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तिब्बतियों के विभिन्न संगठनों का मैक्लोडगंज में प्रदर्शन, चीन की खिलाफत का किया विरोध - धर्मशाला में तिब्बतियों का प्रदर्शन

धर्मशाला के मैकलोडगंज में आज निर्वासित तिब्बतियन संगठनों और स्थानीय जनता की ओर से चीन की खिलाफत के विरोध में प्रदर्शन किया गया. इस दौरान उन्होंने भारतीय सेना के जवानों की हौसला अफजाई भी की और कहा कि भारत की सेना ने हमेशा चीन को मुंहतोड़ जबाव दिया है. (Tibetans protest in Dharamshala) (Tibetan protest in Mcleodganj) (India China Border Dispute

Tibetan protest in Mcleodganj.
मैकलोडगंज में तिब्बतियों का विरोध प्रदर्शन.
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Published : Dec 15, 2022, 3:31 PM IST

Updated : Dec 15, 2022, 4:20 PM IST

कांगड़ा: अरुणाचल प्रदेश के तहत आने वाली भारत चीन सीमा के त्वांग इलाके में भारत चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई है. जिसकी चिंगारी हिमाचल प्रदेश की दूसरी राजधानी धर्मशाला के मैकलोडगंज तक पहुंच गई है. यहां निर्वासित तिब्बतियन संगठनों और स्थानीय जनता की ओर से चीन की खिलाफत के विरोध और भारतीय सेना के जवानों की हौसला अफजाई के लिए सड़क पर निकलकर जोरदार प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शन में निर्वासित तिब्बतियन के छह गैर सरकारी संगठन और एक तिब्बतन फ्रेंडशिप एसोसिएशन ने साथ मिलकर मैकलोडगंज चौक पर जोरदार प्रदर्शन किया. (Tibetans protest in Dharamshala) (Tibetan protest in Mcleodganj)

इस दौरान उन्होंने चीन की विस्तारवादी नीतियों का पुरजोर विरोध किया और 'तिब्बत की आजादी' 'भारत की सुरक्षा' जैसे नारे लगाकर भारत सरकार का भी समर्थन किया. इस दौरान तिब्बतियन संगठनों के पदाधिकारियों रिंजन और गुमु टुंडू ने कहा कि चीन के किसी भी सहयोग से दुनिया के हर देश को बचना चाहिए. चीन हमेशा अपनी विस्तारवादी नीति के लिए जाना जाता है और वो हमेशा पीठ के पीछे से वार करने के लिए मशहूर है. भारत की सेना ने उनको हमेशा मुंहतोड़ जबाव दिया है.

पदाधिकारियों ने कहा कि अबकी बार भी भारतीय सैनिकों ने उन्हें अपनी सीमा से पीछे धकेल दिया है, लेकिन वे अपनी हरकतों से बाज नहीं आएंगे. इसलिए उनका हर स्तर पर विरोध होना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि अगर भविष्य में तिब्बत को आजादी मिलती है तो भारत की सीमा भी सुरक्षित हो जाएगी, लेकिन चीन की दमनकारी नीतियों के चलते चीन लगातार भारत की सीमा में घुसपैठ करने का प्रयास कर रहा है, लेकिन भारत के जांबाज सैनिक चीन की इस नापाक हरकत का मुंह तोड़ जबाब दे रहे हैं. (India China Border Dispute) (India China Troops Face Off)

ये भी पढ़ें: धर्मशाला तिब्बती महिला संघ ने निकाला कैंडल मार्च, चीन का किया विरोध

कांगड़ा: अरुणाचल प्रदेश के तहत आने वाली भारत चीन सीमा के त्वांग इलाके में भारत चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई है. जिसकी चिंगारी हिमाचल प्रदेश की दूसरी राजधानी धर्मशाला के मैकलोडगंज तक पहुंच गई है. यहां निर्वासित तिब्बतियन संगठनों और स्थानीय जनता की ओर से चीन की खिलाफत के विरोध और भारतीय सेना के जवानों की हौसला अफजाई के लिए सड़क पर निकलकर जोरदार प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शन में निर्वासित तिब्बतियन के छह गैर सरकारी संगठन और एक तिब्बतन फ्रेंडशिप एसोसिएशन ने साथ मिलकर मैकलोडगंज चौक पर जोरदार प्रदर्शन किया. (Tibetans protest in Dharamshala) (Tibetan protest in Mcleodganj)

इस दौरान उन्होंने चीन की विस्तारवादी नीतियों का पुरजोर विरोध किया और 'तिब्बत की आजादी' 'भारत की सुरक्षा' जैसे नारे लगाकर भारत सरकार का भी समर्थन किया. इस दौरान तिब्बतियन संगठनों के पदाधिकारियों रिंजन और गुमु टुंडू ने कहा कि चीन के किसी भी सहयोग से दुनिया के हर देश को बचना चाहिए. चीन हमेशा अपनी विस्तारवादी नीति के लिए जाना जाता है और वो हमेशा पीठ के पीछे से वार करने के लिए मशहूर है. भारत की सेना ने उनको हमेशा मुंहतोड़ जबाव दिया है.

पदाधिकारियों ने कहा कि अबकी बार भी भारतीय सैनिकों ने उन्हें अपनी सीमा से पीछे धकेल दिया है, लेकिन वे अपनी हरकतों से बाज नहीं आएंगे. इसलिए उनका हर स्तर पर विरोध होना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि अगर भविष्य में तिब्बत को आजादी मिलती है तो भारत की सीमा भी सुरक्षित हो जाएगी, लेकिन चीन की दमनकारी नीतियों के चलते चीन लगातार भारत की सीमा में घुसपैठ करने का प्रयास कर रहा है, लेकिन भारत के जांबाज सैनिक चीन की इस नापाक हरकत का मुंह तोड़ जबाब दे रहे हैं. (India China Border Dispute) (India China Troops Face Off)

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Last Updated : Dec 15, 2022, 4:20 PM IST
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