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रिकांगपिओ में प्रशासन और लोगों का सराहनीय कदम, नए पौधों की सुरक्षा के लिए लगाई जालियां - रिकांगपिओ में नए पौधों की सुरक्षा

किन्नौर के रिकांगपिओ में इस बार समूचे बाजार में पौधों के संरक्षण के लिए लोगों व जिला प्रशासन ने नई तकनीकी अपनाई है. इसके तहत नए पौधों को सर्दियों में बर्फबारी से बचाने के लिए इन पौधों के बाहर से जालियां व टीन से बने बड़े बड़े ड्रम को काटकर बाहर से लगाया गया है

protection of new plants in Rekong Peo
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Published : Nov 20, 2019, 4:08 PM IST

किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर के रिकांगपिओ में इस बार समूचे बाजार में पौधों के संरक्षण के लिए लोगों व जिला प्रशासन ने नई तकनीकी अपनाई है. इसके तहत नए पौधों को सर्दियों में बर्फबारी व जानवरों से बचाने के लिए इन पौधों को जालियां व टीन से बने बड़े-बड़े ड्रम को काटकर बाहर से लगाया गया है.

इससे इन पौधों के टूटने व जानवरों के खाने से बचाया जा रहा है. पिछले साल भी बाजार में लोगों व प्रशासन द्वारा लगाए गए इन पौधों को बर्फबारी से काफी नुकसान हुआ था. इस साल बर्फबारी से पहले ही स्थानीय लोगों व प्रशासन का बाजार में सभी पौधों को संरक्षित करने का यह नया तरीका काबिले तारीफ है.

वीडियो रिपोर्ट.

बता दें कि बाजार में लगे इन पौधों में ऑक्सीजन की सबसे अधिक मात्रा तैयार करने वाले सभी पौधे लगाए गए हैं. इसमें देवदार, सफेदा, मोलडूंग पौधे शामिल है. इससे आने वाले समय में बाजार में काफी हरियाली व पेड़ पौधे तैयार हो जाएंगे.

ये भी पढ़ें: लवी मेले में शलखर के सेब की हो रही खूब बिक्री, रॉयल और गोल्डन की भी भारी डिमांड

किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर के रिकांगपिओ में इस बार समूचे बाजार में पौधों के संरक्षण के लिए लोगों व जिला प्रशासन ने नई तकनीकी अपनाई है. इसके तहत नए पौधों को सर्दियों में बर्फबारी व जानवरों से बचाने के लिए इन पौधों को जालियां व टीन से बने बड़े-बड़े ड्रम को काटकर बाहर से लगाया गया है.

इससे इन पौधों के टूटने व जानवरों के खाने से बचाया जा रहा है. पिछले साल भी बाजार में लोगों व प्रशासन द्वारा लगाए गए इन पौधों को बर्फबारी से काफी नुकसान हुआ था. इस साल बर्फबारी से पहले ही स्थानीय लोगों व प्रशासन का बाजार में सभी पौधों को संरक्षित करने का यह नया तरीका काबिले तारीफ है.

वीडियो रिपोर्ट.

बता दें कि बाजार में लगे इन पौधों में ऑक्सीजन की सबसे अधिक मात्रा तैयार करने वाले सभी पौधे लगाए गए हैं. इसमें देवदार, सफेदा, मोलडूंग पौधे शामिल है. इससे आने वाले समय में बाजार में काफी हरियाली व पेड़ पौधे तैयार हो जाएंगे.

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Intro:रिकांगपिओ में पर्यावरण सुरक्षित करने के लिए उठाया नया कदम,स्थानीय लोगो व प्रशासन ने नए पौधों की सुरक्षा के लिए पौधों के बाहर से लगाया लोहे की जलियां व लोहे के टीन,बर्फबारी में पौधों को नही होगा कोई नुकसान।





जनजातीय जिला किन्नौर के रिकांगपिओ में इस बार समूचे बाज़ार में पौधों के संरक्षण के लिए लोगो व जिला प्रशासन ने नई तकनीकी अपनाई है जिसमे इन नए पौधों को सर्दियों में बर्फबारी व जानवरो से बचाने के लिए इन पौधों के बाहर से जालियां व टीन से बने बड़े बड़े ड्रम को काटकर पौधों के बाहर से लगाया गया है जिससे इन पौधों के टूटने व जानवरो के खाने से बचाया जा रहा है।



Body:पिछले वर्ष भी बर्फबारी से बाज़ार में लोगो व प्रशासन द्वारा लगाए गए इन पौधों को बर्फ़बारी से काफी नुकसान हुआ था जिसके बाद इन पौधों को बनने में कई वर्ष लग जाते है।
इस वर्ष बर्फबारी से पूर्व ही स्थानीय लोगो व प्रशासन द्वारा बाजार में सभी पौधों को संरक्षित करने का यह नया तरीका काबिले तारीफ है।



Conclusion:बता दे कि बाजार में लगे इन पौधों में ऑक्सीजन की सबसे अधिक मात्रा तैयार करने वाले सभी पौधे लगाए गए है जिसमे देवदार,पॉपुलर,सफेदा,मोलडूँग नामक पौधे लगाए गए है जिससे आने वाले समय मे बाजार के समक्ष काफी हरियाली व पेड़ पौधे तैयार हो जाएंगे।
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