कांगड़ा: जिला के नागरिक अस्पताल रैहन में लोगों को 24 घंटे इलाज की सुविधा मिलेगी, जिससे उन्हें आपात स्थिति में दूसरे अस्पतालों में नहीं जाना पड़ेगा. यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के रैहन सिविल अस्पताल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दी.
रैहन अस्पताल में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यसभा के पूर्व सांसद कृपाल परमार ने की, वहीं, ज्वाली के विधायक अर्जुन ठाकुर विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे. गौरतलब है कि इस स्वास्थ्य संस्थान को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कुछ समय पहले 50 बिस्तरों के तौर पर सिविल अस्पताल के रूप में स्तरोन्नत किया था. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस अस्पताल में 24 घण्टे स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होने से क्षेत्र की 17 पंचायतों के लोगों को लाभ मिलेगा. स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने कहा कि प्रदेश सरकार लोगों को बेहतर तथा घर-द्वार के समीप आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाने के प्रति दृढ़ संकल्प है.
विपिन सिंह परमार ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 'सहारा' योजना के अंतर्गत कैंसर, अधरंग, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी और थेलेसेमिया जैसी अन्य गम्भीर बीमारी से पीड़ित आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों की देखभाल के लिये 2 हजार रुपये प्रतिमाह की सहायता राशि प्रदान करने का प्रावधान किया है. उन्होंने कहा कि 'आयुष्मान' और 'हिमकेयर' योजना में प्रदेश के एक लाख जरूरतमंद लोगों के उपचार पर अब तक करीब 100 करोड़ रुपये व्यय किये जा चुके हैं. विपिन परमार ने बताया कि लोगों की सुविधा के दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने 'हिमकेयर' योजना के अन्तर्गत पंजीकरण प्रक्रिया को 01 जनवरी, 2020 से दोबारा शुरू किया है और इस योजना के तहत पंजीकरण से छूट गए परिवार 31 मार्च, 2020 तक अपना पंजीकरण करवा सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 5 लाख रुपये तक का ईलाज सरकार के चुनिंदा अस्पतालों में निःशुल्क करवाया जा रहा है.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को ओर सुदृढ़ बनाने के लिए डॉक्टरों व पैरा मेडिकल स्टाफ के पदों को प्राथमिकता के आधार पर भरा जा रहा है. उन्होंने बताया कि गत दो वर्षों के दौरान 800 से अधिक डॉक्टरों के पदों को भरा गया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में शीघ्र ही 300 नए डॉक्टरों के पदों को भरने की प्रक्रिया जारी है जिससे अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी पूरी होगी. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य संस्थानों को वैलनेस सेन्टर के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं सुदृढ़ होंगी.
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