किन्नौरः प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू के बीच अब जिला किन्नौर के जंगलों में लोग कर्फ्यू की अवेहलना करके जंगलों की वन संपदा व जड़ी-बूटियों को उठाने का काम कर रहे हैं, जिसके चलते अब जिला के जंगलों में पेड़-पौधों व दुर्लभ जड़ी-बूटियों के समाप्त होने की आशंका भी दिख रही है. इस कोरोना कर्फ्यू में लोग बाजार व एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्रों में आवाजाही बंद होने के कारण अब अपने-अपने जंगलों की वन संपदा से आय कमाने का जरिया ढूंढ चुके हैं, जिससे शायद जंगल की संपदा को नुकसान हो सकता है.
वन विभाग को जंगलों में नजर बनाए रखने के दिए निर्देश
डीसी किन्नौर हेमराज बैरवा ने कहा कि जिला किन्नौर के जंगलों में कई ऐसी चीजें है जो बहुत दुर्लभ हैं, जिसे बचाना हर नागरिक की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि हाल ही में भी जिला किन्नौर के जंगलों में जड़ी-बूटियों व जंगलों में गुपचुप पेड़ कटान इत्यादि की खबरें प्रिंट मीडिया में प्रकाशित हुई थी. इस पर उन्होंने वनमण्डलाधिकारी को जिला के जंगलों में वन विभाग के कर्मचारियों व गार्ड को नजर बनाए रखने के निर्देश दिए हैं, ताकि जिला के जंगलों में दुर्लभ जड़ी-बूटियों समेत जंगल मे मौजूद अन्य वन संपदा को नुकसान न हो सके.
कोरोना कर्फ्यू में लोग जंगलों में ढूंढ रहे कमाई का साधन
बता दें कि जिला के जंगलों में कई प्राकृतिक चीजें है जो काफी दुर्लभ हैं. ऐसे में कोरोना कर्फ्यू के बीच अब लोग जंगलों की तरफ अपने कमाई के साधन ढूंढने के रूप में जंगली जड़ी-बूटियों समेत पेड़ कटान की सूचना भी मिली है, लेकिन विभाग की तरफ से अबतक जंगलों में कोरोना कर्फ्यू के बहाने देखरेख से दूरी बनाई गई है. शायद यही कारण है कि दुर्गम क्षेत्रों के जंगलों में मौजूद दुर्लभ जड़ी-बूटियां व जंगली पेड़-पौधों को लोगों द्वारा समाप्त किया का रहा है.
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