किन्नौर: देश के प्रथम मतदाता 103 वर्षीय मास्टर श्याम सरन नेगी बढ़ती आयु के साथ-साथ स्वास्थ्य परेशानियों से जूझ रहें हैं. चुनाव के नजदीक आते ही जिला प्रशासन उनके स्वागत के लिए खड़े हो जाता है, लेकिन चुनाव माहौल थमने के बाद प्रशासन की नजर से देश के प्रथम मतदाता का नाम हटने लगता है.
पंचायत चुनाव में किया मत का इस्तेमाल
मास्टर श्याम सरन नेगी ने अबतक किसी भी चुनाव में अपने मत का प्रयोग करना नहीं छोड़ा. फिर चाहे वे बीमार ही क्यों न हों, लेकिन मतदान करने वे भारी बर्फबारी में भी पैदल पहुंच जाते थे. इस बार भी उन्होंने 103 वर्ष की उम्र में पंचायतीराज संस्था के चुनावों में अपने मत का प्रयोग किया. हालांकि इस दौरान भी उनकी शारीरिक दशा खासी अच्छी नहीं थी. बावजूद इसके वे पोलिंग बूथ तक पैदल चलकर अपने मत का प्रयोग करने पहुंचे. आज देश के प्रथम मतदाता मतदान के बाद एक बार फिर से स्वास्थ्य रूप से ठीक नहीं है.
श्याम सरन नेगी का स्वास्थ्य खराब
मास्टर श्याम सरन नेगी का कहना है कि उनके दोनों कानों से उन्हें सुनाई नहीं दे रहा और कानों में दर्द महसूस हो रहा है. इसके अलावा आंखों से कम दिखाई दे रहा है. पैरों से चलते फिरते अब दर्द महसूस होने लगा है. उनका कहना है कि पिछले कुछ समय पहले कुछ डॉक्टरों की टीम उनसे मिलने आए थी, लेकिन काफी समय से उनके पास डॉक्टर स्वास्थ्य जांच के लिए नहीं आए.
मुख्यमंत्री से मिलने की जताई इच्छा
नेगी ने कहा कि इसके अलावा डीसी किन्नौर भी एक बार उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछने आये थे तो उन्हें काफी अच्छा लगा था. उन्होंने कहा कि एक दो वर्ष पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी उन्हें फोन करके हाल चाल जाना था. किन्नौर प्रवास आने पर उनसे मिलने का वादा किया था, लेकिन मुख्यमंत्री ने किन्नौर प्रवास आकर उनसे संपर्क नहीं किया. न ही उनकी तरफ से प्रदेश स्तर का कोई प्रतिनिधि उनसे मिलने आया है. उन्होंने कहा कि उनकी देश के प्रथम मतदाता श्याम सरन नेगीभी एक इच्छा है कि वे भी प्रदेश के मुख्यमंत्री से एक बार जरूर मिलें और उनसे बातचीत करे, लेकिन इस उम्र के पड़ाव में न ही वो अपनी मन की बात किसी के समक्ष रख पाए रहे हैं. न ही उनमें उतनी क्षमता है कि वे चलकर मुख्यमंत्री तक जा सकें. बस एक उम्मीद और लाठी के सहारे दिभर अपने आप से ही बातें कर समय निकाल रहे हैं और जो भी व्यक्ति उनके पास मिलने जाता है उनसे बातचीत कर कुछ समय निकाल रहे है.
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