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नगर परिषद की पार्किंग में घायल अवस्था में पड़ी रही गाय, किसी 'गौरक्षक' ने नहीं ली सुध

नगर परिषद की पार्किंग में एक गाय बीते सप्ताह से बिलबिला रही है, लेकिन अभी तक इस गाय की किसी भी गौरक्षक ने सुध नही ली. आलम ये है कि इस मामले को लेकर अभी तक सभी समाजसेवी व गौरक्षक चुप्पी साधे हुए हैं. ऐसा नहीं है कि ज्वालाजी में गौरक्षा के ठेकेदार नहीं है, लेकिन दर्द से बिलखाती रही गाय की सुध लेने वाला कोई भी नहीं है.

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Published : Jul 24, 2019, 6:06 PM IST

कांगड़ा: प्रदेश में बेसहारा पशुओं से जहां किसान और आम लोग परेशान है वहीं अब बेजुबान पशुओं की हालत भी दयनीय हो गई है. ज्वालाजी की पार्किंग में एक हफ्ते से घायल अवस्था में गाय पड़ी रही, लेकिन किसी ने इसकी सुध नहीं ली.
नगर परिषद की पार्किंग में कीचड़ में दयनीय हालत में बीते 1 हफ्ते से पड़ी इस गाय की न तो नगर परिषद और न ही किसी गौरक्षक ने सुध ली. इसकी खबर स्थानीय लोगों द्वारा सिद्धि विनायक वेलफेयर सोसायटी को दी गई. इस पर सोसायटी के अध्यक्ष सुनील शर्मा ने मौके पर जाकर सबसे पहले गाय की हालत का जायजा लिया और उसके बाद उसे कीचड़ से हटा कर सुखी जगह पर रखा. साथ ही उसके बाद वेटनरी अस्पताल से फर्मासिस्ट हरीश को फोन कर इस बारे में सुचना दी.

वीडियो
अस्पताल से पहुंचे डॉक्टरों ने गाय की मरहम पट्टी की. बताया जा रहा है कि गाय की हालत में अब सुधार हो रहा है. इसके साथ ही सिद्धि विनायक वेलफेयर सोसायटी ने नगर परिषद के अधिकारियों को इस बारे सूचित कर इस गाय को गौसदन में छोड़ने की बात कही है, जिससे बेजुबान जानवर को बचाया जा सके.
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कीचड़ में पड़ी गाए

आपको बता दें कि गौरक्षा के नाम पर प्रदेश में बहुत से लोग पैसे लेने के लिए दान लिया जाता है, जिसमें लोग अपनी इच्छा से योगदान भी देते हैं, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि कब तक गौवंश सड़कों पर दर्द से बिलखाते रहेंगे और गोरक्षा के ठेकेदार पैसों की वसूली करते रहेंगे.

कांगड़ा: प्रदेश में बेसहारा पशुओं से जहां किसान और आम लोग परेशान है वहीं अब बेजुबान पशुओं की हालत भी दयनीय हो गई है. ज्वालाजी की पार्किंग में एक हफ्ते से घायल अवस्था में गाय पड़ी रही, लेकिन किसी ने इसकी सुध नहीं ली.
नगर परिषद की पार्किंग में कीचड़ में दयनीय हालत में बीते 1 हफ्ते से पड़ी इस गाय की न तो नगर परिषद और न ही किसी गौरक्षक ने सुध ली. इसकी खबर स्थानीय लोगों द्वारा सिद्धि विनायक वेलफेयर सोसायटी को दी गई. इस पर सोसायटी के अध्यक्ष सुनील शर्मा ने मौके पर जाकर सबसे पहले गाय की हालत का जायजा लिया और उसके बाद उसे कीचड़ से हटा कर सुखी जगह पर रखा. साथ ही उसके बाद वेटनरी अस्पताल से फर्मासिस्ट हरीश को फोन कर इस बारे में सुचना दी.

