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शहीद के परिवार के हक पर किसने डाला डाका, शांता कुमार ने भी प्रशासन पर उठाए सवाल

तीन साल बीत जाने के बाद भी पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले में शहीद संजीवन राणा के परिवार के लिए प्रदेश सरकार ने जो घोषणाओं की थीं वो अभी तक पूरी नहीं हो पाई है. पूर्व सांसद शांता कुमार ने जांच के लिए डीसी कांगड़ा के समक्ष मामला उठाया है.

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Published : Jan 5, 2020, 6:31 PM IST

पालमपुर: साल 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले में शहीद संजीवन राणा के नाम घोषणाएं पूरा न होने को लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद शांता कुमार ने चिंता जताई है.शांता कुमार ने बताया कि उन्होंने सांसद रहते हुए सांसद निधि से तीन लाख रुपये शहीद के नाम पर हैंडपंप लगाने के लिए दिए थे. उन्होंने कहा विभाग के अधिकारियों ने उन्हें हैंडपंप लगने की रिपोर्ट भी भेजी थी.

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ऐसे में सवाल उठता है कि जब हैंडपंप लगा नहीं तो विभाग ने झूठी रिपोर्ट क्यों भेजी.पूर्व सांसद ने कहा कि उन्होंने मामले की जांच के लिए डीसी कांगड़ा से बात की है. शांता कुमार ने कहा कि शहीद परिवार के लिए की गई घोषणाएं तीन साल बाद भी पूरी न होना दुख का विषय है. अगर प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन किसी कारण मेरे सांसद रहते हुए दिए हुए पैसे का पता नहीं लगा पाए तो वो खुद तीन लाख खर्च कर शहीद परिवार के लिए पानी की सुविधा उपलब्ध करवाएंगे.

ये भी पढ़ें: शहीद को 3 साल बाद भी नहीं मिला सम्मान, परिवार की गुहार सुनो सरकार

दरअसल ईटीवी भारत ने शहीद संजीवन राणा के परिवार का दर्द सरकार तक पहुंचाने की कोशिश की थी. शहीद के परिवार के मुताबिक जिला प्रशासन ने तीन साल बाद भी एक भी घोषणा पूरी नहीं की. उस समय नेताओं ने शहीद संजीवन राणा के नाम कॉलेज का नामकरण, पार्क और प्रतिमा लगाने की घोषणा की थी, लेकिन आज तक वो पूरी नहीं हो पाई है.

जिला प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के चलते शहीद परिवार को अभी तक न तो कोई सम्मान मिल पाया है और न ही कोई सुविधा. पंचायत की ओर से समय-समय पर प्रशासन को रिमाइंडर दिया गया, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई काम नहीं हो पाया है.

पालमपुर: साल 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले में शहीद संजीवन राणा के नाम घोषणाएं पूरा न होने को लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद शांता कुमार ने चिंता जताई है.शांता कुमार ने बताया कि उन्होंने सांसद रहते हुए सांसद निधि से तीन लाख रुपये शहीद के नाम पर हैंडपंप लगाने के लिए दिए थे. उन्होंने कहा विभाग के अधिकारियों ने उन्हें हैंडपंप लगने की रिपोर्ट भी भेजी थी.

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ऐसे में सवाल उठता है कि जब हैंडपंप लगा नहीं तो विभाग ने झूठी रिपोर्ट क्यों भेजी.पूर्व सांसद ने कहा कि उन्होंने मामले की जांच के लिए डीसी कांगड़ा से बात की है. शांता कुमार ने कहा कि शहीद परिवार के लिए की गई घोषणाएं तीन साल बाद भी पूरी न होना दुख का विषय है. अगर प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन किसी कारण मेरे सांसद रहते हुए दिए हुए पैसे का पता नहीं लगा पाए तो वो खुद तीन लाख खर्च कर शहीद परिवार के लिए पानी की सुविधा उपलब्ध करवाएंगे.

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दरअसल ईटीवी भारत ने शहीद संजीवन राणा के परिवार का दर्द सरकार तक पहुंचाने की कोशिश की थी. शहीद के परिवार के मुताबिक जिला प्रशासन ने तीन साल बाद भी एक भी घोषणा पूरी नहीं की. उस समय नेताओं ने शहीद संजीवन राणा के नाम कॉलेज का नामकरण, पार्क और प्रतिमा लगाने की घोषणा की थी, लेकिन आज तक वो पूरी नहीं हो पाई है.

जिला प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के चलते शहीद परिवार को अभी तक न तो कोई सम्मान मिल पाया है और न ही कोई सुविधा. पंचायत की ओर से समय-समय पर प्रशासन को रिमाइंडर दिया गया, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई काम नहीं हो पाया है.

Intro:शहीद संजीवन राणा के नाम घोषणाएं पूर्ण ना होने के समाचार को लेकर भाजपा वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने जताई चिंता, कहा हैंडपंप स्थापना के लिए तीन लाख रुपये सांसद निधि से दिए थे, यदि पानी नहीं दिया गया है, तो अपनी जेब से तीन लाख रुपये खर्च कर शहीद परिवार को दिए जाएंगे, उपायुक्त कांगड़ा से जांच की मांगBody:दो जनवरी 2016 को पठानकोट एयरबेस में आतंकी हमले में शहीद शाहपुर उपमंडल के सियुंह निवासी डीएससी जवान हवलदार संजीवन राणा के नाम घोषणाएं पूर्ण ना होने के समाचार को लेकर भाजपा वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने चिंता जताई है वहीं स्पष्ट किया है कि उन्होंने हैंडपंप स्थापना के लिए तीन लाख रुपये सांसद निधि से दिए हैं। उन्होंने समाचार में अपना नाम भी शामिल करने को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि उन्होंने शहीद परिवार के साथ किए वादे अनुसार सांसद निधि से तीन लाख रुपये भेजे हैं। यहां तक कि विभाग की ओर से दिए जबाव में स्पष्ट किया गया है कि उक्त धन को खर्च किया गया है। उन्होंने कहा कि समाचार देखने के बाद मैंने स्वयं इस मुद्दे को लेकर जांच की वहीं जिला उपायुक्त से भी जांच किए जाने का अनुरोध किया है। लेकिन चिंता का विषय है कि तीन लाख से जो काम होना था आज तक नहीं हुआ है। जो रिपोर्ट हमें मिली व कार्यालय में कागजात देखे तो उसमें कहा गया कि तीन लाख रुपये आए और काम हो गया है। उन्होंने रिपोर्ट की उपायुक्त कांगड़ा से जांच की मांग की हैConclusion:शांता कुमार ने कहा कि यदि तीन लाख रुपये इधर-उधर हुए हैं, तो शहीद परिवार को अपनी जेब से तीन लाख रुपये देकर पानी दूंगा। तीन लाख रुपये कहां गए और झूठी रिपोर्ट क्यों दी गई, दोनों चीजों की जांच होनी चाहिए। शांता कुमार ने कहा कि शहीद परिवार से किए शेष वादे सरकार पूरा करे और यदि पानी नहीं दिया गया है, तो अपनी जेब से तीन लाख रुपये खर्च कर शहीद परिवार को दिए जाएंगे।
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