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खाद्य वस्तुओं के व्यापारी ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं लाइसेंस: डॉ. गुरदर्शन गुप्ता

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Published : Aug 25, 2020, 4:29 PM IST

धर्मशाला में मंगलवार को डीआरडीए के सभागार में खाद्य सुरक्षा के लिए जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक हुई. बैठक में खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2006 के बारे में विचार विमर्श किया गया. चिकित्सा अधिकारी डॉ. गुरदर्शन गुप्ता ने बैठक में बताया कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण द्वारा व्यापारियों को पंजीकरण करवाने और लाइसेंस प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन सुविधा प्रदान की गई है.

Meeting of District Level Advisory Committee for Food Safety in DRDA Auditorium
फोटो.

धर्मशाला: चिकित्सा अधिकारी डॉ. गुरदर्शन गुप्ता की अध्यक्षता में मंगलवार को डीआरडीए के सभागार में खाद्य सुरक्षा के लिए जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक हुई.

बैठक में खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2006 के बारे में विचार विमर्श किया गया. डॉ. गुरदर्शन गुप्ता ने बताया कि शुद्ध खाद्य पदार्थ सभी को मिलें, इसे सुनिश्चित किया जाना चाहिए. प्रदूषित खाद्य पदार्थों से सभी आयुवर्ग के लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है. विशेषकर बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रदूषित खाद्य पदार्थों का ज्यादा असर देखने का मिलता है.

Meeting of District Level Advisory Committee for Food Safety in DRDA Auditorium
फोटो.

उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण द्वारा खाद्य पदार्थों के वैज्ञानिक मानक निर्धारित किये गये हैं, जिनके अनुसार ही लोगों को खाद्य पदार्थ प्राप्त होने चाहिए. उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत सभी खाद्य विक्रेता, राशन डिपो, मिड-डे मील, शराब विक्रेता, आंगनबाड़ी केन्द्र लाइसेंस बनायें या रजिस्ट्रेशन करवायें.

खाद्य फोर्टिफिकेशन के बारे में आम जनता का जागरूक किया जाये और सभी लोग दूध, तेल, नमक, चावल आटा आदि चीजें फोर्टिफिकेशन वाला ही उपयोग करें. खाद्य सुरक्षा प्रमाणन और प्रशिक्षण प्रोग्राम के अन्तर्गत खाद्य विक्रेता एवं उपभोक्ताओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति व्यवसायिक या गैर-व्यवसायिक खाद्य पदार्थों के तैयार करने का कार्य करने में शामिल है उसे पंजीकरण करवाना या लाइसेंस बनवाना अनिवार्य है.

उन्होंने कहा कि व्यवसायिक तौर पर खाद्य वस्तुओं का व्यापार करने वाले व्यक्ति जिनका वार्षिक व्यवसाय 12 लाख रुपये से कम है, उन्हें पंजीकरण करवाना अनिवार्य है, जबकि 12 लाख से अधिक व्यवसाय वाले खाद्य वस्तुओं के व्यपारियों को लाइसेंस लेना अनिवार्य है.

उन्होंने कहा कि खाद्य वस्तुओं के व्यापार में लगे सभी व्यक्तियों का वार्षिक चिकित्सा जांच करवाना जरूरी है. उन्होंने कहा कि पानी और दवाओं से सम्बन्धित व्यापारियों के लिए चिकित्सा जांच आवश्यक नहीं है. खाद्य वस्तुओं के सभी व्यापारियों को स्वास्थ्य मानक पूरा करना आवश्यक है तभी उन्हें विभाग द्वारा खाद्य वस्तुओं के व्यापार के लिए पंजीकरण या लाइसेंस प्रदान किया जाता है.

