किन्नौर: जिला किन्नौर में कुछ वर्षों से पहाड़ दरकने की घटनाएं बढ़ी हैं. यहां पर जलविद्युत परियोजनाओं और अवैज्ञानिक तरीके से हो रहे विकास कार्यों के कारण पहाड़ कमजोर हो रहे हैं. जिससे किन्नौर में भूस्खलन के मामले एकाएक बढ़ें है. वहीं, करोड़ों रुपये का नुकसान हर साल हो रहा है. ताजा मामले में किन्नौर के मीरु गांव में भूस्खलन का मामला सामने आया है. (Landslide in Kinnaur)
यह भूस्खलन आज सुबह ही मीरु गांव में हुआ है. जिससे स्थानीय लोगों में डर का माहौल पैदा हो गया है. भूस्खलन होने से आसपास के कई घरों को खतरा हो गया है. मीरु गांव के समीप जलविद्युत परियोजनाओं का निर्माण कार्य प्रगति पर हैं. ऐसे में स्थानीय लोगों का शक परियोजना पर भी है. लोगों ने अंदेशा जताया है कि यह भूस्खलन निर्माण कार्य से भी हो सकता है. हालांकि अभी तक इस भूस्खलन का मूल कारण पता नहीं चला है और ग्रामीणों ने मीरु गांव में भूस्खलन की शिकायत प्रशासन को दे दी है.
मीरु गांव के स्थानीय निवासी ललित नेगी व विनोद कुमार ने कहा कि मीरु गांव के निचले क्षेत्र में भूस्खलन शुरू हुआ है. जिसकी चपेट में कई ग्रामीणों के मकान भी आ सकते हैं. ऐसे में ग्रामीणों ने प्रशासन से भूस्खलन रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है ताकि मीरु गांव में भूस्खलन की चपेट में आने से मकानों और जानमाल के नुकसान से बचा जा सके.
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