किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर में बीते 7 दिनों से लगातार बढ़ती गर्मी के चलते पहाड़ों पर ग्लेशियरों के पिघलने का सिलसिला जारी है. जिसके चलते जिला किन्नौर के छोटे-बड़े नदी नालों का जलस्तर बढ़ चुका है और किन्नौर के बीच में बहने वाली सबसे बड़ी सतलुज नदी का जल प्रवाह दो गुना ज्यादा बढ़ चुका है. ऐसे में अब सतलुज नदी के आसपास राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर भूमि कटाव हो रहा है.
जलविद्युत परियोजना पर मंडराया खतरा: किन्नौर के पोवारी समीप जलविद्युत परियोजना क्षेत्र में तो लगातार भूमि कटाव होने से पोवारी सड़क संपर्क मार्ग भी अवरुद्ध हो गया है. ऐसे में मौके पर स्थानीय लोगों को आवाजाही में फिलहाल परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकी प्रशासन व स्थानीय पोवारी पंचायत ने गांव में लोगों की आवाजाही के लिए एक अन्य वैकल्पिक मार्ग खोला है, ताकि लोगों पैदल और छोटे वाहनों में आवाजाही कर सकें.
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सतलुज नदी का जलस्तर बढ़ने से खतरे में NH-5: जिला किन्नौर के बीच में बहने वाली सतलुज नदी के जलस्तर बढ़ने से रल्ली नामक स्थान पर भी राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 के किनारों पर भूमि कटाव हो रहा है. जिसके चलते अब राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 पर भी संकट आ सकता है. ऐसे में प्रशासन ने पर्यटकों को पहले ही एडवाइजरी जारी कर नदी व भूमि कटाव वाले क्षेत्रों में आने और खड़े होने से मनाही की है, ताकि इस स्थिती में किसी भी तरह का जानमाल का नुकसान न हो.
लोगों को प्रशासन की चेतावनी: किन्नौर में सतलुज नदी व अन्य सहायक नदियों के जलस्तर बढ़ने के कारण जलविद्युत परियोजनाओं ने अपने अपने बांध से 100 क्यूसेक पानी भी छोड़ा है. ऐसे में परियोजना प्रबंधन भी लगातार लोगों को नदियों के पास जाने से रोकने के प्रयास कर रहा है और परियोजना प्रबंधन की ओर से रोजाना वाहनों में लाउड स्पीकर से सूचना के माध्यम से लोगों को चेताया भी जा रहा है.
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