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किन्नौर में तापमान शून्य से नीचे, जल स्रोत जमने से पीने के पानी की समस्या बढ़ी

किन्नौर जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तीन दिन बर्फबारी के बाद आज गुरुवार को मौसम साफ हुआ, जिससे बागवानों ने राहत की सांस ली है. तो वहीं, ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जल स्रोत जमने से पीने के पानी की समस्या शुरू हो गई है.

snowfall in himachal
किन्नौर में बर्फबारी
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Published : Nov 17, 2022, 6:37 PM IST

किन्नौर: हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में तीन दिन की बर्फबारी के बाद तापमान माइनस में पहुंच गया है, जिसके चलते पीने के पानी की समस्याए शुरू हो गई है. आज गुरुवार को मौसम साफ हुआ है. हालांकि, सुहावने मौसम के अलावा सुबह शाम का तापमान भी शरीर को जमा देने वाला है. ऐसे में अब लोग सुबह शाम घरों में दुबकने पर मजबूर हैं.

ऊंचाई वाले ग्रामीण क्षेत्र छितकुल, रकछम, कुनो चारंग, लिप्पा आसरंग मे बर्फबारी के चलते पीने के सभी जलस्रोत जम गए हैं. नदी नाले भी जमाने लगे है. किन्नौर कैलाश के रेंज की सभी पहाड़ियां बर्फ से ढकने के साथ अब जिले में पतझड़ भी अपने अंतिम चरण पर है. ग्रामीण क्षेत्रों में सेब का सीजन अंतिम दौर में है. ऐसे में आज गुरवार को मौसम सुहावना होते ही बागवानों ने भी राहत की सांस ले ली है.

किन्नौर में तीन दिन की बर्फबारी के बाद खुला मौसम.

पढ़ें- कांगड़ा घाटी में मौसम की मार, चाय उत्पादन में वृद्धि की उम्मीद कम

बर्फ की सफेद चादर से ढकी पहाड़ियां जितनी खूबसूरत लग रही हैं. उतना ही यहां के लोगों को सर्दियों में परेशानियां भी आती हैं. मार्ग अवरुद्ध होने के साथ ही पीने का पानी जम जाता है. बिजली गुल होने के कारण लोगों को कई रातें अंधेरे में गुजरनी पड़ती हैं.

किन्नौर: हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में तीन दिन की बर्फबारी के बाद तापमान माइनस में पहुंच गया है, जिसके चलते पीने के पानी की समस्याए शुरू हो गई है. आज गुरुवार को मौसम साफ हुआ है. हालांकि, सुहावने मौसम के अलावा सुबह शाम का तापमान भी शरीर को जमा देने वाला है. ऐसे में अब लोग सुबह शाम घरों में दुबकने पर मजबूर हैं.

ऊंचाई वाले ग्रामीण क्षेत्र छितकुल, रकछम, कुनो चारंग, लिप्पा आसरंग मे बर्फबारी के चलते पीने के सभी जलस्रोत जम गए हैं. नदी नाले भी जमाने लगे है. किन्नौर कैलाश के रेंज की सभी पहाड़ियां बर्फ से ढकने के साथ अब जिले में पतझड़ भी अपने अंतिम चरण पर है. ग्रामीण क्षेत्रों में सेब का सीजन अंतिम दौर में है. ऐसे में आज गुरवार को मौसम सुहावना होते ही बागवानों ने भी राहत की सांस ले ली है.

किन्नौर में तीन दिन की बर्फबारी के बाद खुला मौसम.

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बर्फ की सफेद चादर से ढकी पहाड़ियां जितनी खूबसूरत लग रही हैं. उतना ही यहां के लोगों को सर्दियों में परेशानियां भी आती हैं. मार्ग अवरुद्ध होने के साथ ही पीने का पानी जम जाता है. बिजली गुल होने के कारण लोगों को कई रातें अंधेरे में गुजरनी पड़ती हैं.

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