हेक्टेयर भूमि पर बागवानी हो रही है. सेब कारोबार से 75 हजार परिवार प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं.
एकाएक बर्फबारी और भारी बारिश से सेब फसल की अनुमानित 75 लाख पेटियों का आंकड़ा भी अब गिर जाएगा. जिले के आनी, निरमंड, ऊझी घाटी, मणिकर्ण, खराहल के ऊपरी क्षेत्रों के साथ लगवैली, सैंज और बंजार आदि में बर्फबारी से भारी नुकसान हुआ है.
बागवानी विभाग से मांगी नुकसान की रिपोर्ट
जिला बागवानी उपनिदेशक डॉ. विद्या प्रकाश ने कहा कि बर्फबारी से पड़ी ठंड से सेब की फसल को बहुत नुकसान हुआ है. डीसी कुल्लू डॉ. ऋचा वर्मा ने कहा कि नुकसान की रिपोर्ट बागवानी विभाग से मांगी है.
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