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पुलवामा शहीद तिलक राज: देवभूमि का सपूत जो अपने बेटे का नामकरण तक नहीं कर पाया

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले को एक साल पूरा हो गया है. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे. हमले में हिमाचल के कांगड़ा जिले के जवान तिलक राज भी शहीद हो गए थे.

martyr tilak raj
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Published : Feb 14, 2020, 12:08 PM IST

कांगड़ा: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले को एक साल पूरा हो गया है. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे. हमले में हिमाचल के कांगड़ा जिले के जवान तिलक राज भी शहीद हो गए थे.

शहीद तिलक राज कांगड़ा जिला के उपमंडल जवाली के धेवा गांव के रहने वाले थे. तिलक राज को शहीद हुए एक साल बीत गया है, लेकिन उनके गाए पहाड़ी गाने आज भी हर कोई सुनकर उन्हें श्रद्धांजलि देता है. शहीद तिलक राज बचपन से ही गाने के अलावा और भी शौक रखते थे.

जब भी तिलक राज घर आते वो अक्सर अपने दोस्तों के साथ गांव में कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन भी करते थे. तिलक राज पहाड़ी गाने तो गाते ही थे वे कबड्डी के राज्यस्तरीय खिलाड़ी भी थे.

तिलक राज का जन्म 2 मई, 1988 को हुआ था. उनके पिता का नाम लायक राज जो मजदूरी करते हैं और माता का नाम विमला देवी है जो गृहणी हैं. तिलक राज की प्रारंभिक शिक्षा राजकीय प्राथमिक पाठशाला धेवा में हुई थी.

घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण तिलक राज ने 10वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी. घर को संभालने के लिए उन्होंने फोटोग्राफी का काम शुरू किया था. ज्वाली में फोटोग्राफी का काम सीखने के बाद उन्होंने घर से 10 किलोमीटर दूर दुकान भी चलाई.

पढ़ेंः पुलवामा हमले की पहली बरसी पर शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहा है कृतज्ञ राष्ट्र

उनके पिरवार के अधिकांश लोग ताया-चाचा के बेटे सेना में हैं ऐसे में उनके अंदर भी देशभक्ति की भावना स्वभाविक थी. साल 2007 में तिलक राज केंद्रीय रिजर्व सुरक्षा बल (सीआरपीएफ) में भर्ती हुए थे.

परिवार से आखिरी बात

पुलवामा हमले से ठीक एक दिन पहले 13 फरवरी, 2019 की शाम को तिलक राज ने अपनी पत्नी सावित्री देवी से बात की थी. उन्होंने फोन पर बताया था कि वो इस बाज जब छुट्टी पर आएंगे तो एक गाना गाकर उसे जल्द रीलीज करेंगे.

अपने बेटे का नामकरण नहीं कर पाए थे तिलक राज

शहीद तिलक राज के दो बेटे हैं, एक 3 साल का है जबकि दूसरा अभी एक साल का ही हुआ है. शाहदत से पहले तिलक राज अपने दुसरे बेटे (विवान) जिसका जन्म हुआ था उसे देखने ही घर आए हुए थे. 14 फरवरी को जब तिलक राज शहीद तब विवान मात्र 22 दिन का हुआ था.

छुट्टी पर घर आए तिलक राज अपने बेटे का नामकरण नहीं कर पाए थे. जब वह छुट्टी खत्म कर वापिस ड्यूटी पर गए तब विवान मात्र 18 दिन का था. अब विवान एक साल को हो गया है.

तिलक राज के गाए पहाड़ी गाने

तिलक राज लोकगायक भी थे. वे तिलक राज शानू के नाम से जाने जाते थे. उन्होंने मेरी प्यारी मोनिका, सिद्दू शराबी व नीलम गद्दण जैसे हिट गाने गाए थे. यू-ट्यूब पर लाखों लोग उनके गाने सुन चुके हैं.

ये भी पढ़ेंः पुलवामा हमला : शहीदों को याद कर भर आया दिल, छलक उठीं आंखें

कांगड़ा: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले को एक साल पूरा हो गया है. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे. हमले में हिमाचल के कांगड़ा जिले के जवान तिलक राज भी शहीद हो गए थे.

शहीद तिलक राज कांगड़ा जिला के उपमंडल जवाली के धेवा गांव के रहने वाले थे. तिलक राज को शहीद हुए एक साल बीत गया है, लेकिन उनके गाए पहाड़ी गाने आज भी हर कोई सुनकर उन्हें श्रद्धांजलि देता है. शहीद तिलक राज बचपन से ही गाने के अलावा और भी शौक रखते थे.

जब भी तिलक राज घर आते वो अक्सर अपने दोस्तों के साथ गांव में कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन भी करते थे. तिलक राज पहाड़ी गाने तो गाते ही थे वे कबड्डी के राज्यस्तरीय खिलाड़ी भी थे.

तिलक राज का जन्म 2 मई, 1988 को हुआ था. उनके पिता का नाम लायक राज जो मजदूरी करते हैं और माता का नाम विमला देवी है जो गृहणी हैं. तिलक राज की प्रारंभिक शिक्षा राजकीय प्राथमिक पाठशाला धेवा में हुई थी.

घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण तिलक राज ने 10वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी. घर को संभालने के लिए उन्होंने फोटोग्राफी का काम शुरू किया था. ज्वाली में फोटोग्राफी का काम सीखने के बाद उन्होंने घर से 10 किलोमीटर दूर दुकान भी चलाई.

पढ़ेंः पुलवामा हमले की पहली बरसी पर शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहा है कृतज्ञ राष्ट्र

उनके पिरवार के अधिकांश लोग ताया-चाचा के बेटे सेना में हैं ऐसे में उनके अंदर भी देशभक्ति की भावना स्वभाविक थी. साल 2007 में तिलक राज केंद्रीय रिजर्व सुरक्षा बल (सीआरपीएफ) में भर्ती हुए थे.

परिवार से आखिरी बात

पुलवामा हमले से ठीक एक दिन पहले 13 फरवरी, 2019 की शाम को तिलक राज ने अपनी पत्नी सावित्री देवी से बात की थी. उन्होंने फोन पर बताया था कि वो इस बाज जब छुट्टी पर आएंगे तो एक गाना गाकर उसे जल्द रीलीज करेंगे.

अपने बेटे का नामकरण नहीं कर पाए थे तिलक राज

शहीद तिलक राज के दो बेटे हैं, एक 3 साल का है जबकि दूसरा अभी एक साल का ही हुआ है. शाहदत से पहले तिलक राज अपने दुसरे बेटे (विवान) जिसका जन्म हुआ था उसे देखने ही घर आए हुए थे. 14 फरवरी को जब तिलक राज शहीद तब विवान मात्र 22 दिन का हुआ था.

छुट्टी पर घर आए तिलक राज अपने बेटे का नामकरण नहीं कर पाए थे. जब वह छुट्टी खत्म कर वापिस ड्यूटी पर गए तब विवान मात्र 18 दिन का था. अब विवान एक साल को हो गया है.

तिलक राज के गाए पहाड़ी गाने

तिलक राज लोकगायक भी थे. वे तिलक राज शानू के नाम से जाने जाते थे. उन्होंने मेरी प्यारी मोनिका, सिद्दू शराबी व नीलम गद्दण जैसे हिट गाने गाए थे. यू-ट्यूब पर लाखों लोग उनके गाने सुन चुके हैं.

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