किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर में लॉकडाउन के चलते अब सेब बागवानों को आने वाले दिनों में सेब को मंडी तक पहुचाने की चिंता सताने लगी है. इसलिए किन्नौर के ग्रामीण क्षेत्रों ने अपने पंचायत प्रतिनिधियों को इस विषय में प्रशासन व सरकार के समक्ष इस विषय को उठाने की मांग कर रहे हैं.
जिसपर जिला के विभिन्न पंचायतों ने जिला प्रशासन व प्रदेश सरकार से जिला किन्नौर के मुख्य नकदी फसलों के बारे में विचार मंथन की मांग रखी है और डीसी किन्नौर के माध्यम से मुख्यमंत्री को पंचायतों की तरफ से चिट्ठी के जरिए से जिला की समस्याए भी भेजी हैं.
किन्नौर की कोठी पंचायत के उपप्रधान व बागवान दयाल सिंह ने कहा कि इस वर्ष किन्नौर में बागवानों की फसल बहार लगी हुई है और अब किन्नौर के निचले क्षेत्रों में आगामी दो महीनों में सेब तैयार हो जाता है.
ऐसे में सेब की खाली पेटियों व सेब को मंडी तक पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन को गंभीरता से विचार मंथन करना होगा, नहीं तो जिला के सैंकड़ों बागवानों की फसल खतरे में आ सकती है.
जिला किन्नौर में लॉकडाउन के चलते बागवानों को खाली पेटियों के साथ सेब पेकिंग के लिए समस्याएं आ सकती है और सेब को मंडी तक पहुंचाने के लिए वाहनों की सुविधाएं भी नहीं हैं. इससे पहले इस समय सेब की खाली पेटियां किन्नौर तक पहुंच जाती थी और निचले क्षेत्रों में सेब के आढ़ती, ठेकेदार सेब की गुणवत्ता व खरीदारी के लिए पहले ही आ जाते थे.
इस साल लॉकडाउन के चलते सेब की खाली पेटियों को लेकर बागवान अभी से चिंतित हैं. ऐसे में सरकार व प्रशासन को जल्द ही इस मामले में विचार करना चाहिए क्योंकि किन्नौर में एक मात्र नकदी फसल सेब है.
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