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कांगड़ा: मलबों में दबे हुए लोगों का सर्च ऑपरेशन जारी, नदी-नालों के पास न जाने की हिदायत

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Published : Jul 14, 2021, 9:20 PM IST

बीते सोमवार को कांगड़ा जिले में भारी बारिश के कारण भूस्खलन हुआ था. इस दौरान कई मकान मलबे में दब गए जिनका रेस्क्यू अभियान अभी तक जारी है. वहीं, जिला की करेरी झील के नजदीक 49 लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया गया है. इसके साथ ही त्रियुंड में अस्सी लोगों की जान बचाई गई है.

रेस्क्यू अभियान
रेस्क्यू अभियान

कांगड़ा: जिला कांगड़ा में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण करेरी झील के नजदीक 49 लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया गया है. इसके साथ ही त्रियुंड में अस्सी लोगों की जान बचाई गई है. गत दो दिनों में कांगड़ा जिला में भूस्खलन और भारी बारिश के कारण विभिन्न जगहों पर फंसे 141 लोगों को सकुशल सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने में कामयाबी हासिल की गई है जबकि 10 के करीब लोगों की मौत हुई है.

जानकारी देते हुए कांगड़ा उपायुक्त निपुण जिंदल ने बताया कि अब तक शाहपुर उपमंडल के बोह में पांच लोगों को सकुशल निकाला गया है जबकि आठ की मौत हो चुकी है. उन्होंने बताया कि बोह क्षेत्र में दो लोग लापता है, उनको ढूंढने के लिए एनडीआरएफ, होम गार्ड, पुलिस की टीम ने सर्च अभियान चलाया हुआ है. इसी तरह से चकवन में मांझी खड्ड में बाढ़ की चपेट में आए एक व्यक्ति की तलाश के लिए भी अभियान जारी है.

उपायुक्त निपुण जिंदल ने बताया कि राजोल में गज खड्ड की बाढ़ की चपेट में आए चार लोगों और ततवानी में एक व्यक्ति को बचाया गया है. धर्मशाला में भूस्खलन की चपेट में आए दो व्यक्तियों को बचाया गया है. उन्होंने बताया कि चैतड़ू और शीला में बाढ़ से प्रभावित 382 लोगों के लिए बगली में राहत कैंप लगाया गया है जिसमें ठहरने और भोजन आदि की व्यवस्था की गई है. उपायुक्त ने कहा कि जिला में राहत और पुनर्वास के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं.

उपायुक्त ने कहा कि लोगों को भी खड्डों नदियों और नालों के पास नहीं जाने की हिदायतें दी गई हैं. उन्होंने कहा कि बोह में राहत और पुनर्वास के कार्य में प्रशासन जुटा है. इसके साथ ही बारिश से बंद संपर्क मार्गों को भी खोला जा रहा है. उपायुक्त निपुण जिंदल ने कहा कि राजस्व अधिकारियों को बारिश से प्रभावित लोगों के लिए तत्काल प्रभाव से फौरी राहत देने के निर्देश भी दिए गए हैं ताकि प्रभावितों को किसी भी तरह की असुविधा नहीं झेलनी पड़े. उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालय पर 24 घंटे आपदा कंट्रोल रूम के माध्यम से आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों की निगरानी सुनिश्चित की जा रही है.

ये भी पढ़ें- कांगड़ा में तबाही का मंजर: इन मौतों का जिम्मेदार कौन, शासन और प्रशासन पर उठ रहे ये सवाल

कांगड़ा: जिला कांगड़ा में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण करेरी झील के नजदीक 49 लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया गया है. इसके साथ ही त्रियुंड में अस्सी लोगों की जान बचाई गई है. गत दो दिनों में कांगड़ा जिला में भूस्खलन और भारी बारिश के कारण विभिन्न जगहों पर फंसे 141 लोगों को सकुशल सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने में कामयाबी हासिल की गई है जबकि 10 के करीब लोगों की मौत हुई है.

जानकारी देते हुए कांगड़ा उपायुक्त निपुण जिंदल ने बताया कि अब तक शाहपुर उपमंडल के बोह में पांच लोगों को सकुशल निकाला गया है जबकि आठ की मौत हो चुकी है. उन्होंने बताया कि बोह क्षेत्र में दो लोग लापता है, उनको ढूंढने के लिए एनडीआरएफ, होम गार्ड, पुलिस की टीम ने सर्च अभियान चलाया हुआ है. इसी तरह से चकवन में मांझी खड्ड में बाढ़ की चपेट में आए एक व्यक्ति की तलाश के लिए भी अभियान जारी है.

उपायुक्त निपुण जिंदल ने बताया कि राजोल में गज खड्ड की बाढ़ की चपेट में आए चार लोगों और ततवानी में एक व्यक्ति को बचाया गया है. धर्मशाला में भूस्खलन की चपेट में आए दो व्यक्तियों को बचाया गया है. उन्होंने बताया कि चैतड़ू और शीला में बाढ़ से प्रभावित 382 लोगों के लिए बगली में राहत कैंप लगाया गया है जिसमें ठहरने और भोजन आदि की व्यवस्था की गई है. उपायुक्त ने कहा कि जिला में राहत और पुनर्वास के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं.

उपायुक्त ने कहा कि लोगों को भी खड्डों नदियों और नालों के पास नहीं जाने की हिदायतें दी गई हैं. उन्होंने कहा कि बोह में राहत और पुनर्वास के कार्य में प्रशासन जुटा है. इसके साथ ही बारिश से बंद संपर्क मार्गों को भी खोला जा रहा है. उपायुक्त निपुण जिंदल ने कहा कि राजस्व अधिकारियों को बारिश से प्रभावित लोगों के लिए तत्काल प्रभाव से फौरी राहत देने के निर्देश भी दिए गए हैं ताकि प्रभावितों को किसी भी तरह की असुविधा नहीं झेलनी पड़े. उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालय पर 24 घंटे आपदा कंट्रोल रूम के माध्यम से आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों की निगरानी सुनिश्चित की जा रही है.

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