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अस्पताल से पहुंचे डॉक्टरों ने गाय की मरहम पट्टी की. बताया जा रहा है कि गाय की हालत में अब सुधार हो रहा है. इसके साथ ही सिद्धि विनायक वेलफेयर सोसायटी ने नगर परिषद के अधिकारियों को इस बारे सूचित कर इस गाय को गौसदन में छोड़ने की बात कही है, जिससे बेजुबान जानवर को बचाया जा सके.
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कीचड़ में पड़ी गाए

आपको बता दें कि गौरक्षा के नाम पर प्रदेश में बहुत से लोग पैसे लेने के लिए दान लिया जाता है, जिसमें लोग अपनी इच्छा से योगदान भी देते हैं, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि कब तक गौवंश सड़कों पर दर्द से बिलखाते रहेंगे और गोरक्षा के ठेकेदार पैसों की वसूली करते रहेंगे.

Intro:इन्शानियत हुई शर्मशार........
ज्वालाजी में एक सप्ताह से दर्द से बिलबिला रही गाय, किसी गौरक्ष ने नही की सुध

गोरक्षा के ढोंग का ज्वालाजी में हो रहा पर्दाफाश
बरसात के कारण भी गाय की जा सकती है जानBody:
ज्वालामुखी, 24 जुलाई (नितेश): गौरक्षा के नाम पर हो रहे गोरखधंधे का यूं तो प्रधानमंत्री मोदी तक ने जिक्र किया है कि किस तरह गौवंश की रक्षा के ठेकेदार अपनी मनमानी कर रहे है। इसकी एक मिसाल अब देवभूमि के प्रख्यात मन्दिर ज्वालाजी में देखने को मिली है।
दरअसल ज्वालाजी बस स्टैंड से 500 मीटर दूर नादौन की तरफ को ठेके के सामने स्तिथ नगर परिषद की एक पर्किंग में एक गाय बीते सफ्ताह से बिलबिला रही है, लेकिन अभी तक इस गाय की किसी भी गौरक्षक ने सुध नही ली है। आलम ये है कि इस मामले को लेकर अभी तक सभी समाजसेवी व गौरक्षक चुप्पी साधे हुए हैं। ऐसा नही है कि ज्वालाजी में गौरक्षा के ठेकेदार नही है, यहां भी गोरक्षा के कई ठेकेदार है जो कई बार अखबारों की सुर्खियों में छाए रहते हैं।अब देखने बाली बात यह है की हिन्दू समाज मेँ गाय को माँ का दर्जा दिया है, लेकिन गाय माँ की यह दुर्दशा हिन्दू समाज के लिए अच्छा संकेत नहीं है, जो सिर्फ ज्वालाजी में ही नही आए दिन प्रदेश की सड़कों पर देखने को मिलती है जहां हज़ारो पशु घूम रहे हैं। इनमें से कई रोज दुर्घटनाओं का भी शिकार हो रहे हैं।
इधर, ज्वालाजी में पर्किंग में एक हफ्ते से पड़ी गाय बहुत ही दयनीय हालत में है, जिसको देखकर किसी का भी दिल पसीज जाएगा। इस बेजुबान की इन सात दिनों में किसी ने उसकी अभी तक सुध नही ली है, वही ये कीचड़ में पड़ा हुआ है। जैसा की बरसात में बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, ऐसे में इस बछड़े की यदि समय पर सुध नही ली जाती है तो ये मर भी सकता है। बरसात में इंफेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है ऐसे में इसका इलाज जरूरी है।


कई स्थानों पर गोरक्षा के नाम पर ऐंठे जा रहे पैसे
गोरक्षा के नाम पर पैसे ऐंठने बाले लोग भी प्रदेश में बहुत हैं, जिनके द्वारा गोरक्षा के नाम पर पैसे ऐंठने के लिए बॉक्स बनाए गए है। इन बॉक्स में लोग आस्था कर कारण पैसों का दान भी करते हैं, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि कब तक गौवंश सड़कों पर दर्द से बिलबिलाता रहेगा ओर गौरक्षा के ठेकेदार पैसों की वसूली करते रहेंगे।


