मनाली: घाटी में सेब और नाशपाती का सीजन शुरू हो चुका है. ऐसे में घाटी के बागवानों को अपनी सेब की फसल और अन्य फसलों की ढुलाई के लिए मजदूर न मिलने से अपनी फसलों को सब्जी मंडियों तक पहुंचाने की चिंता सता रही है.
ऐसे में घाटी के बागवान पूरी तरह से अपने ऊपर ही निर्भर हैं, क्योंकि इन दिनों प्रदेश में मजदूरों की भारी कमी चल रही है और प्रदेश सरकार भी अभी तक बाहरी राज्यों के मजदूरों को प्रदेश में सेब के सीजन के लिए नहीं ला पा रही है. यह कहना है प्रदेश कांग्रेस सचिव राजीव किमटा का.
मनाली में पत्रकारों से बात करते हुए राजीव किमटा ने कहा कि प्रदेश सरकार की कथनी और करनी में बहुत अंतर है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में सेब का सीजन शुरू हो गया है. ऐसे में प्रदेश सरकार जल्द से जल्द मजदूरों को प्रदेश में लाए, ताकि प्रदेश के किसान बागवानों को सुविधा मिल सके.
राजीव किमटा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 50 पैसे सेब का सर्मथन मूल्य बढ़ाकर किसान बागवानों के साथ भद्दा मजाक किया है, जबकि सेब की फसल पर प्रति किलो के हिसाब से बागवानों का सोलह से सत्रह रूपये खर्चा आता है.
उन्होंने कहा कि मनाली में पर्यटन व्यव्साय पहले ही कोरोना वायरस के कारण प्रभावित हुआ है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह बागवानों के बारे में सोचे और उनके हित में फैसले लें.
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