किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर में बढ़ती ठंड से पतझड़ शुरू हो गया है और इस साल बर्फबारी जल्दी होने से किन्नौर में पतझड़ काफी जल्दी आया है. ऐसे में किन्नौर में अब पतझड़ होने से लोग अब खेतों में काम करना छोड़ देंगे.
पतझड़ के मौसम में पत्तियां पूरी पीली हो जाती हैं और पेड़ों से पत्तियां पूरे खेतों में फैल जाती हैं जिसके बाद जब तक पेड़ों से पूरे पत्ते झड़ नहीं जाते तब तक कोई भी किसान और बागवान अब खेतों में काम नहीं करेंगे. जब पेड़ों से पीले पत्ते पूरी तरह गिर जाएंगे उसके बाद किसान व बागवान खेतों में जाकर सभी पत्तियों को उठाकर एकत्रित करते हैं और स्थानीय देवी देवताओं या लामाओं से खेतों के अनाज बीजाई के लिए आशीर्वाद लेकर अपने नई खेती की शुरुआत करते हैं.
पतझड़ के दौरान खेतों में किये जाने वाले काम को अगले वर्ष का काम माना जाता है, क्योंकि किन्नौर में जब पेड़ों में हरी पत्तियां आती हैं तब नववर्ष और पेड़ों पर पीले पत्ते होने पर उस वक्त को अंतिम वर्ष माना जाता है.
ये भी पढ़ें- पानी री शुद्धता च शिमले जो मिल्या छठा स्थान, 21 शहरां री रैंकिंग रिपोर्ट जारी