किन्नौरः किन्नौर जिला में अक्टूबर माह से बर्फबारी शूरू हो जाती है. ऐसे में जिला किन्नौर में बर्फबारी के बाद करीब 4 महीने पानी के सारे जल स्त्रोत जम जाते हैं और पीने के पानी की भारी समस्याएं उतपन्न हो जाती हैं. ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा पिछले वर्ष दिसंबर माह के आसपास डीसी कार्यालय समेत पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में इन्स्युलेशन पाइप लाई गई थी. जिसमें प्रशासन ने दावे किए थे कि यह पाइप सर्दियों में माईनस 22 डिग्री तक नही जम सकते हैं लेकिन इस बार बर्फबारी में इस पाइप के अंदर जलस्त्रोत के जमने पर अटकलें लगी हुई हैं. अब तक इसका परीक्षण सफल होता नही दिख रहा है.
डीसी किन्नौर ने कहा
डीसी किन्नौर हेमराज बैरवा ने कहा कि जिला किन्नौर में पिछले वर्ष डीसी कार्यालय व पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में इन्स्युलेशन पाइपलाइन बिछाई गई थी. जिसमें पीने के पानी की सप्लाई ठंड के दौरान होती रहेगी लेकिन पिछले वर्ष इस इन्स्युलेशन पाइप को फरवरी माह के बाद बिछाया गया. हालांकि पाइप दिसंबर माह में जिला प्रशासन के पास पहुंच चुके थे. लेकिन पिछले वर्ष इस पाइपलाइन में पानी की सप्लाई चली हुई थी. लेकिन इस वर्ष इस पाइप लाइन के ज्वांइट सही तरीके से नही जुड़ने से पानी जमने की समस्या उतपन्न हो रही है. उन्होंने कहा कि इन्स्युलेशन पाइपलाइन को जल्द ही दोबारा से ठीक किया जाएगा और दोबारा से बर्फ के माईनस तापमान में इसका परीक्षण किया जाएगा. उसके बाद ही इसके बारे में बताया जा सकता है.
फिसलकर दुर्घटना घटने की संभावना
बता दें कि जिला किन्नौर में सर्दियों के दौरान माईनस 20 से 22 डिग्री तापमान गिर जाता है. ऐसे में जिला में सबसे बड़ी समस्या पीने के पानी की रहती है. जिसके चलते लोगों को कईं किलोमीटर तक पैदल चलकर पानी भरने जाना पड़ता है. जिसमे बर्फ़ के दौरान फिसलकर दुर्घटना घटने की संभावना भी बनी रहती है. ऐसे में इस इन्स्युलेशन पाइप को डीसी कार्यलय समेत पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में परीक्षण के लिए लाया गया था. यदि यह पाइपलाइन सफल हो जाता है तो पूरे जिले में इस पाइपलाइन को बिछाने की योजना बनी थी. फिलहाल डीसी किन्नौर ने इस पाइपलाइन को परीक्षण करने का हवाला दिया है.
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