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रोड सेफ्टी क्लब की बैठक में बोले DSP ज्वालाजी, तंग नहीं सुधारने की नियत से करती है पुलिस चालान

ज्वालाजी में रोड सेफ्टी क्लब की बैठक आयोजित की गई. थाना प्रभारी मनोहर चौधरी ने कहा कि अक्सर देखने में आता है कि सड़क हादसों में 70 प्रतिशत वाहन दोपहिया ही होते हैं, जो ज्यादातर दुर्घटना का शिकार होते हैं. ऐसे में जरूरत है कि पहले खुद ट्रैफिक के पूरे नियमों का पालन करें व बाद में दूसरों को सुधारें.

रोड सेफ्टी क्लब, road safety club
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Published : Aug 25, 2019, 5:43 PM IST

ज्वालामुखी: डीएसपी ज्वालाजी तिलक राज की अध्यक्षता में रोड सेफ्टी क्लब की बैठक आयोजित की गई. डीएसपी ने कहा कि दोपहिया वाहन चालक बिना हेलमेट के सड़कों पर तेज रफ्तार दौड़ रहे हैं. वाहन चालकों के चालान पुलिस उन्हें तंग करने के लिए नहीं बल्कि उनकी नियत सुधारने के लिए करती है.

बैठक के दौरान थाना प्रभारी मनोहर चौधरी ने कहा कि अक्सर देखने में आता है कि सड़क हादसों में 70 प्रतिशत वाहन दोपहिया ही होते हैं, जो ज्यादातर दुर्घटना का शिकार होते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे में जरूरत है कि पहले खुद ट्रैफिक के पूरे नियमों का पालन करें व बाद में दूसरों को सुधारें.

ये भी पढ़ें-ज्वालामुखी में मूसलाधार बारिश के बाद मौसम हुआ कूल-कूल, लोगों ने ली राहत की सांस

चौधरी ने कहा कि अक्सर देखने मे आता है कि मां-बाप अपने नाबालिग बच्चों को उनकी जिद्द पर वाहन थमा देते हैं, जबकि अभी तक उनके बच्चों को ट्रैफिक के नियमों की जानकारी तक नहीं होती है. इसके लिए माता-पिता भी कानून की नजर में उतने ही दोषी पाए जाते हैं, जितने कि उनके बच्चे. उन्होंने पंचायत प्रधानों से सड़क दुर्घटना से बचाने के लिए बच्चों को रोड सेफ्टी प्रोग्राम से जोड़कर जागरूक करने को कहा.

थाना प्रभारी मनोहर चौधरी ने कहा कि अगर कोई ट्रैफिक नियम को फॉलो करता है तो ये खुद के लिए लाभकारी है. अगर आंकड़े देखे जाएं तो लाखों लोगों की मौत सड़क दुर्घटना में होती है, इनमें से ज्यादातर 15 से 25 की उम्र के युवा शामिल हैं. लाइफ में एडवेंचर के लिए तेज गाड़ी चलाना हादसे की वजह बनता है, तो ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए.

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ज्वालामुखी: डीएसपी ज्वालाजी तिलक राज की अध्यक्षता में रोड सेफ्टी क्लब की बैठक आयोजित की गई. डीएसपी ने कहा कि दोपहिया वाहन चालक बिना हेलमेट के सड़कों पर तेज रफ्तार दौड़ रहे हैं. वाहन चालकों के चालान पुलिस उन्हें तंग करने के लिए नहीं बल्कि उनकी नियत सुधारने के लिए करती है.

बैठक के दौरान थाना प्रभारी मनोहर चौधरी ने कहा कि अक्सर देखने में आता है कि सड़क हादसों में 70 प्रतिशत वाहन दोपहिया ही होते हैं, जो ज्यादातर दुर्घटना का शिकार होते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे में जरूरत है कि पहले खुद ट्रैफिक के पूरे नियमों का पालन करें व बाद में दूसरों को सुधारें.

