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कांगड़ा: लोक सेवा आयोग से भरे जाएंगे श्री चामुंडा देवी मंदिर में पुजारियों के पद - priests in Chamunda Devi Temple

कांगड़ा जिले में स्थित प्रसिद्ध श्री चामुंडा देवी मंदिर में पुजारियों के रिक्त पड़े पदों को हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से भरा जाएगा. इसके लिए मंदिर प्रशासन ने सरकार की मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजा है. बता दें कि लंबे समस से मंदिर को नियमित पुजारी नहीं मिल पाया है.

Shri Chamunda Devi Temple
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Published : Dec 18, 2020, 12:23 PM IST

धर्मशाला: श्री चामुंडा देवी मंदिर में पुजारियों के रिक्त पड़े पदों को हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से भरा जाएगा. इसके लिए मंदिर प्रशासन ने सरकार की मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजा है. बता दें कि लंबे समस से मंदिर को नियमित पुजारी नहीं मिल पाया है.

कभी सेवानिवृत्‍त पुजारियों और कई बार उधार के पुजारियों से मंदिर में पूजा अर्चना और धार्मिक अनुष्ठानों का कार्य जैसे-तैसे चलाया जा रहा है. ऐसे में धार्मिक आस्था से जुड़े लोगों का मत है कि हिंदू संस्कृति के अनुसार मंदिर की पूजा अर्चना का कार्य भार कर्मकांडी और विद्वान पंडित के जिम्मे ही होना चाहिए.

इससे पूर्व मंदिर की पूजा अर्चना कर्मकांडी और पंडित ही चलाते रहे हैं. बेशक अब भी होंगे, लेकिन नियमित पुजारी न होने की कमी अकसर अखरती रहती है. वर्ष 1994 के दौरान मंदिर का सरकार में अधिग्रहण हुआ था, तब दो पुजारी और एक सहायक पुजारी मंदिर की पूजा अर्चना करते थे.

फरवरी 2019 से नहीं कोई नियमित पुजारी

2015 के दौरान पुजारी राम सेवानिवृत हुए, फिर एक ही पुजारी रह गया. फरवरी 2019 को ओम व्यास सेवानिवृत हुए फिर कोई भी नियमित पुजारी नहीं रहा.

वहीं, आयुक्त मंदिर एवं उपायुक्त कांगड़ा राकेश प्रजापति ने बताया कि रिक्त पदों को भरने के लिए सरकार की मंजूरी मिल चुकी है. लेकिन अब यह सर्विस कमीशन के माध्यम से भरे जाने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है, ताकि एक अहम पद की पारदर्शिता बनी रहे.

ये भी पढ़ेंः लाहौल-स्पीति : बर्फ के बीच स्ट्रेचर पर 15 KM उठाकर सड़क तक पहुंचाया मरीज

धर्मशाला: श्री चामुंडा देवी मंदिर में पुजारियों के रिक्त पड़े पदों को हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से भरा जाएगा. इसके लिए मंदिर प्रशासन ने सरकार की मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजा है. बता दें कि लंबे समस से मंदिर को नियमित पुजारी नहीं मिल पाया है.

कभी सेवानिवृत्‍त पुजारियों और कई बार उधार के पुजारियों से मंदिर में पूजा अर्चना और धार्मिक अनुष्ठानों का कार्य जैसे-तैसे चलाया जा रहा है. ऐसे में धार्मिक आस्था से जुड़े लोगों का मत है कि हिंदू संस्कृति के अनुसार मंदिर की पूजा अर्चना का कार्य भार कर्मकांडी और विद्वान पंडित के जिम्मे ही होना चाहिए.

इससे पूर्व मंदिर की पूजा अर्चना कर्मकांडी और पंडित ही चलाते रहे हैं. बेशक अब भी होंगे, लेकिन नियमित पुजारी न होने की कमी अकसर अखरती रहती है. वर्ष 1994 के दौरान मंदिर का सरकार में अधिग्रहण हुआ था, तब दो पुजारी और एक सहायक पुजारी मंदिर की पूजा अर्चना करते थे.

फरवरी 2019 से नहीं कोई नियमित पुजारी

2015 के दौरान पुजारी राम सेवानिवृत हुए, फिर एक ही पुजारी रह गया. फरवरी 2019 को ओम व्यास सेवानिवृत हुए फिर कोई भी नियमित पुजारी नहीं रहा.

वहीं, आयुक्त मंदिर एवं उपायुक्त कांगड़ा राकेश प्रजापति ने बताया कि रिक्त पदों को भरने के लिए सरकार की मंजूरी मिल चुकी है. लेकिन अब यह सर्विस कमीशन के माध्यम से भरे जाने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है, ताकि एक अहम पद की पारदर्शिता बनी रहे.

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