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किन्नौर के सांगला में होली उत्सव की हुई शुरुआत, सोमवार को होगा होलिका दहन - holi in sangla

सांगला में किन्नौर की सबसे मशहूर होली मानी जाती है. यहां पर देश विदेश से भी पर्यटक होली खेलने आते हैं और लगातार तीन दिन स्थानीय ग्रामीणों के साथ होली का आनंद लेते हैं. यहां की होली में पूरी तरह सनातन की झलक देखने को मिलती हैं.

Holi festival begins in Sangla Kinnaur
किन्नौर के सांगला में होली उत्सव की हुई शुरुआत
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Published : Mar 7, 2020, 7:59 PM IST

किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर की सांगला घाटी में मशहूर होली उत्सव की शुरुआत हो चुकी है. सांगला में बर्फबारी के चलते भी शनिवार को ग्रामीणों ने होली उत्सव को बड़े धूमधाम से मनाया. लगातार तीन दिन चलने वाले इस उत्सव में ग्रामीण अब नहाते हैं और होली के रंग में पूरी तरह ड़ूबे रहते हैं.

सांगला में किन्नौर की सबसे मशहूर होली मानी जाती है. यहां पर देश विदेश से भी पर्यटक होली खेलने आते हैं और लगातार तीन दिन स्थानीय ग्रामीणों के साथ होली का आनंद लेते हैं. यहां की होली में पूरी तरह सनातन की झलक देखने को मिलती हैं, जिसमें कुछ लोग साधुओं का वेश बनाते हैं तो कुछ भगवान कृष्ण बनते हैं. इसके अलावा कुछ हनुमान बनकर घर घर जाकर लोगों से भिक्षा भी लेते हैं. साथ ही लोगों को रंग लगाया जाता है. होली उत्सव में नाचना गाना और खाने पीने का विशेष ध्यान दिया जाता है.

Holi festival begins in Sangla Kinnaur
साधुओं के वेश में लोग

तीन दिवसीय होली उत्सव में मेहमानों के खाने पीने का सारा इंतजाम गांव के मंदिर प्रांगण में होता है. तीन दिन लगातार होली खेलने के बाद देवता बैरिंग नाग मंदिर से निकलते हैं और इसके बाद ग्रामीण मिलकर होलिका दहन करते हैं, जिसके बाद बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाया जाता है.

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ये भी पढ़ें: शिमला-धर्मशाला में स्मार्ट सिटी कार्यो को मिलेगी गति, बजट में सौ करोड़ का प्रावधान

किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर की सांगला घाटी में मशहूर होली उत्सव की शुरुआत हो चुकी है. सांगला में बर्फबारी के चलते भी शनिवार को ग्रामीणों ने होली उत्सव को बड़े धूमधाम से मनाया. लगातार तीन दिन चलने वाले इस उत्सव में ग्रामीण अब नहाते हैं और होली के रंग में पूरी तरह ड़ूबे रहते हैं.

सांगला में किन्नौर की सबसे मशहूर होली मानी जाती है. यहां पर देश विदेश से भी पर्यटक होली खेलने आते हैं और लगातार तीन दिन स्थानीय ग्रामीणों के साथ होली का आनंद लेते हैं. यहां की होली में पूरी तरह सनातन की झलक देखने को मिलती हैं, जिसमें कुछ लोग साधुओं का वेश बनाते हैं तो कुछ भगवान कृष्ण बनते हैं. इसके अलावा कुछ हनुमान बनकर घर घर जाकर लोगों से भिक्षा भी लेते हैं. साथ ही लोगों को रंग लगाया जाता है. होली उत्सव में नाचना गाना और खाने पीने का विशेष ध्यान दिया जाता है.

Holi festival begins in Sangla Kinnaur
साधुओं के वेश में लोग

तीन दिवसीय होली उत्सव में मेहमानों के खाने पीने का सारा इंतजाम गांव के मंदिर प्रांगण में होता है. तीन दिन लगातार होली खेलने के बाद देवता बैरिंग नाग मंदिर से निकलते हैं और इसके बाद ग्रामीण मिलकर होलिका दहन करते हैं, जिसके बाद बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाया जाता है.

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