ETV Bharat / state

रिकांगपिओ में NH-5 की हालत खस्ता, सेना की गाड़ियों को बॉर्डर तक पहुंचने में आ रही मुश्किलें

author img

By

Published : Aug 8, 2020, 1:00 PM IST

किन्नौर के प्रवेश द्वार चौरा से पोवारी तक एनएच-5 की खस्ता हालत के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. एनएच-5 के बीचो-बीच बड़े-बड़े गड्ढे पड़े हुए हैं. ऐसे में लोगों को वाहनों में आवाजाही में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

NH-5 kinnaur
NH-5 kinnaur

किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर के प्रवेश द्वार चौरा से पोवारी तक एनएच-5 की खस्ता हालत के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही सेना की गाड़ियों को भी बॉर्डर तक पहुंचने में मुश्किल हो रही है. वहीं, एनएच की खस्ता हालत को लेकर लोगों ने सवाल उठाए हैं.

मीडिया से रूबरू होते हुए रिकांगपिओ सीजेएम कोर्ट अधिवक्ता राजेश नेगी ने कहा कि एनएच-5 की हालत काफी गंभीर है क्योंकि एनएच-5 के बीचो-बीच बड़े-बड़े गड्ढे पड़े हुए हैं. ऐसे में लोगों को वाहनों में आवाजाही में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

किन्नौर में एनएच-5 की खस्ता हालत

राजेश नेगी ने कहा कि किन्नौर के एनएच की टायरिंग और मेटलिंग के लिए भारत सरकार की ओर से करोड़ों रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है. इसके बाद भी अब तक एनएच पर सही ढंग से टायरिंग नहीं की गई. सड़क के गड्ढों को अभी तक नहीं भरा गया. जहां एक तरफ चीन भारतीय सीमाओं की ओर बढ़ने की फिराक में है, वहीं किन्नौर की सड़कों की हालत से सेना और आइटीबीपी के जवानों को भी वाहनों को सीमा तक ले जाने में कई घंटों का समय लग रहा है.

एनएच-5 पर चोरा से लेकर पोवारी तक सड़क के बीचो-बीच बड़े-बड़े पत्थर भी सड़क के रखे गए हैं जिससे रात के समय वाहनों के टकराने से दुर्घटना होने की संभावना भी बनी हुई है. राजेश नेगी ने कहा कि किन्नौर के ज्यादातर लोग अपनी बड़े बीमारी के इलाज के लिए रामपुर और शिमला की ओर जाते हैं, लेकिन इस दौरान एनएच की हालत खस्ता होने से लोगों को अपने इलाज के दौरान रामपुर शिमला तक पहुंचने में भी कई घंटों का समय लग रहा है. ऐसे में मरीज की हालत काफी बिगड़ जाती है. उन्होंने केंद्र सरकार और प्रशासन से किन्नौर के एनएच-5 की टायरिंग और मेटलिंग करने की मांग रखी है ताकि लोगो को आवजाही में परेशानियां न हों.

ये भी पढे़ं - अटल टनल का नाम अब होगा अटल रोहतांग टनल, केंद्र ने दी मंजूरी

किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर के प्रवेश द्वार चौरा से पोवारी तक एनएच-5 की खस्ता हालत के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही सेना की गाड़ियों को भी बॉर्डर तक पहुंचने में मुश्किल हो रही है. वहीं, एनएच की खस्ता हालत को लेकर लोगों ने सवाल उठाए हैं.

मीडिया से रूबरू होते हुए रिकांगपिओ सीजेएम कोर्ट अधिवक्ता राजेश नेगी ने कहा कि एनएच-5 की हालत काफी गंभीर है क्योंकि एनएच-5 के बीचो-बीच बड़े-बड़े गड्ढे पड़े हुए हैं. ऐसे में लोगों को वाहनों में आवाजाही में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

किन्नौर में एनएच-5 की खस्ता हालत

राजेश नेगी ने कहा कि किन्नौर के एनएच की टायरिंग और मेटलिंग के लिए भारत सरकार की ओर से करोड़ों रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है. इसके बाद भी अब तक एनएच पर सही ढंग से टायरिंग नहीं की गई. सड़क के गड्ढों को अभी तक नहीं भरा गया. जहां एक तरफ चीन भारतीय सीमाओं की ओर बढ़ने की फिराक में है, वहीं किन्नौर की सड़कों की हालत से सेना और आइटीबीपी के जवानों को भी वाहनों को सीमा तक ले जाने में कई घंटों का समय लग रहा है.

एनएच-5 पर चोरा से लेकर पोवारी तक सड़क के बीचो-बीच बड़े-बड़े पत्थर भी सड़क के रखे गए हैं जिससे रात के समय वाहनों के टकराने से दुर्घटना होने की संभावना भी बनी हुई है. राजेश नेगी ने कहा कि किन्नौर के ज्यादातर लोग अपनी बड़े बीमारी के इलाज के लिए रामपुर और शिमला की ओर जाते हैं, लेकिन इस दौरान एनएच की हालत खस्ता होने से लोगों को अपने इलाज के दौरान रामपुर शिमला तक पहुंचने में भी कई घंटों का समय लग रहा है. ऐसे में मरीज की हालत काफी बिगड़ जाती है. उन्होंने केंद्र सरकार और प्रशासन से किन्नौर के एनएच-5 की टायरिंग और मेटलिंग करने की मांग रखी है ताकि लोगो को आवजाही में परेशानियां न हों.

ये भी पढे़ं - अटल टनल का नाम अब होगा अटल रोहतांग टनल, केंद्र ने दी मंजूरी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.