किन्नौर: वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर अधिवक्ता राजेश नेगी ने जिला प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. नेगी के मुताबिक कुछ महीने पूर्व किन्नौर ग्रीन जोन में था, जो भी मरीज कोरोना संक्रमित पाए गए वह सभी इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन थे.
अधिवक्ता ने बताया कि जिला के लोगों के लिए कोरोना का खतरा तब बना जब पुलिस के तीन जवान दूसरे जिलों से किन्नौर आए और कोरोना पॉजिटिव पाए गए. दूसरे जिले से आए इन तीन पुलिसकर्मियों को भावानगर पुलिस स्टेशन में ड्यूटी पर लगाया गया.
जब स्वास्थ्य विभाग ने इन जवानों की रैंडम सैंपलिंग की तो ये सभी कोरोना पॉजिटिव पाए गए. नेगी ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि जब ये जवान दूसरे जिलों से आए तो इन्हें क्वारंटाइन नहीं किया.
इन जवानों को पुलिस थाना और जिले के विभिन्न इलाकों में सरकारी काम से भेजा गया. जिसके बाद आज भावागनगर को पूरी तरह सील किया गया. एक और पुलिस जवान भी कोरोना पॉजिटिव आया, जो कोरोना पाजिटिव जवानों के संपर्क में था. लोगों में अब बीमारी को लेकर भय का माहौल बना हुआ है.
अधिवक्ता ने कहा कि उन्होंने जिला प्रशासन और प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को 12 मई को ही जिले के चौरा बैरियर बंद करने के साथ क्वारंटाइन को लेकर पत्र लिखा था. जिसका उन्हें कोई जवाब नहीं आया. अब जिला प्रशासन की ये लापरवाही अन्यों पर भारी पड़ सकती है.
इस मामले में जिन भी आलाअधिकारियों की ओर से लापरवाही बरती गई है, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए. प्रशासन अभी भी इन पुलिस जवानों की कॉन्टेक्ट हिस्ट्री तलाशने में लगा हुआ है. नेगी ने सरकार से मामले में कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार इसमें कार्रवाई नहीं करती तो वे अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे.
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