धर्मशालाः पुलवामा में हुए आतंकी हमले में जहां सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए हैं. वहीं हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा की ज्वाली विधानसभा के वेधा गांव से भी तिलक राज ने शहादत को अपने गले लगाया है.
शहीद तिलक राज का पार्थिव शरीर शनिवार सुबह उनके गांव पहुंचा. जहां उनका राजकीय व सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. उन्हें श्रद्धांजिल देने के लिए सीएम जयराम ठाकुर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा सहित अन्य मंत्री व कांग्रेस से नेता मौजूद रहे.
इस मौके पर सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि इस घटना से आज पूरे देश मे आक्रोश ओर रोष है. उन्होंने कहा कि यह बड़े ही दुख का क्षण है. उन्होंने परिवार को सांत्वना दी व साथ ही शहीद की पत्नी को नौकरी देने की भी बात कही. उन्होंने कहा कि जैसे ही परिवार इस दुख से बाहर निकलेगा शहीद की पत्नी को नौकरी दे दी जाएगी. सीएम ने कहा कि जहां पर शहीद तिलक राज ने शिक्षा ग्रहण की है उस स्कूल का नाम आज से ही शहीद तिलक राज होगा. इसके साथ ही ग्रामीणों की मांग के बाद स्कूल को माध्यमिक से हाई स्कूल किया जाएगा.
सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि आज देश के साथ प्रदेश में भी पाकिस्तान के खिलाफ लोगों में गुस्सा है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि जनता शांति बनाए रखे. बता दें कि इससे पहले सीएम सदन में शहीद परिवार को 20 लाख रूपये देने की घोषणा कर चुकी है. उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री जल्द ही कार्रवाई करेंगे.
वहीं सीआरपीएफ सोनीपत के डीआईजी ओंकार सिंह ने कहा कि तिलक राज एक बहुत अच्छे सिपाही थे. उन्होंने कहा कि तिलक राज सेना के अलावा समाज में भी अपना योगदान दे रहे थे. वह एक गायक भी थे. उन्होंने कहा कि इस दुख की घड़ी में सीआरपीएफ उनके परिवार के साथ है.
रिटायर्ड कर्नल मनीष धीमान ने कहा कि यह हमला बहुत ही दयनीय था. उन्होंने कहा कि जब पता चल चुका है कि जेश-ए-मोहम्मद ने यह हमला करवाया है और उसे पाकिस्तान शरण दे रहा है, तो पाकिस्तान की हर तरफ से मदद बंद कर देनी चाहिए. उन्होंने कश्मीर के पत्थरबाजों को लेकर कहा कि कश्मीर का लड़का पत्थर मार रहा है, तो वह भटका हुआ नौजवान है और अगर हमारा सैनिक शहीद होता है तो किसी का कोई लफ्ज नहीं निकलता है. उन्होंने कहा कि इस तरह के लोगों को आतंकवादी की तरह ही ट्रीट करना चाहिए.
बता दें कि जहां शहीद तिलक राज के परिवार में आज पूरा माहौल गमहीन था, वहीं उनका बेटा वरूण जो अभी तीन साल का है, उस मासूम को अभी तक इस बारे में पता नहीं है कि वह अपने पिता को खो चुका है. जब उसके पिता की अंतिम विदाई हो रही थी तब भी वरुण ने अपनी मासूमियत से अपने पिता को विदाई दी.