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चौधरी ने कहा कि अक्सर देखने मे आता है कि मां-बाप अपने नाबालिग बच्चों को उनकी जिद्द पर वाहन थमा देते हैं, जबकि अभी तक उनके बच्चों को ट्रैफिक के नियमों की जानकारी तक नहीं होती है. इसके लिए माता-पिता भी कानून की नजर में उतने ही दोषी पाए जाते हैं, जितने कि उनके बच्चे. उन्होंने पंचायत प्रधानों से सड़क दुर्घटना से बचाने के लिए बच्चों को रोड सेफ्टी प्रोग्राम से जोड़कर जागरूक करने को कहा.

थाना प्रभारी मनोहर चौधरी ने कहा कि अगर कोई ट्रैफिक नियम को फॉलो करता है तो ये खुद के लिए लाभकारी है. अगर आंकड़े देखे जाएं तो लाखों लोगों की मौत सड़क दुर्घटना में होती है, इनमें से ज्यादातर 15 से 25 की उम्र के युवा शामिल हैं. लाइफ में एडवेंचर के लिए तेज गाड़ी चलाना हादसे की वजह बनता है, तो ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए.

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Intro:तंग नही सुधारने की नीयत से करती है पुलिस चालान : डी एस पी

रोड सेफ्टी क्लब की बैठक में बोले डी एस पी तिलक राज
बैठक में थाना प्रभारी मनोहर चौधरी के अलावा विभिन्न पंचायतों के प्रधान रहे शामिलBody:
ज्वालामुखी, 25 अगस्त (नितेश): दोपहिया वाहनों पर बिना हेलमेट के सड़को पर तेज रफ्तार दौड़ रहे वाहन चालकों के चालान पुलिस उन्हें तंग करने के लिए नही बल्कि उनकी नियत सुधारने के लिए करती है, ताकि वह आगे से ट्रैफिक के पूरे नियमों का पालन करें। ये बात डी एस पी ज्वालाजी तिलक राज ने रोड सेफ्टी क्लब की आयोजित बैठक की अद्यक्षता करते हुए कही। इस मौके पर क्लब के प्रधान हरि सिंह सहित सभी सदस्य यहाँ उपस्तिथ रहे। वहीं बैठक के दौरान थाना प्रभारी मनोहर चौधरी ने कहा कि अक्सर देखने में आता है कि सड़क हादसों में 70 प्रतिशत वाहन दोपहिया ही होते है, जो ज्यादातर दुर्घटना का शिकार होते है। उन्होंने कहा कि ऐसे में हमें जरूरत है की पहले हम खुद ट्रैफिक के पूरे नियमों का पालन करें व बाद में दूसरों को सुधारें। उन्होंने कहा कि अक्सर देखने मे आता है कि माँ बाप अपने नाबालिग बच्चों को उनकी ज़िद पर वाहन थमा देते है, जबकिं अभी तक उनके बच्चों को ट्रैफिक के नियमों की जानकारी तक नही होती है। उन्होंने कहा कि इसके लिए माता पिता भी कानून की नजर में उतने ही दोषी पाए जाते है, जितने की उनके बच्चे।
उन्होंने पंचायत प्रधानों से कहा कि सड़क दुर्घटना से बचाने के लिए बच्चों को रोड सेफ्टी प्रोग्राम से जोड़कर जागरूक किया जाना चाहिए, ऐसे में इसके लिए वह एक निश्चित बैठक का आयोजन करें।
उन्होंने कहा कि हम ट्रैफिक नियम को फॉलो करते हैं तो यह हमारे लिए लाभकारी है न कि किसी और के लिए। अगर आंकड़े देखे जाए तो लाखो लोगों की मौत सड़क दुर्घटना में होती है, इनमें से ज्यादातर 15 से 25 की उम्र के लोग शामिल हैं। लाइफ में एडवेंचर के लिए तेज गाड़ी चलाना हादसे की वजह बनता है, तो ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए।Conclusion:
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