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बिना लाइसेंस के दवाइयां रखने पर 3 साल की सजा, एक लाख रुपये जुर्माना - डमटाल स्थित एक आयुर्वेदिक क्लीनिक

गैर कानूनी तरीके से दवाई बेचने पर डमटाल स्थित एक आयुर्वेदिक क्लीनिक के चिकित्सक को तीन साल की कैद और एक लाख जुर्माना भरना होगा.

बिना लाइसेंस के दवाइयां रखने पर 3 साल की सजा, एक लाख रुपये जुर्माना
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Published : Sep 26, 2019, 1:02 PM IST

धर्मशाला: डमटाल स्थित एक आयुर्वेदिक क्लीनिक में बिना लाइसेंस के एलोपैथी दवाइयां बेचने का मामला सामने आया है. गैर कानूनी तरीके से दवाई बेचने पर चिकित्सक को तीन साल की कैद और एक लाख जुर्माना भरना होगा.

मामले की जानकारी देते हुए जिला न्यायवादी राजेश वर्मा ने बताया कि 1 मार्च, 2011 को ड्रग इंस्पेक्टर व पुलिस ने आयुर्वेदिक क्लीनिक पर छापामारी की थी. इस दौरान वहां से कई एलोपैथिक दवाइयां बरामद की गई.

ड्रग इंस्पेक्टर ने क्लीनिक संचालक रवि महाजन निवासी पठानकोट से दवाइयां बेचने का लाइसेंस व आरएमपी का प्रमाण पत्र दिखाने को कहा, तो वह इसे प्रस्तुत नहीं कर सका. पुलिस ने सभी दवाइयों को सील कर दिया. 3 मार्च, 2011 को चालान कोर्ट में पेश किया गया. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 6 गवाह पेश किए गए.

वहीं, अब जिला एवं सत्र न्यायाधीश जेके शर्मा की अदालत में आरोपी को दोषी मानते हुए उसे तीन साल कठोर कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई.

धर्मशाला: डमटाल स्थित एक आयुर्वेदिक क्लीनिक में बिना लाइसेंस के एलोपैथी दवाइयां बेचने का मामला सामने आया है. गैर कानूनी तरीके से दवाई बेचने पर चिकित्सक को तीन साल की कैद और एक लाख जुर्माना भरना होगा.

मामले की जानकारी देते हुए जिला न्यायवादी राजेश वर्मा ने बताया कि 1 मार्च, 2011 को ड्रग इंस्पेक्टर व पुलिस ने आयुर्वेदिक क्लीनिक पर छापामारी की थी. इस दौरान वहां से कई एलोपैथिक दवाइयां बरामद की गई.

ड्रग इंस्पेक्टर ने क्लीनिक संचालक रवि महाजन निवासी पठानकोट से दवाइयां बेचने का लाइसेंस व आरएमपी का प्रमाण पत्र दिखाने को कहा, तो वह इसे प्रस्तुत नहीं कर सका. पुलिस ने सभी दवाइयों को सील कर दिया. 3 मार्च, 2011 को चालान कोर्ट में पेश किया गया. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 6 गवाह पेश किए गए.

वहीं, अब जिला एवं सत्र न्यायाधीश जेके शर्मा की अदालत में आरोपी को दोषी मानते हुए उसे तीन साल कठोर कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई.

Intro:धर्मशाला- डॉक्टर भगवान का रूप होता है और वही डॉक्टर गलती कर दे तो हैवान बन जाता है। बता दे कि  बिना लाइसेंस के एलोपैथी दवाइयां बेचना एक आयुर्वेदिक चिकित्सक को भारी पड़ा गया है। बिना लाइसेंस के दवाई बेचने पर उसे तीन साल की कैद और एक लाख का जुर्माना भरने की सजा जिला एवं सत्र न्यायाधीश जेके शर्मा की अदालत ने सुनाई है। वही मामले की जानकारी देते हुए जिला न्यायवादी राजेश वर्मा ने बताया कि पहली मार्च, 2011 को ड्रग इंस्पेक्टर व पुलिस ने डमटाल स्थित एक आयुर्वेदिक क्लीनिक पर छापामारी की थी।




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 इस दौरान मौके पर कई एलोपैथिक दवाइयां वहां पर टीम ने बरामद की थीं। इस पर जब ड्रग इंस्पेक्टर ने क्लीनिक चलाने वाले  रवि महाजन निवासी पठानकोट से दवाइयां बेचने का लाइसेंस व आरएमपी का प्रमाण पत्र दिखाने को कहा, तो वह इसे प्रस्तुत नहीं कर सका। इसके चलते एएसआई सर्वजीत सिंह, हेड कांस्टेबल बलवंत सिंह, रमेश चंद, संगत राम व जीतराम की उपस्थिति में सभी दवाइयों को सील कर दिया गया।





Conclusion: तीन मार्च, 2011 को चालान कोर्ट में पेश किया। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल छह गवाह पेश किए गए। वहीं अदालत में आरोपी के खिलाफ दोष सिद्ध होने पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जेके शर्मा की अदालत ने चिकित्सक रवि महाजन को तीन साल कठोर कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने का सजा सुनाई।

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