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किन्नौर के नाथपा व निगुलसरी के जंगलों में लगी आग, करोड़ों की वन संपदा जलकर राख

किन्नौर के निचार खण्ड के नाथपा गांव के समीप व इसके अलावा निगुलसरी गांव के समीप जंगलों में भीषण आग लगी है. जंगलों में लगी भीषण आग से जंगलों में रहने वाले दुर्लभ जंगली जानवरों के जलने का भी खतरा बना हुआ है.

fire caught in forest in kinnaur
निगुलसरी के जंगलों में लगी आग
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Published : Mar 7, 2021, 6:57 PM IST

किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर के विभिन्न स्थानों के जंगलों में आग लगी हुई है जिससे जिला के वन संपदा को भी भारी नुकसान हो रहा है. जिला किन्नौर के निचार खण्ड के नाथपा गांव के समीप व इसके अलावा निगुलसरी गांव के समीप जंगलों में भीषण आग लगी हुई है, जिससे करोड़ों की वन संपदा जलकर राख हो रही है लेकिन ऐसे कठिन पहाड़ियों पर आग बुझाने के लिए भी दमकल विभाग को किसी चुनौती से कम नहीं है.

दुर्लभ जंगली जानवरों के जलने का भी खतरा

जिला किन्नौर के इन बड़े जंगलों में लगी भीषण आग से जंगलों में रहने वाले दुर्लभ जंगली जानवरों के जलने का भी खतरा बना हुआ है. वहीं, इस आगजनी से राष्ट्रीय उच्च मार्ग 5 पर पहाड़ी से जले हुए पेड़ों के टुकड़े भी गिर रहे हैं, जिससे सड़क पर वाहनों की आवाजाही के दौरान भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. जिला किन्नौर में लंबे समय से सूखा पड़ने के कारण जंगलों में सुखी घास इत्यादि में हल्की आग की लपटें पड़ने से भी आगजनी भीषण रूप ले सकता है. हल्की हल्की बारिश के बाद भी जंगलों में लगी आग नहीं बुझ पाई है.

वीडियो रिपोर्ट.

प्रशासन की ओर से निर्देश जारी

बता दें कि जिला किन्नौर के जंगलों में हर वर्ष इसी तरह आगजनी की घटना होती रहती है, जिसके पीछे कई कारण हो सकते हैं एक तो स्थानीय लोग जंगलों की ओर भेड़ बकरियों के साथ चलते फिरते हैं. इस दौरान भी लोग जंगलों के अंदर ठंड या की जरूरी काम से आग जला लेते हैं लेकिन आग को बुझाना भूल जाते हैं. वहीं, दूसरी ओर कुछ लोग सूखे घास को आग इसलिए लगाते हैं ताकि आने वाले गर्मियों में घास अच्छी तरह से उगे लेकिन कई बार ऐसे प्रयोग के कारण भी जंगलों में आग लग जाती है और वन सम्पदा जलकर राख हो जाती है. प्रशासन ने लोगों से जंगल में आग नहीं लगाने के निर्देश दिए हैं.

ये भी पढ़ें: जन औषधि दिवस: पीएम ने की लाभार्थियों से बात, ठियोग की महिला ने जन औषधि केंद्र को बताया 'मोदी की दुकान'

किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर के विभिन्न स्थानों के जंगलों में आग लगी हुई है जिससे जिला के वन संपदा को भी भारी नुकसान हो रहा है. जिला किन्नौर के निचार खण्ड के नाथपा गांव के समीप व इसके अलावा निगुलसरी गांव के समीप जंगलों में भीषण आग लगी हुई है, जिससे करोड़ों की वन संपदा जलकर राख हो रही है लेकिन ऐसे कठिन पहाड़ियों पर आग बुझाने के लिए भी दमकल विभाग को किसी चुनौती से कम नहीं है.

दुर्लभ जंगली जानवरों के जलने का भी खतरा

जिला किन्नौर के इन बड़े जंगलों में लगी भीषण आग से जंगलों में रहने वाले दुर्लभ जंगली जानवरों के जलने का भी खतरा बना हुआ है. वहीं, इस आगजनी से राष्ट्रीय उच्च मार्ग 5 पर पहाड़ी से जले हुए पेड़ों के टुकड़े भी गिर रहे हैं, जिससे सड़क पर वाहनों की आवाजाही के दौरान भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. जिला किन्नौर में लंबे समय से सूखा पड़ने के कारण जंगलों में सुखी घास इत्यादि में हल्की आग की लपटें पड़ने से भी आगजनी भीषण रूप ले सकता है. हल्की हल्की बारिश के बाद भी जंगलों में लगी आग नहीं बुझ पाई है.

वीडियो रिपोर्ट.

प्रशासन की ओर से निर्देश जारी

बता दें कि जिला किन्नौर के जंगलों में हर वर्ष इसी तरह आगजनी की घटना होती रहती है, जिसके पीछे कई कारण हो सकते हैं एक तो स्थानीय लोग जंगलों की ओर भेड़ बकरियों के साथ चलते फिरते हैं. इस दौरान भी लोग जंगलों के अंदर ठंड या की जरूरी काम से आग जला लेते हैं लेकिन आग को बुझाना भूल जाते हैं. वहीं, दूसरी ओर कुछ लोग सूखे घास को आग इसलिए लगाते हैं ताकि आने वाले गर्मियों में घास अच्छी तरह से उगे लेकिन कई बार ऐसे प्रयोग के कारण भी जंगलों में आग लग जाती है और वन सम्पदा जलकर राख हो जाती है. प्रशासन ने लोगों से जंगल में आग नहीं लगाने के निर्देश दिए हैं.

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