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कोरोना कर्फ्यू के बीच मनरेगा के 15 हजार कार्य-सृजित, 21,730 लोगों को मिला है रोजगार

उप-निदेशक एवं परियोजना अधिकारी जिला ग्रामीण विकास अभिकरण सुरजीत ठाकुर ने बताया कि कुल्लू जिला में हजारों लोग कोरोना कर्फ्यू के बीच भी मनरेगा में कार्य कर रहे हैं. जिले में अप्रैल माह के उपरांत मनरेगा में 15,015 परिवारों के 21,730 लोगों को रोजगार प्रदान किया जा रहा है. मनरेगा के अंतर्गत जिला में 15,283 विभिन्न कार्य चले हैं और 2.68 लाख कार्य दिवस अर्जित किए गए हैं.

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Published : May 20, 2021, 10:48 AM IST

कुल्लू: कोरोना कर्फ्यू में भी ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब व मध्यमवर्ग परिवारों की आर्थिक गतिविधियों पर किसी प्रकार का प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है. गौरतलब है कि प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने जनहित में कोरोना कर्फ्यू लगाने का निर्णय लेते समय मनरेगा के कार्यों को जारी रखने की एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया था. प्रदेश सरकार के इस निर्णय से लाखों जॉब कार्ड धारकों ने बड़ी राहत महसूस की.

मनरेगा के अंतर्गत चल रहे 15,283 कार्य

उप-निदेशक एवं परियोजना अधिकारी जिला ग्रामीण विकास अभिकरण सुरजीत ठाकुर ने बताया कि कुल्लू जिला में हजारों लोग कोरोना कर्फ्यू के बीच भी मनरेगा में कार्य कर रहे हैं. जिले में अप्रैल माह के उपरांत मनरेगा में 15,015 परिवारों के 21,730 लोगों को रोजगार प्रदान किया जा रहा है. मनरेगा के अंतर्गत जिला में 15,283 विभिन्न कार्य चले हैं और 2.68 लाख कार्य दिवस अर्जित किए गए हैं.

कोरोना कर्फ्यू के दौरान मनरेगा में दी गई विशेष ढील

उप-निदेशक ने बताया कि सरकार के निर्णय के अनुसार कोई भी परिवार निजी भूमि के विकास या इसमें पौधा रोपण करवाना चाहता है तो इसके लिए ग्राम सभा में शैल्फ डलवाने की आवश्यकता नहीं हैं. इसके लिए ग्राम पंचायत एवं विकास अधिकारी यानि पंचायत सचिव को प्रार्थना पत्र देना होगा. साथ ही स्थानीय तौर पर काम करने वालों के मनरेगा में जॉब के लिए आवेदन आए होने चाहिए. इस प्रकार की ढील कोरोना कर्फ्यू के दौरान दी गई है, हालांकि बाद में इस प्रकार के कार्यों को संबंधित खंड विकास अधिकारी से स्वीकृत करवाने की आवश्यकता रहेगी.

मनरेगा कार्य के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध

सुरजीत का कहना है कि मनरेगा के अंतर्गत सरकार ने जिला के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करवाई है. अनेक कार्य ऐसे भी हैं जो स्थानीय जॉब कार्ड धारकों द्वारा रोजगार के लिए आवेदन न कर पाने के कारण अस्थाई तौर पर स्थगित किए गए हैं. जैसे ही जॉब के लिए आवेदन आएंगे, इन कार्यों का निष्पादन किया जाएगा. जिला में मनरेगा के तहत कार्यों की स्थिति संतोषजनक है. समस्त खण्ड विकास अधिकारी अपने क्षेत्रों में मनरेगा कार्यों की विशेष तौर पर निगरानी कर रहे हैं. मुख्य फोक्स ग्रामीण बेरोजगार लोगों को मनरेगा में काम सुनिश्चित बनाने पर रहता है.

ये भी पढ़ें: लाहौल वासियों को सुविधा: वैक्सीनेशन के लिए 80 फीसदी लोग कर सकेंगे ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन

कुल्लू: कोरोना कर्फ्यू में भी ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब व मध्यमवर्ग परिवारों की आर्थिक गतिविधियों पर किसी प्रकार का प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है. गौरतलब है कि प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने जनहित में कोरोना कर्फ्यू लगाने का निर्णय लेते समय मनरेगा के कार्यों को जारी रखने की एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया था. प्रदेश सरकार के इस निर्णय से लाखों जॉब कार्ड धारकों ने बड़ी राहत महसूस की.

मनरेगा के अंतर्गत चल रहे 15,283 कार्य

उप-निदेशक एवं परियोजना अधिकारी जिला ग्रामीण विकास अभिकरण सुरजीत ठाकुर ने बताया कि कुल्लू जिला में हजारों लोग कोरोना कर्फ्यू के बीच भी मनरेगा में कार्य कर रहे हैं. जिले में अप्रैल माह के उपरांत मनरेगा में 15,015 परिवारों के 21,730 लोगों को रोजगार प्रदान किया जा रहा है. मनरेगा के अंतर्गत जिला में 15,283 विभिन्न कार्य चले हैं और 2.68 लाख कार्य दिवस अर्जित किए गए हैं.

कोरोना कर्फ्यू के दौरान मनरेगा में दी गई विशेष ढील

उप-निदेशक ने बताया कि सरकार के निर्णय के अनुसार कोई भी परिवार निजी भूमि के विकास या इसमें पौधा रोपण करवाना चाहता है तो इसके लिए ग्राम सभा में शैल्फ डलवाने की आवश्यकता नहीं हैं. इसके लिए ग्राम पंचायत एवं विकास अधिकारी यानि पंचायत सचिव को प्रार्थना पत्र देना होगा. साथ ही स्थानीय तौर पर काम करने वालों के मनरेगा में जॉब के लिए आवेदन आए होने चाहिए. इस प्रकार की ढील कोरोना कर्फ्यू के दौरान दी गई है, हालांकि बाद में इस प्रकार के कार्यों को संबंधित खंड विकास अधिकारी से स्वीकृत करवाने की आवश्यकता रहेगी.

मनरेगा कार्य के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध

सुरजीत का कहना है कि मनरेगा के अंतर्गत सरकार ने जिला के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करवाई है. अनेक कार्य ऐसे भी हैं जो स्थानीय जॉब कार्ड धारकों द्वारा रोजगार के लिए आवेदन न कर पाने के कारण अस्थाई तौर पर स्थगित किए गए हैं. जैसे ही जॉब के लिए आवेदन आएंगे, इन कार्यों का निष्पादन किया जाएगा. जिला में मनरेगा के तहत कार्यों की स्थिति संतोषजनक है. समस्त खण्ड विकास अधिकारी अपने क्षेत्रों में मनरेगा कार्यों की विशेष तौर पर निगरानी कर रहे हैं. मुख्य फोक्स ग्रामीण बेरोजगार लोगों को मनरेगा में काम सुनिश्चित बनाने पर रहता है.

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