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तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने हिमाचली टोपी पहन टीवी पर लाइव देखा गणतंत्र दिवस समारोह - तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा

Tibetan spiritual leader Dalai Lama, dalai lama wearing himachali topi: तिब्बती आध्यात्मिक धर्मगुरु दलाई लामा गणतंत्र दिवस के मौके पर हिमाचल प्रदेश की पारंपरिक पहाड़ी टोपी पहने हुए दिखे. दलाई लामा ने गुरुवार को अपने मैक्लोडगंज स्थित आवास पर टेलीविजन के माध्यम से भारत के गणतंत्र दिवस समारोह को देखा. दलाईलामा ने अपने आधिकारिक फेसबुक अकाउंट से एक पोस्ट साझा इसकी जानकारी दी.

dalai lama wearing himachali top
तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा
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Published : Jan 26, 2023, 10:17 PM IST

Updated : Jan 27, 2023, 6:05 AM IST

धर्मशाला: तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने गुरुवार को अपने मैक्लोडगंज स्थित आवास पर टेलीविजन के माध्यम से भारत के गणतंत्र दिवस समारोह को देखा. दलाईलामा ने अपने आधिकारिक फेसबुक अकाउंट से एक पोस्ट साझा इसकी जानकारी दी.

इस फोटो में दलाईलामा हिमाचल प्रदेश की पारंपरिक पहाड़ी टोपी पहने हुए दिखे. दो दिनों से खराब मौसम के बीच गुरुवार को धर्मशाला में अच्छी धूप निकली. दलाई लामा ने खिली धूप में बैठकर भारत के गणतंत्र दिवस समारोह का टीवी के माध्यम से सीधा प्रसारण देखा. दलाईलामा की ओर से साझा की गई फोटो में पिछली तरफ धौलाधार की पहाड़ियों से धूप में चमकती हुई खूबसूरत बर्फीली पहाड़ियां दिखाई दे रही हैं.

धर्मगुरु दलाईलामा कई बार सार्वजनिक रूप से हिमाचल और धर्मशाला के प्रति अपना प्रेम जाहिर कर चुके हैं. सोशल मीडिया पर साझा की गई फोटो में उन्होंने लामाओं की ओर से ली जाने वाली लाल रंग की शॉल ओढ़ी हुई थी. पहाड़ी टोपी के साथ लाल रंग के लिबास में शेयर की गई फोटो को उनके अनुयायियों द्वारा खूब पसंद और शेयर किया गया.

चीन कहता है अलगाववादी

तवांग वो जगह है जहां पर सन् 1683 में छठे दलाई लामा का जन्‍म हुआ था. ये जगह तिब्‍बती बौद्ध धर्म का केंद्र है. शांति का नोबल हासिल करने वाला दलाई लामा आज भी अरुणाचल प्रदेश और तवांग को भारत का हिस्‍सा करार देते हैं तो चीन इसे दक्षिणी तिब्‍बत करार देता है. इस वजह से चीन दलाई लामा को एक अलगाववादी नेता मानता है. वो कहता है कि दलाई लामा भारत और चीन की शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं. दलाई लामा अमेरिका से लेकर संयुक्‍त राष्‍ट्र तक तिब्‍बत की आजादी और यहां की शांति की अपील करते रहते हैं. उनकी मांग है कि पूरे तिब्बत को एक शांति क्षेत्र में बदला जाए. चीन की जनसंख्‍या स्‍थानातंरण की पॉलिसी को अब छोड़ दिया जाए क्‍योंकि यह तिब्‍बतियों के अस्तित्‍व के लिए खतरा है.

ये भी पढ़ें- Beating Retreat Ceremony: अटारी बॉर्डर पर बीटिंग रिट्रीट में दिखा जवानों का जोश

धर्मशाला: तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने गुरुवार को अपने मैक्लोडगंज स्थित आवास पर टेलीविजन के माध्यम से भारत के गणतंत्र दिवस समारोह को देखा. दलाईलामा ने अपने आधिकारिक फेसबुक अकाउंट से एक पोस्ट साझा इसकी जानकारी दी.

इस फोटो में दलाईलामा हिमाचल प्रदेश की पारंपरिक पहाड़ी टोपी पहने हुए दिखे. दो दिनों से खराब मौसम के बीच गुरुवार को धर्मशाला में अच्छी धूप निकली. दलाई लामा ने खिली धूप में बैठकर भारत के गणतंत्र दिवस समारोह का टीवी के माध्यम से सीधा प्रसारण देखा. दलाईलामा की ओर से साझा की गई फोटो में पिछली तरफ धौलाधार की पहाड़ियों से धूप में चमकती हुई खूबसूरत बर्फीली पहाड़ियां दिखाई दे रही हैं.

धर्मगुरु दलाईलामा कई बार सार्वजनिक रूप से हिमाचल और धर्मशाला के प्रति अपना प्रेम जाहिर कर चुके हैं. सोशल मीडिया पर साझा की गई फोटो में उन्होंने लामाओं की ओर से ली जाने वाली लाल रंग की शॉल ओढ़ी हुई थी. पहाड़ी टोपी के साथ लाल रंग के लिबास में शेयर की गई फोटो को उनके अनुयायियों द्वारा खूब पसंद और शेयर किया गया.

चीन कहता है अलगाववादी

तवांग वो जगह है जहां पर सन् 1683 में छठे दलाई लामा का जन्‍म हुआ था. ये जगह तिब्‍बती बौद्ध धर्म का केंद्र है. शांति का नोबल हासिल करने वाला दलाई लामा आज भी अरुणाचल प्रदेश और तवांग को भारत का हिस्‍सा करार देते हैं तो चीन इसे दक्षिणी तिब्‍बत करार देता है. इस वजह से चीन दलाई लामा को एक अलगाववादी नेता मानता है. वो कहता है कि दलाई लामा भारत और चीन की शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं. दलाई लामा अमेरिका से लेकर संयुक्‍त राष्‍ट्र तक तिब्‍बत की आजादी और यहां की शांति की अपील करते रहते हैं. उनकी मांग है कि पूरे तिब्बत को एक शांति क्षेत्र में बदला जाए. चीन की जनसंख्‍या स्‍थानातंरण की पॉलिसी को अब छोड़ दिया जाए क्‍योंकि यह तिब्‍बतियों के अस्तित्‍व के लिए खतरा है.

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Last Updated : Jan 27, 2023, 6:05 AM IST
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