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किन्नौर में भारी बारिश से भूस्खलन का बढ़ा खतरा, SDM ने की ये अपील - चट्टानों समेत भूस्खलन

किन्नौर में पिछली रात से लगातार बारिश हो रही है, जिसके थमने का नाम नहीं है. ऐसे में इस बारिश के चलते जिला के सभी बाजारों की चहल-पहल खत्म हो गई है. जिला की सड़कों पर वाहन चालकों को भी पहाड़ियों से चट्टानों के गिरने का ध्यान रखते हुए सफर करना होगा. वहीं, एसडीएम कल्पा अवनिन्द्र शर्मा ने इस बिगड़ते मौसम के मिजाज के बाद लोगों को नदी-नालों से दूर रहने की अपील की है और बारिश के दौरान सफर करने से एहतिहात बरतने को कहा है.

किन्नौर में बारिश
किन्नौर में बारिश
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Published : Jul 22, 2020, 12:28 PM IST

किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर में पिछली रात से लगातार बारिश हो रही है, जिसके थमने का नाम नहीं है. ऐसे में इस बारिश के चलते जिला के सभी बाज़ारों की चहल-पहल खत्म हो गई है. वहीं, बारिश की तेज रफ्तार से अब जगह-जगह भूस्खलन के साथ पहाड़ियों से चट्टानों के खिसकने का खतरा भी मंडरा रहा है.

बता दें कि इन दिनों जिला के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश के चलते ठंड का प्रकोप भी जारी है. वहीं, नदी नाले उफान पर है, जिसका एक उदाहरण सांगला के बटसेरी खरोगला नाले में बाढ़ आने से लोगों के सेब के बगीचे तबाह होने वाला प्रकृति का प्रकोप था. साथ ही अब जिला की सड़कों पर वाहन चालकों को भी पहाड़ियों से चट्टानों के गिरने का ध्यान रखते हुए सफर करना होगा.

वीडियो रिपोर्ट.

पहाड़ों की चट्टानें बारिश के कारण ढीली हो गयी है. ऐसे में अचानक पहाड़ों से चट्टानों समेत भूस्खलन होने का खतरा बढ़ गया है. वहीं, एसडीएम कल्पा अवनिन्द्र शर्मा ने इस बिगड़ते मौसम के मिजाज के बाद लोगों को नदी-नालों से दूर रहने की अपील की है और बारिश के दौरान सफर करने से एहतिहात बरतने को कहा है.

एसडीएम कल्पा अवनिन्द्र शर्मा ने कहा कि ऐसी बारिश के दौरान पहाड़ियों की ओर जाने से भी बचे. पहाड़ियों पर बादल फटने के साथ ग्लेशियरों नीचे आने का खतरा बना हुआ है.

ये भी पढ़ें: करसोग ब्लॉक राजीव गांधी पंचायती राज संगठन ने पंचायत चुनाव को लेकर भरी हुंकार

किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर में पिछली रात से लगातार बारिश हो रही है, जिसके थमने का नाम नहीं है. ऐसे में इस बारिश के चलते जिला के सभी बाज़ारों की चहल-पहल खत्म हो गई है. वहीं, बारिश की तेज रफ्तार से अब जगह-जगह भूस्खलन के साथ पहाड़ियों से चट्टानों के खिसकने का खतरा भी मंडरा रहा है.

बता दें कि इन दिनों जिला के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश के चलते ठंड का प्रकोप भी जारी है. वहीं, नदी नाले उफान पर है, जिसका एक उदाहरण सांगला के बटसेरी खरोगला नाले में बाढ़ आने से लोगों के सेब के बगीचे तबाह होने वाला प्रकृति का प्रकोप था. साथ ही अब जिला की सड़कों पर वाहन चालकों को भी पहाड़ियों से चट्टानों के गिरने का ध्यान रखते हुए सफर करना होगा.

वीडियो रिपोर्ट.

पहाड़ों की चट्टानें बारिश के कारण ढीली हो गयी है. ऐसे में अचानक पहाड़ों से चट्टानों समेत भूस्खलन होने का खतरा बढ़ गया है. वहीं, एसडीएम कल्पा अवनिन्द्र शर्मा ने इस बिगड़ते मौसम के मिजाज के बाद लोगों को नदी-नालों से दूर रहने की अपील की है और बारिश के दौरान सफर करने से एहतिहात बरतने को कहा है.

एसडीएम कल्पा अवनिन्द्र शर्मा ने कहा कि ऐसी बारिश के दौरान पहाड़ियों की ओर जाने से भी बचे. पहाड़ियों पर बादल फटने के साथ ग्लेशियरों नीचे आने का खतरा बना हुआ है.

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