किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर की सांगला घाटी में मशहूर होली उत्सव की शुरुआत हो चुकी है. सांगला में बर्फबारी के चलते भी शनिवार को ग्रामीणों ने होली उत्सव को बड़े धूमधाम से मनाया. लगातार तीन दिन चलने वाले इस उत्सव में ग्रामीण अब नहाते हैं और होली के रंग में पूरी तरह ड़ूबे रहते हैं.
सांगला में किन्नौर की सबसे मशहूर होली मानी जाती है. यहां पर देश विदेश से भी पर्यटक होली खेलने आते हैं और लगातार तीन दिन स्थानीय ग्रामीणों के साथ होली का आनंद लेते हैं. यहां की होली में पूरी तरह सनातन की झलक देखने को मिलती हैं, जिसमें कुछ लोग साधुओं का वेश बनाते हैं तो कुछ भगवान कृष्ण बनते हैं. इसके अलावा कुछ हनुमान बनकर घर घर जाकर लोगों से भिक्षा भी लेते हैं. साथ ही लोगों को रंग लगाया जाता है. होली उत्सव में नाचना गाना और खाने पीने का विशेष ध्यान दिया जाता है.
तीन दिवसीय होली उत्सव में मेहमानों के खाने पीने का सारा इंतजाम गांव के मंदिर प्रांगण में होता है. तीन दिन लगातार होली खेलने के बाद देवता बैरिंग नाग मंदिर से निकलते हैं और इसके बाद ग्रामीण मिलकर होलिका दहन करते हैं, जिसके बाद बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाया जाता है.
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