गोवंश को मिले डॉक्टरी सहायता
स्थानीय लोगों की माने तो जहां गोवंश को गौसदन में स्थान मिलना चाहिए वही सड़क दुर्घटना या जो पशु आवारा सड़कों पर घूमते है उनके इलाज व उपचार के लिए डॉक्टरी सहायता होनी चाहिए। लोगों ने सरकार से मांग उठाई है कि सरकार को चाहिए कि वह इस बारे ठोस कदम उठाए। इसके तहत हादसों का शिकार होने बाले गोवंश के लिए तुरंत उपचार का इंतज़ाम होना चाहिए। वही इसको लेकर वेटनरी डॉक्टरों की जिम्मेदारी सुनिश्चित होनी चाहिए।

सूचना मिलने पर गौ के उपचार के लिए आगे आई सिद्धि विनायक वेलफेयर सोसायटी
नगर परिषद की पार्किंग में कीचड़ में दयनीय हालत में एक हफ्ते से पड़ी गाय की जब किसी ने सुध नही ली तो इसकी खबर कुछ लोगों द्वारा बीते रोज सिद्धि विनायक वेलफेयर सोसायटी को दी गई। इस पर सोसायटी की अध्य्क्ष सुनील शर्मा ने मौके पर जाकर सबसे पहले गाय की हालत का जायजा लिया उसके बाद उसे कीचड़ से हटा कर सबसे पहले सुखी जगह पर रखा, साथ ही उसके बाद वेटनरी अस्पताल से फर्मासिस्ट हरीश को फोन कर इस बारे सूचित किया। थोड़ी ही देर में अस्पताल से पहुंचे डॉक्टरों ने गाय की मरहम पट्टी की। बताया जा रहा है कि गाय की हालत में अब सुधार हो सकता है। इसके साथ ही सिद्धि विनायक वेलफेयर सोसायटी के अध्य्क्ष सुनील शर्मा ने नगर परिषद के अधिकारियों को इस बारे सूचित कर इस गाय को गौसदन में छोड़ने की बात कही है, ताकि बेजुबान जानवर को बचाया जा सके।

क्या है मामला
अभी तक इस गाय को लेकर जांच पड़ताल करने पर सिद्धि विनायक वेलफेयर सोसायटी को पता चला है की ये गाय सपड़ी के समीप एक वाहन की चपेट में आ गई थी व बुरी तरह से घायल हो गई थी। बताया जा रहा है कि इस बीच इस बेजुबान जानवर को तड़पता देख आई टी बी पी के कुछ जबान गाड़ी में इसे ज्वालाजी छोड़ गए थे, जहां एक दीपक नाम कर युवक ने इस गाय का उपचार किया। बताया जा रहा है कि दुर्घटना के बाद गाय का पेट बुरी तरह से फट गया था जिसे टांके के द्वारा सिला गया, लेकिन कीचड़ में गाय के रहने की बजह से यहां उसके जख्मों पर कीड़े पड़ गए थे, ओर यहां पक्षियों व कुत्तों ने डेरा जमा लिया था। इस बीच जैसे ही कुछ लोगों ने देखा तो इसकी सूचना सिद्धि विनायक वेलफेयर सोसायटी को दी व इसके बाद यहां आगामी कारवाई अमल में लाई गई।


फोटो कैप्शन
1. ज्वालाजी : ज्वालाजी में एक हफ्ते से दर्द से बिलबिला रही गाय जिसकी बाद में सिद्धि विनायक वेलफेयर सोसायटी ने ली सुध। नितेश




Conclusion:बाइट
सिद्धि विनायक वेलफेयर सोसायटी प्रधान सुनील शर्मा
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