कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में विभिन्न पंचायतों में तैनात ग्राम रोजगार सेवक 3 माह से अपने वेतन के लिए तरस रहे हैं, लेकिन उन्हें केंद्र से पैसा ना आने की बात कहकर हर बार टाला जा रहा है. ऐसे में वेतन न मिलने के चलते ग्राम रोजगार सेवक अपने परिवार का खर्च उठाने में भी काफी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं. हिमाचल प्रदेश की विभिन्न पंचायतों में ग्राम रोजगार सेवक मनरेगा के क्रियान्वयन और पंचायती राज विभाग के अन्य सेवाओं को पूरा करने में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं. कोरोना काल में भी जो ग्राम रोजगार सेवक अपने काम से पीछे नहीं हटे आज वो अपने हक का वेतन पाने के लिए तरस रहे हैं.
'वेतन नहीं मिला तो होगा काम बंद': वहीं, ग्राम रोजगार सेवकों की शिकायत है कि जब उन्हें वेतन देने की बात आती है तो विभाग के अधिकारी उन्हें केंद्र सरकार से पैसा नहीं आने की बात कह कर टाल रहे हैं. ऐसे में ग्राम रोजगार सेवक वेतन न मिलने के चलते परेशान हो गए हैं. मौजूदा समय में 1 ग्राम रोजगार सेवक 3 से 4 पंचायतों का काम देख रहा है. वहीं, ग्राम रोजगार सेवक संघ ने निर्णय लिया है कि अगर उन्हें समय पर वेतन नहीं मिला तो वह काम बंद कर देंगे. हालांकि वेतन न मिलने की समस्या को लेकर उन्होंने कई बार पंचायती राज विभाग को भी सूचित किया लेकिन अभी तक उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पाया है.
हिमाचल में 1007 ग्राम रोजगार सेवक: हिमाचल प्रदेश में 1007 ग्राम रोजगार सेवक विभिन्न पंचायतों में काम कर रहे हैं. कांगड़ा जिले में सबसे ज्यादा 229 ग्राम रोजगार सेवक विभिन्न पंचायत में कार्य कर रहे हैं. हमीरपुर जिले में 74, मंडी में 128, बिलासपुर में 41, कुल्लू में 53, चंबा में 116, ऊना में 76, सोलन में 68, सिरमौर में 75, शिमला में 113 और किन्नौर में 21 ग्राम रोजगार सेवक अपनी सेवाएं दे रहे हैं. हिमाचल प्रदेश में ग्राम रोजगार सेवक, कंप्यूटर ऑपरेटर सहित अन्य को हर माह लगभग 5 करोड़ रुपये का वेतन दिया जाता है. यह वेतन केंद्र सरकार की तरफ से दिया जाता है, लेकिन केंद्र सरकार से पैसा आने में कई बार देरी भी हो जाती है जिस कारण कर्मचारियों को वेतन का भुगतान करने में भी विभाग को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
पंचायतों में ग्राम रोजगार सेवक के कार्य: पंचायत स्तर पर ग्राम रोजगार सेवक का मुख्य कार्य मनरेगा के कार्यों का क्रियान्वयन करना है और मनरेगा के नए कार्यों के लिए मजदूरों का जॉब कार्ड भी ग्राम रोजगार सेवक के द्वारा तैयार किया जाता है. योजना में काम करने वालों की सूची भी रोजगार सेवक के द्वारा तैयार की जाती है और मास्टर रोल तैयार किया जाता है. इसके अलावा मनरेगा के तहत होने वाले नए कार्यों का सर्वे भी ग्रामीण रोजगार सेवक के द्वारा किया जाता है और मनरेगा मजदूरों की उपस्थिति भी रोजगार सेवक ही दर्ज करते हैं.
सरकार से ग्राम रोजगार सेवकों की गुहार: ग्राम रोजगार सेवक संघ हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष शिवराज ठाकुर, जिला कुल्लू के अध्यक्ष विद्यासागर का कहना है कि 3 माह से ग्राम रोजगार सेवकों का वेतन नहीं मिल पाया है. ऐसे में उन्हें अपना घर का घर चलाने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ग्राम रोजगार सेवक अब सरकार से मांग करते हैं कि उन्हें समय पर वेतन दिया जाए या फिर उन्हें पंचायती राज में ही मर्ज किया जाना चाहिए, ताकि उन्हें अपने वेतन के लिए यूं भटकना न पड़े.
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