ETV Bharat / state

रास्ता दिखाने वाली वेबसाइट खुद रास्ते से भटकी, सरकारी वेबसाइट पर डला एडल्ट कंटेंट - हिमाचल न्यूज

कुल्लू जिले के ट्रैकिंग रूट पर रास्ता भटकने वाले टैकर्स की सहायता के लिए जिला प्रशासन की ओर से बनाई गई गोकुल्लू डॉट कॉम वेबसाइट एक साल से इस्तमाल न होने से खुद रास्ता भटक गई है. इस वेबसाइट के लिंक पर क्लिक करने पर अरबी भाषा में एडल्ट कंटेंट ओपन हो रहे हैं.

Adult content Uploaded on website of kullu administration
Adult content Uploaded on website of kullu administration
author img

By

Published : Jan 5, 2021, 10:05 AM IST

Updated : Jan 5, 2021, 12:32 PM IST

कुल्लू: हिमाचल में हर साल लाखों की संख्या में टूरिस्ट घूमने आते हैं. यह टूरिस्ट फेमस डेस्टिनेशन शिमला, मनाली, डलहौजी और धर्मशाला जैसे पर्यटन स्थलों पर प्राकृतिक खूबसूरती का लुत्फ उठाने पहुंचते हैं. यहां पहुंच कई पर्यटक ट्रैकिंग के लिए भी जाते हैं. खासकर कुल्लू ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए स्वर्ग सरीखा माना जाता है.

ट्रैकिंग पर गए पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कुल्लू जिला प्रशासन ने रास्ता भटकने वाले ट्रैकर्स की सहायता के लिए एक वेबसाइट बनाई थी. इस वेबसाइट का नाम था गोकुल्लू डॉट कॉम. इस वेबसाइट का काम था, जो ट्रैकर्स रास्ता भटक जाते थे उन्हें सही सलामत ढूंढ निकालना.

रास्ता भटकने वाले ट्रैकर्स की सहायता के लिए जिला प्रशासन की ओर से बनाई गई http://gokullu.com वेबसाइट एक साल से इस्तमाल न होने से खुद रास्ता भटक गई है. जिला प्रशासन ने 2017 में पर्यटकों की सुविधा के लिए आधुनिक एप्लीकेशन तैयार की थी, ताकि ट्रैकिंग के दौरान रास्ता भटकने वाले या आपदा में फंसे पर्यटकों को ढूंढा जा सके.

अरबी भाषा में वेबसाइट पर डाला एडल्ट कंटेंट

गोकुल्लू डॉट कॉम वेबसाइट को अत्याधुनिक जियो ट्रैकिग एप्लीकेशन से जोड़ा गया था. अब इस वेबसाइट के लिक पर क्लिक करने पर अरबी भाषा में एडल्ट कंटेंट ओपन हो रहे हैं. यह वेबसाइट करीब एक साल से बंद है और इसका इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है.

इसके पीछे की वजह यह हो सकती है कि शायद इसकी रिन्यूअल फीस नहीं भरी गई हैं. इस कारण अब इस वेबसाइट का डोमेन नेम किसी और ने ले लिया है और वह इसमें ऐसी सामग्री प्रेषित कर रहा है.

वेबसाइट के लिए सीएम ने जिला प्रशासन को किया था सम्मानित

प्रशासन ने जब ये वेबसाइट बनाई थी तो पुलिस के सहयोग से इस वेबसाइट में एक ऐसा लिंक भी शामिल किया गया था, जिसमें जीपीएस के माध्यम से ट्रैकरों की लोकेशन का पता लगता था और आपात स्थिति में पर्यटकों से संपर्क किया जा सकता था. इस वेबसाइट के लिए मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को सम्मानित भी किया था.

कुल्लू की उपायुक्त डॉ. ऋचा वर्मा से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि एक साल से वेबसाइट बंद है और जिला प्रशासन इसका इस्तेमाल नहीं कर रहा है. गोकुल्लू डॉट कॉम को जिला प्रशासन द्वारा गोकुल्लू डॉट इन के नाम से अपडेट किया जा रहा है. वेबसाइट का गलत इस्तेमाल होने के बारे में साइबर सेल से शिकायत की जाएगी.

कुल्लू: हिमाचल में हर साल लाखों की संख्या में टूरिस्ट घूमने आते हैं. यह टूरिस्ट फेमस डेस्टिनेशन शिमला, मनाली, डलहौजी और धर्मशाला जैसे पर्यटन स्थलों पर प्राकृतिक खूबसूरती का लुत्फ उठाने पहुंचते हैं. यहां पहुंच कई पर्यटक ट्रैकिंग के लिए भी जाते हैं. खासकर कुल्लू ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए स्वर्ग सरीखा माना जाता है.

ट्रैकिंग पर गए पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कुल्लू जिला प्रशासन ने रास्ता भटकने वाले ट्रैकर्स की सहायता के लिए एक वेबसाइट बनाई थी. इस वेबसाइट का नाम था गोकुल्लू डॉट कॉम. इस वेबसाइट का काम था, जो ट्रैकर्स रास्ता भटक जाते थे उन्हें सही सलामत ढूंढ निकालना.

रास्ता भटकने वाले ट्रैकर्स की सहायता के लिए जिला प्रशासन की ओर से बनाई गई http://gokullu.com वेबसाइट एक साल से इस्तमाल न होने से खुद रास्ता भटक गई है. जिला प्रशासन ने 2017 में पर्यटकों की सुविधा के लिए आधुनिक एप्लीकेशन तैयार की थी, ताकि ट्रैकिंग के दौरान रास्ता भटकने वाले या आपदा में फंसे पर्यटकों को ढूंढा जा सके.

अरबी भाषा में वेबसाइट पर डाला एडल्ट कंटेंट

गोकुल्लू डॉट कॉम वेबसाइट को अत्याधुनिक जियो ट्रैकिग एप्लीकेशन से जोड़ा गया था. अब इस वेबसाइट के लिक पर क्लिक करने पर अरबी भाषा में एडल्ट कंटेंट ओपन हो रहे हैं. यह वेबसाइट करीब एक साल से बंद है और इसका इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है.

इसके पीछे की वजह यह हो सकती है कि शायद इसकी रिन्यूअल फीस नहीं भरी गई हैं. इस कारण अब इस वेबसाइट का डोमेन नेम किसी और ने ले लिया है और वह इसमें ऐसी सामग्री प्रेषित कर रहा है.

वेबसाइट के लिए सीएम ने जिला प्रशासन को किया था सम्मानित

प्रशासन ने जब ये वेबसाइट बनाई थी तो पुलिस के सहयोग से इस वेबसाइट में एक ऐसा लिंक भी शामिल किया गया था, जिसमें जीपीएस के माध्यम से ट्रैकरों की लोकेशन का पता लगता था और आपात स्थिति में पर्यटकों से संपर्क किया जा सकता था. इस वेबसाइट के लिए मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को सम्मानित भी किया था.

कुल्लू की उपायुक्त डॉ. ऋचा वर्मा से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि एक साल से वेबसाइट बंद है और जिला प्रशासन इसका इस्तेमाल नहीं कर रहा है. गोकुल्लू डॉट कॉम को जिला प्रशासन द्वारा गोकुल्लू डॉट इन के नाम से अपडेट किया जा रहा है. वेबसाइट का गलत इस्तेमाल होने के बारे में साइबर सेल से शिकायत की जाएगी.

Last Updated : Jan 5, 2021, 12:32 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.