धर्मशाला: ग्लोबल सिटी मैक्लोडगंज स्थित दलाईलामा टेंपल में टीचिंग का आज दूसरा दिन था. दूसरे दिन भी देश विदेश से आये दलाईलामा के अनुयायियों में टीचिंग्स को लेकर बेहद उत्साह देखा गया. आज फ्रांस, रूस, यूक्रेन, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों के अनुयायियों ने दलाईलामा की टीचिंग्स में हिस्सा लिया और बौद्ध धर्म समेत देश दुनिया और खुद के जीवन में आध्यात्मिकता का क्या अहम योगदान है ? उस बाबत भी जानकारी हासिल की. (Global City Mcleodganj)
फ्रांस से पहुंची एक अनुयायी ने कहा कि उन्हें बौद्ध धर्म को जानने का मौका मिला. दलाईलामा की टीचिंग्स उन्हें सिखाती हैं कि जिंदगी और दुनिया में आध्यातमिकता का क्या रोल है? उन्होंने कहा कि वो बेहद खुश है, वहीं रूस की नीली ने कहा कि वो दलाईलामा को देखने के लिये यहाँ आई हुई हैं और उन्हें देखकर बेहद खुश भी हैं, उन्हें यहां बहुत कुछ सीखने को मिला.
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वहीं, तिब्बती धर्म गुरु दलाईलामा ने अपने अनुयायियों को बुद्ध की शिक्षा देते हुए कहा कि इंसान को अपने जीवन में सरल व्यक्तित्व रखना चाहिए और एक दूसरे की मदद के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि इंसान को शांति प्रिय होना जरूरी है. उन्होंने कहा कि वे जब भी भारत के बाहर शिक्षा के लिए अपनी यात्रा को जाते हैं, तो वहां पर भी अपने अनुयायियों से शांति प्रिय रहने आह्वान करते है.