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किन्नौर के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी, सेब व अन्य नकदी फसलों के लिए फायदेमंद - kinnaur news

हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला किन्नौर में भी ऊंचे क्षेत्रों व पहाड़ियों पर ताजा बर्फबारी हुई है. बर्फबारी के कारण तापमान में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है, जिससे लोग घरों पर दुबकने के लिए मजबूर हो रहे हैं. बर्फबारी के कारण अब जंगलों में लगी आग भी बुझ चुकी है और पहाड़ों व अन्य स्थानों पर उड़ने वाली धूल से भी निजात मिलेगी.

किन्रौर में बर्फबारी
किन्रौर में बर्फबारी
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Published : Nov 24, 2020, 2:37 PM IST

किन्नौर: हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला किन्नौर में भी ऊंचे क्षेत्रों व पहाड़ियों पर ताजा बर्फबारी हुई है. जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में 2 से 6 इंच तक बर्फबारी हुई है, जिससे ऊंचाई वाले क्षेत्र व पहाड़ियों पर बर्फ की सफेद चादर बन गई चुकी है. बर्फबारी के कारण तापमान में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है, जिससे लोग घरों पर दुबकने के लिए मजबूर हो रहे हैं.

2 से 6 इंच तक बर्फबारी

कल्पा, सांगला, छितकुल, लिप्पा, आसरंग, पांगी, रोगी और ऊंचाई वाले इलाकों में 2 से 6 इंच तक बर्फबारी हुई है, जिससे जिले के किसानों व बागवानों के चेहरे भी खिल गए हैं. यह बर्फबारी सेब व अन्य नकदी फसलों के लिए अमृत के रूप में काम करेगी. किसानों को अच्छी फसल मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति में भी लाभ मिलेगा. बर्फबारी होने से किन्नौर में लोग बर्फ का लुत्फ उठाते हुए नजर आ रहे हैं. किन्नौर में निचले इलाकों में रातभर रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी रहा.

वीडियो रिपोर्ट.

बढ़ने लगी ठंड

एक और कोरोना की महामारी का कहर जिले में जारी है. उसमें यह ठंड और भी खतरनाक साबित हो सकती है. कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी भी हो सकती है. बता दें कि जिला में 12 बजे के बाद मौसम का मिजाज बदलने लगा और मौसम साफ होने लगा है, लेकिन ठंड का प्रकोप बढ़ने लगा है. जिला में इस बर्फबारी से जहां ठंड बढ़ गई है. वहीं, दूसरी ओर पहाड़ों से ग्लेशियर का खतरा भी बढ़ सकता है. बर्फबारी के कारण अब जंगलों में लगी आग भी बुझ चुकी है और पहाड़ों व अन्य स्थानों पर उड़ने वाली धूल से भी निजात मिलेगी.

किन्नौर: हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला किन्नौर में भी ऊंचे क्षेत्रों व पहाड़ियों पर ताजा बर्फबारी हुई है. जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में 2 से 6 इंच तक बर्फबारी हुई है, जिससे ऊंचाई वाले क्षेत्र व पहाड़ियों पर बर्फ की सफेद चादर बन गई चुकी है. बर्फबारी के कारण तापमान में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है, जिससे लोग घरों पर दुबकने के लिए मजबूर हो रहे हैं.

2 से 6 इंच तक बर्फबारी

कल्पा, सांगला, छितकुल, लिप्पा, आसरंग, पांगी, रोगी और ऊंचाई वाले इलाकों में 2 से 6 इंच तक बर्फबारी हुई है, जिससे जिले के किसानों व बागवानों के चेहरे भी खिल गए हैं. यह बर्फबारी सेब व अन्य नकदी फसलों के लिए अमृत के रूप में काम करेगी. किसानों को अच्छी फसल मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति में भी लाभ मिलेगा. बर्फबारी होने से किन्नौर में लोग बर्फ का लुत्फ उठाते हुए नजर आ रहे हैं. किन्नौर में निचले इलाकों में रातभर रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी रहा.

वीडियो रिपोर्ट.

बढ़ने लगी ठंड

एक और कोरोना की महामारी का कहर जिले में जारी है. उसमें यह ठंड और भी खतरनाक साबित हो सकती है. कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी भी हो सकती है. बता दें कि जिला में 12 बजे के बाद मौसम का मिजाज बदलने लगा और मौसम साफ होने लगा है, लेकिन ठंड का प्रकोप बढ़ने लगा है. जिला में इस बर्फबारी से जहां ठंड बढ़ गई है. वहीं, दूसरी ओर पहाड़ों से ग्लेशियर का खतरा भी बढ़ सकता है. बर्फबारी के कारण अब जंगलों में लगी आग भी बुझ चुकी है और पहाड़ों व अन्य स्थानों पर उड़ने वाली धूल से भी निजात मिलेगी.

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