किन्नौर: देश के प्रथम मतदाता मास्टर श्याम सरन नेगी उम्र के 106 वर्ष के पड़ाव पर आ चुके हैं, लेकिन लोकतंत्र के महापर्व के लिए उनका हौसला आज भी उसी तरह बुलंद है, जैसा वर्ष 1951 में देखा गया था. जब वह पहला वोट डालकर देश के पहले मतदाता बने थे. श्याम सरन नेगी ने हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 के लिए भी बूथ पर जाकर ही वोट करने का फैसला लिया है. हालांकि , चुनाव आयोग की तरफ से उनके स्वास्थ्य को देखकर उन्हें घर से ही वोट डालने के प्रबंध किए जा रहे थे, लेकिन श्याम सरन नेगी मतदान केंद्र जाकर ही अपना वोट करेंगे. (India first voter Shyam Saran Negi) (Shyam Saran Negi will vote at the polling booth )
लौटा दिया 12D फार्म: चुनाव आयोग की तरफ से उनके पास अधिकारी 12D फार्म लेकर आए थे, ताकि वे घर पर पहले मतदाता का वोट ले सके, लेकिन मास्टर श्याम सरन नेगी ने फार्म 12D को अधिकारियों को वापस कर दिया. श्याम सरन नेगी ने कहा कि जब तक उनके हौसले बुलंद है तब तक बुढ़ापा लोकतंत्र के महापर्व को मनाने से उन्हें नहीं रोक सकता. वे इस पर्व को आज भी उसी तरह मनाएंगे जिस तरह उन्होंने वर्ष 1951 में पहली बार मतदान करते हुए मनाया था. आज भी उनके अंदर 1951 वाला उत्साह देखने को मिलता है. (India first voter) (Himachal Assembly Election 2022 )
रेड कार्पेट से होगा स्वागत: जिला निर्वाचन अधिकारी आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि देश के प्रथम मतदाता मास्टर श्याम सरन नेगी ने 12D फार्म वापस कर दिया और वे 12 नवंबर को स्वयं अपने मतदान केंद्र में आकर वोट करेंगे. उन्होंने कहा कि उनके मतदान केंद्र कल्पा में मतदान करने पर उनके लिए वहां पर रेड कार्पेट बिछाया जाएगा. (Shyam Saran Negi returned 12D form)
80 साल से ऊपर के लोगों के लिए सुविधा: इस बार निर्वाचन विभाग ने 80 साल से अधिक आयु वर्ग के लोगों के लिए 12-D फॉर्म की सुविधा शुरू की है. इस योजना के तहत 80 साल या उससे ऊपर की उम्र का जो भी व्यक्ति घर रह कर वोट डालना चाहता है, विभाग उसे घर पर ही वोट डालने की सुविधा देगा. इसके अलावा यह फॉर्म दिव्यांगों और कोविड-19 मरीजों के लिए भी जारी किया गया है. (Shyam Saran Negi will vote in Himachal)
कैसे बने प्रथम मतदाता: देश में फरवरी 1952 में पहला लोकसभा चुनाव हुआ, लेकिन किन्नौर में भारी हिमपात के कारण 25 अक्टूबर 1951 में ही चुनाव हो गए. चुनाव के समय श्याम सरन नेगी किन्नौर के मूरंग स्कूल में अध्यापक थे और चुनाव में उनकी ड्यूटी लगी थी. उन्हें मतदान का काफी उत्साह था. उनकी ड्यूटी शौंगठोंग से मूरंग तक थी, जबकि उनका वोट कल्पा में था, इसलिए उन्होंने सुबह मतदान कर ड्यूटी पर जाने की इजाजत मांगी. वह सुबह मतदान स्थल पर पहुंच गए, लेकिन छह बजकर 15 मिनट पर मतदान ड्यूटी पार्टी पहुंची. (Who is the first voter of India)
नेगी ने जल्दी मतदान करवाने का निवेदन किया, पार्टी ने रजिस्टर खोलकर उन्हें पर्ची दी. मतदान करते ही इतिहास बन गया और मास्टर श्याम सरन नेगी आजाद भारत के प्रथम मतदाता बन गए. देशभर के जनजातीय इलाकों में सबसे पहले हिमाचल प्रदेश के किन्नौर इलाके को ही चुना गया. उस समय किन्नौर में श्याम सरन नेगी को पोलिंग ऑफिसर की जिम्मेदारी निभानी थी. उस समय सुविधाओं और संसाधनों की कमी थी. साथ ही किन्नौर का इलाका भी दुर्गम था. मत-पेटी तो थी नहीं, ऐसे में श्याम सरन नेगी ने टीन के कनस्तर को मत-पेटी का रूप दिया. (Shyam Saran Negi Age)
लोगों को समझाया था वोट का महत्व: उस समय स्थितियां ऐसी थी कि कोई भी व्यक्ति मतदान के लिए मौजूद नहीं था, तो श्याम सरन नेगी ने ही सबसे पहले मतदान किया. यह 25 अक्टूबर 1951 की बात थी. खुद वोट डालने के बाद श्याम सरन नेगी ने महीने भर पूरे कबायली इलाके में घूम-घूम कर लोगों को मतदान का महत्व समझाया और उनसे मतदान करवाया. उनके इस प्रयास को देश भर में सराहना मिली थी.
श्याम सरन नेगी की मिली पूरे देश में सराहना: श्याम सरन के इस प्रयास को देशभर में सराहना मिली थी. भारत में लोकतंत्र की मजबूती और मतदान को लेकर श्याम सरन के योगदान पर उन्हें कई बार सम्मानित किया गया. उन पर भारत के चुनाव आयोग ने बेहद भावुक डॉक्यूमेंट्री भी तैयार की है, जिसे अब तक यू-ट्यूब पर लाखों लोग देख चुके हैं. हर चुनाव में वोट डालने के लिए पहुंचने वाले नेगी लोकतंत्र में भारतीय आस्था के प्रतीक बन चुके हैं. उन्हें मतदान केंद्र तक लाने के लिए प्रशासनिक अधिकारी खास वाहन का इंतजाम करते हैं. साथ ही रेड कारपेट भी बिछाया जाता है.
ये भी पढ़ें: हिमाचल विधानसभा चुनाव को लेकर देश के प्रथम मतदाता उत्साहित, कहा: बूथ जाऊं या घर रहूं, लेकिन जरूर करूंगा वोट