किन्नौर: जिला के अकपा के समीप बने पुल को करीब एक वर्ष का समय हो गया है, लेकिन अभी तक इस पुल का न तो उद्धघाटन हुआ है और न ही इस पुल से वाहनों को गुजारा जा रहा है. ऊपरी किन्नौर के 24 पंचायतों को जोड़ने वाला यह पुल इन पंचायतो के अलावा स्पीति को भी जोड़ता है, लेकिन एक वर्ष से पुल केवल शोपीस बनकर रह गया है.
बता दें कि अकपा के साथ पुराना लकड़ी का पुल भी बना है जिसमें बड़े वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित है. लकड़ी के पुल में अब बड़े वाहनों को उठाने की क्षमता नही है. इसलिए इसमें केवल छोटे वाहन चलाए जाते हैं और बड़े वाहनों के लिए सतलुज से होते हुए एक वैकल्पिक अस्थाई रूप से पुल बनाया गया है, जो कच्ची सड़को से होते हुए गुजरती है जिसमें बड़े वाहन चालक जान हथेली में रखकर सफर तय करते है.
28 करोड़ की लागत से तैयार हुए इस पुल की हालत भी खस्ता हो गई है. यहां तक की पुल बीचों बीच से टेड़ा भी हो गया है जो पुल निर्माता की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़ा करता है. स्थानीय लोग आकपा के समीप सतलुज नदी के साथ बने अस्थाई पुल से सफर करने पर मजबूर है. जबकि इस पुल पर रंगरोगन व अन्य कार्य भी खत्म हो चुका है, लेकिन अब तक इस पुल पर दोनों ओर से सीमा सड़क संगठन ने बेरियर लगाया है.
इस पुल के बंद होने से इन दिनों सेब से लदे बड़े वाहनों को अस्थाई रूप से बने कंपनी के पुल से जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ता है. वाहन चालकों को कभी भी बड़ा हादसा होने का खतरा बना हुआ है.