कुल्लूः जिले की सबसे दुर्गम पंचायत गाड़ापारली के शाकटी गांव की 110 वर्षीय शाड़ी देवी का शनिवार को निधन हो गया. शाड़ी देवी अपने पूरे जीवन में न तो सड़क का लाभ ले पाई और न ही बिजली की रोशनी देख पाई.
शाड़ी देवी की अंतिम इच्छा थी कि उनके गांव में बिजली और सड़क सुविधा मुहैया करवाई जाए, लेकिन उनकी अंतिम इच्छा पूरी करने में प्रदेश और केन्द्र सरकार दोनों ही विफल रही.
शाड़ी देवी ने लोकगीत के माध्यम से गांव को सड़क व बिजली देने की अपील की थी जो चुनावी शोर में थम सी गई.
गौर रहे कि निर्वाचन विभाग द्वारा लोकसभा चुनाव में शाड़ी देवी को कुल्लवी शॉल व गुलदस्ता देकर सम्मानित करके वोट प्रतिशतता को बढ़ाने का प्रयास किया जो सफल भी रहा, लेकिन इसी दौरान शाड़ी देवी ने लोकगीत के माध्यम से गांव को सड़क व बिजली देने की अपील की थी जो चुनावी शोर में थम सी गई.
जिला कुल्लू का यह शाकटी गांव देव परंपरा के लिए प्रसिद्ध है. कुल्लू के साथ-साथ मंडी जिले से भी विभिन्न देवी-देवता अपनी शुद्धि के लिए शाकटी गांव में आते हैं, लेकिन देव मिलन से पहले यहां आने वाले सभी देवी देवता शाड़ी देवी से जरूर मिलन करते थे.
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शाकटी गांव के आराध्य देवता वशिष्ठ ऋषि के कारदार लूदर सिंह ने भावुक होते हुए बताया कि शाड़ी देवी की क्षतिपूर्ति देव समाज के लिए कभी पूरी नहीं हो सकती.