चिकित्सा अधिकारी डॉ. गुरदर्शन गुप्ता ने कहा कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण द्वारा व्यापारियों को पंजीकरण करवाने और लाइसेंस प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन सुविधा प्रदान की गई है. उन्होंने कहा कि अगर किसी भी उपभोक्ता को खाद्य व्यापारी द्वारा पूरे किये जा रहे स्वास्थ्य मानकों या वस्तु की गुणवत्ता के बारे शिकायत हो तो वे सम्बन्धित खाद्य सुरक्षा कार्यालय से सम्पर्क कर सकता है.

धर्मशाला: चिकित्सा अधिकारी डॉ. गुरदर्शन गुप्ता की अध्यक्षता में मंगलवार को डीआरडीए के सभागार में खाद्य सुरक्षा के लिए जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक हुई.

बैठक में खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2006 के बारे में विचार विमर्श किया गया. डॉ. गुरदर्शन गुप्ता ने बताया कि शुद्ध खाद्य पदार्थ सभी को मिलें, इसे सुनिश्चित किया जाना चाहिए. प्रदूषित खाद्य पदार्थों से सभी आयुवर्ग के लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है. विशेषकर बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रदूषित खाद्य पदार्थों का ज्यादा असर देखने का मिलता है.

Meeting of District Level Advisory Committee for Food Safety in DRDA Auditorium
फोटो.

उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण द्वारा खाद्य पदार्थों के वैज्ञानिक मानक निर्धारित किये गये हैं, जिनके अनुसार ही लोगों को खाद्य पदार्थ प्राप्त होने चाहिए. उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत सभी खाद्य विक्रेता, राशन डिपो, मिड-डे मील, शराब विक्रेता, आंगनबाड़ी केन्द्र लाइसेंस बनायें या रजिस्ट्रेशन करवायें.

खाद्य फोर्टिफिकेशन के बारे में आम जनता का जागरूक किया जाये और सभी लोग दूध, तेल, नमक, चावल आटा आदि चीजें फोर्टिफिकेशन वाला ही उपयोग करें. खाद्य सुरक्षा प्रमाणन और प्रशिक्षण प्रोग्राम के अन्तर्गत खाद्य विक्रेता एवं उपभोक्ताओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति व्यवसायिक या गैर-व्यवसायिक खाद्य पदार्थों के तैयार करने का कार्य करने में शामिल है उसे पंजीकरण करवाना या लाइसेंस बनवाना अनिवार्य है.

उन्होंने कहा कि व्यवसायिक तौर पर खाद्य वस्तुओं का व्यापार करने वाले व्यक्ति जिनका वार्षिक व्यवसाय 12 लाख रुपये से कम है, उन्हें पंजीकरण करवाना अनिवार्य है, जबकि 12 लाख से अधिक व्यवसाय वाले खाद्य वस्तुओं के व्यपारियों को लाइसेंस लेना अनिवार्य है.

उन्होंने कहा कि खाद्य वस्तुओं के व्यापार में लगे सभी व्यक्तियों का वार्षिक चिकित्सा जांच करवाना जरूरी है. उन्होंने कहा कि पानी और दवाओं से सम्बन्धित व्यापारियों के लिए चिकित्सा जांच आवश्यक नहीं है. खाद्य वस्तुओं के सभी व्यापारियों को स्वास्थ्य मानक पूरा करना आवश्यक है तभी उन्हें विभाग द्वारा खाद्य वस्तुओं के व्यापार के लिए पंजीकरण या लाइसेंस प्रदान किया जाता है.

चिकित्सा अधिकारी डॉ. गुरदर्शन गुप्ता ने कहा कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण द्वारा व्यापारियों को पंजीकरण करवाने और लाइसेंस प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन सुविधा प्रदान की गई है. उन्होंने कहा कि अगर किसी भी उपभोक्ता को खाद्य व्यापारी द्वारा पूरे किये जा रहे स्वास्थ्य मानकों या वस्तु की गुणवत्ता के बारे शिकायत हो तो वे सम्बन्धित खाद्य सुरक्षा कार्यालय से सम्पर्क कर सकता है.

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