कांगड़ा: जिला प्रशासन 8 जून को बाढ़ और भूस्खलन जैसी किसी आपदा के समय बेहतर प्रबंधन के लिए मेगा मॉक ड्रिल के जरिए अपनी तैयारी को दिखाने जा रही है. जिसको लेकर अभ्यास कार्यशाला आयोजित किया गया. इस दौरान जिलाधीश डॉ. निपुण जिंदल ने आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों की बैठक लेते हुए सभी को मॉक ड्रिल को पूरी गंभीरता से लेने को कहा. जिलाधीश ने निर्देश दिए कि मॉक ड्रिल को केवल अभ्यास भर नहीं बल्कि वास्तविक घटना की तरह ही लें तथा असल आपदा के समय की परिस्थिति के मुताबिक ही प्रतिक्रिया करें. इससे सुधार की दृष्टि से प्रतिक्रिया में लगने वाले समय, समन्वय में गैप समेत अन्य कमियों की सही पहचान हो सकेगी, जिससे आपदा प्रबंधन योजना को आगे और कारगर बनाने में मदद मिलेगी. बता दें जिले में 8 जून को होने वाली मेगा मॉक ड्रिल से जुड़ी टेबल टॉप अभ्यास कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे थे.
8 जून को होगी मेगा मॉक ड्रिल: दरअसल, बाढ़ और भूस्खलन जैसी किसी आपदा के समय बेहतर प्रबंधन के लिए जिला प्रशासन 8 जून को मेगा मॉक ड्रिल के जरिए अपनी तैयारी परखेगा. इस दौरान जिले में चिन्हित 7 स्थलों पर मेगा मॉक अभ्यास के दौरान बाढ़, भूस्खलन और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से प्रतीकात्मक नुकसान मानकर बचाव-राहत कार्यों का मॉक अभ्यास किया जाएगा. जिलाधीश ने कहा कि मॉक ड्रिल का मकसद आपदा के समय में जिला प्रशासन की आपातकालीन प्रतिक्रिया योजना और मानक संचालन प्रक्रियाओं का मूल्यांकन करना है.
संसाधनों की मैपिंग करें, बेहतर आपसी समन्वय हो सुनिश्चित: जिलाधीश ने सभी एसडीएम को आपदा प्रबंधन की दृष्टि से संसाधनों की मैपिंग करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि अपने अपने क्षेत्र में किसी भी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए स्पष्ट कार्ययोजना बनाएं. यह साफ हो कि उपमंडल स्तर पर कौन से संसाधन उपलब्ध हैं तथा जिला मुख्यालय से उन्हें किस प्रकार की सहायता की आवश्यकता है. आपदा प्रबंधन से जुड़ी मशीनरी, वाहन, एंबुलेंस, अस्पताल, राशन उपलब्धता समेत राहत बचाव कार्यों को लेकर हर पहलू की इन्वेंटरी तैयार करें, ताकि किसी भी आपात स्थिति के लिए पूर्व तैयारी रहे.
उन्होंने कहा कि स्टेजिंग एरिया को लेकर स्पष्टता हो साथ ही यह तय बनाएं कि विभागों-अधिकारियों को आपदा प्रबंधन को लेकर अपने दायित्वों की जानकारी रहे तथा बेहतर आपसी समन्वय सुनिश्चित हो. जिलाधीश ने कहा कि किसी भी आपदा के समय स्थानीय लोग सबसे पहले सहायता के लिए उपलब्ध होते हैं. जिले में बड़ी संख्या में लोगों को आपदा मित्रों के तौर पर प्रशिक्षित भी किया गया है. तैयारी की दृष्टि से उन सभी का सहयोग लें.
मॉक ड्रिल में 7 घटना स्थल पर स्वतंत्र पर्यवेक्षक रखेंगे नजर: डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि जिले में चिन्हित 7 घटना स्थलों पर आपदा संबंधी मॉक ड्रिल होगी. इनमें उपमंडल जयसिंहपुर के हलेड़ गांव तथा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला हलेड़, कांगड़ा के अच्छर माता कुंड, धर्मशाला में उपायुक्त निवास के पास टावर नंबर 4 तथा चेतड़ू, पालमपुर में सौरभ वन विहार, देहरा में सिविल अस्पताल, फतेहपुर में पौंग डैम तथा शाहपुर के रजोल गांव में बाढ़-भूस्खलन की स्थिति में प्रतीकात्मक नुकसान मानकर आपदा प्रबंधन व बचाव-राहत कार्यों का अभ्यास किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि एनडीआरफ और एसडीआरएफ के स्वतंत्र पर्यवेक्षक मॉक ड्रिल पर नजर रखेंगे बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त सौरभ जस्सल, अतिरिक्त जिलादंडाधिकारी रोहित राठौर, सहायक आयुक्त सुभाष गौतम, एसडीएम धर्मशाला धर्मेश रमोत्रा तथा अन्य एसडीएम विडियो कॉंफ्रेंस के माध्यम से बैठक में सम्मिलित हुए. वहीं एनडीआरएफ, एसडीआरएफ समेत आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी अधिकारी बैठक कक्ष में मौजूद रहे.
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