धर्मशाला: 14वीं वाहिनी एनडीआरएफ नूरपुर जिला कांगड़ा के कैंप परिसर में आज वीरवार को बलजिंदर सिंह सेनानी 14वीं वाहिनी एनडीआरएफ के मार्ग दर्शन में वाहिनी द्वारा एनडीआरएफ का 18वां बल दिवस हर्षोल्लास से मनाया गया. स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में परेड का आयोजन किया गया, इस दौरान भगवत सिंह राजपूत , द्वितीय कमान, 14वीं वाहिनी एनडीआरएफ के सभी पदाधिकारी मौजूद थे. द्वितीय कमान ने संबोधित करते हुए सभी पदाधिकारियों को स्थापना दिवस को बधाई दी. इस दौरान उन्होंने कहा की आज ही के दिन 2006 में आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत एनडीआरएफ को स्थापित किया गया था.
अग्रणी आपदा प्रबंधन बल के तौर पर उभरा: हर वर्ष 19 जनवरी को एनडीआरएफ का स्थापना दिवस मनाया जाता है. यही वह दिन है जिस दिन एनडीआरएफ की स्थापना देश में आने वाले हर संकट या आपदा की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया करते हुए रक्षा करने के लिए हुई. स्वच्छ भारत अभियान, स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम, बीमारी की रोकथाम एवं नियंत्रण जागरूकता कार्यक्रम, बाल कुपोषण जागरूकता कार्यक्रम में भी एनडीआरएफ सहायता प्रदान करता हुआ आ रहा है. पिछले कुछ वर्षों में एनडीआरएफ विश्व स्तर पर अग्रणी आपदा प्रबंधन बल के रूप में उभरा है.
'आपदा सेवा सदैव सर्वत्र है' उन्होंने कहा कि एनडीआरफ आपदा प्रतिक्रिया अभियानों में मानव जीवन और राष्ट्रीय संपत्ति को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. देश में होने वाली किसी भी तरह की आपदा से निपटने में यह बल हमेशा आगे रहता है. एनडीआरफ अन्य देशों में आपदा के समय सहायता प्रदान करने के साथ ही विभिन्न सुरक्षा बलों एवं राज्यों की एसडीआरएफ को प्रशिक्षण भी प्रदान करता है. एनडीआरफ का ध्येय वाक्य 'आपदा सेवा सदैव सर्वत्र है' इसका अर्थ है सभी परिस्थितियों में निरंतर आपदा प्रतिक्रिया सेवा 14वीं वाहिनी एनडीआरएफ जसूर, नूरपुर में स्थापित है एवं हिमाचल प्रदेश में सभी आपदाओं में त्वरित काम किया जाता है.