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किन्नौर के रिब्बा में अनोखी देव परंपरा, बादरंग सोंगा मेले में शिरकत करने 10 हजार फीट की ऊंचाई पर पहुंचे ग्रामीण - किन्नौर के पुराने रीति रिवाज

दस हजार फीट की ऊंचाई पर किन्नौर के रिब्बा गांव के ग्रामीणों ने बादरंग सोंगा का मेला आयोजित किया. इस दौरान ग्रामीण पारम्परिक वेशभूषा में ढोल नगाड़ों के साथ झूमते नजर आए.

बादरंग सोंगा मेला
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Published : Sep 3, 2019, 2:10 PM IST

किन्नौर: जिला के पूह खण्ड के तहत रिब्बा गांव में इन दिनों बादरंग सोंगा यानि बादों का मेला मनाया जा रहा है. इस मेले में स्थानीय ग्रामीण महिलाएं और पुरुष रिब्बा गांव से करीब दस हजार की ऊंचाई पर मौजूद कंडे पहाड़ियों तक पैदल चलकर जाते हैं. पहाड़ी पर पहुंचने पर गुप्त देवी देवताओं की पूजा कर ढोल नगाड़ों से मेले का आगाज किया जाता है.

इस मेले में स्थानीय महिलाएं पारंपरिक वेषभूषा में किन्नौर के पुराने रीति रिवाज से मेहमानों का स्वागत करते हैं. इस मेले में सूखे मेवे, चिलटे, फाफड़ा की सब्जी और अन्य कई खाद्य प्रदार्थ खाये जाते हैं. इसके बाद सभी पुरुष व महिलाएं बैठकर देवी देवताओं को खुश करने के लिए उनके गीतों को गाते हैं.

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बता दें कि इस मेले के दौरान रिब्बा के ग्रामीण जिसमें सिर्फ पुरुष पहाड़ों से दस हजार फीट की ऊंचाई पर पाए जाने वाले ब्रह्म कमल नामक फूल को लाकर दूसरे दिन रिब्बा गांव के देवता कासुराजस को भेंट करते हैं.

किन्नौर: जिला के पूह खण्ड के तहत रिब्बा गांव में इन दिनों बादरंग सोंगा यानि बादों का मेला मनाया जा रहा है. इस मेले में स्थानीय ग्रामीण महिलाएं और पुरुष रिब्बा गांव से करीब दस हजार की ऊंचाई पर मौजूद कंडे पहाड़ियों तक पैदल चलकर जाते हैं. पहाड़ी पर पहुंचने पर गुप्त देवी देवताओं की पूजा कर ढोल नगाड़ों से मेले का आगाज किया जाता है.

इस मेले में स्थानीय महिलाएं पारंपरिक वेषभूषा में किन्नौर के पुराने रीति रिवाज से मेहमानों का स्वागत करते हैं. इस मेले में सूखे मेवे, चिलटे, फाफड़ा की सब्जी और अन्य कई खाद्य प्रदार्थ खाये जाते हैं. इसके बाद सभी पुरुष व महिलाएं बैठकर देवी देवताओं को खुश करने के लिए उनके गीतों को गाते हैं.

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बता दें कि इस मेले के दौरान रिब्बा के ग्रामीण जिसमें सिर्फ पुरुष पहाड़ों से दस हजार फीट की ऊंचाई पर पाए जाने वाले ब्रह्म कमल नामक फूल को लाकर दूसरे दिन रिब्बा गांव के देवता कासुराजस को भेंट करते हैं.

Intro:किन्नौर के रिब्बा गाँव के ग्रामीणों ने मनाया बादरंग सोंगा,करीब 10 हज़ार फिट की ऊंचाई पहाड़ी पर जाकर दैवीय स्थल पर मनाते है इस मेले को,पारम्परिक वेशभूषा में ढोल नगाड़ों के साथ खूब झूमते है ग्रामीण।


Body:किन्नौर के पूह खण्ड के तहत रिब्बा गाँव मे इन दिनों बादरंग सोंगा यानी बादो का मेला मनाया जा रहा है इस मेले में स्थानीय ग्रामीण महिलाएं व पुरूष रिब्बा गाँव से ऊपर कंडे पहाड़ियों जिसकी ऊंचाई करीब दस हज़ार फिट है वहाँ पैदल चलकर जाते है और पहुचने पर पहाड़ो में गुप्त देवी देवताओं की पूजा कर मेले का आगाज़ ढोल नगाड़ों से किया जाता है इस मेले में स्थानीय महिलाएं पारम्परिक वेषभूषा में किन्नौर के पुराने रीति रिवाज से मेहमानों का स्वागत करते है और खाने पीने का खास ख्याल रखा जाता है इस मेले में सूखे मेवे,चिलटे, फाफड़ा की सब्जी,व अन्य कई खाद्य प्रदार्थ खाये जाते है इसके बाद सभी पुरूष व महिलाएं बैठकर देवी देवताओं को खुश करने के लिए उनके गीतों को गाकर उन्हें खुश करते है और आपस मे मिलकर मेला करते है Conclusion:बता दे कि इस मेले के दौरान रिब्बा के ग्रामीण जिसमे सिर्फ पुरुष पहाड़ो से ब्रम्हा कमल नामक फूल जो दस हज़ार फिट की ऊंचाई पर मिलता है उसे उठाकर दूसरे दिन रिब्बा गाँव के देवता कासुराजस को भेंट करते है।



वीडियो-----रिब्बा के ग्रामीण रिब्बा कंडे में मेला के दौरान
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