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धर्मशाला कारागार में मनाई गई अमर शहीद लाला लाजपत राय की जयंती, धर्मशाला जेल में ब्रिटिश हुकूमत बंदी रहे थे लाला

धर्मशाला कारागार में अमर शहीद लाला लाजपत राय की जयंती मनाई गई. जेल में ब्रिटिश हुकूमत काल में लाला लाजपत राय बंदी रहे थे.

Lala was detained in Dharamshala jail during the British rule
धर्मशाला कारागार में मनाई गई अमर शहीद लाला लाजपत राय की जयंती
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Published : Jan 28, 2020, 4:10 PM IST

धर्मशाला: जिला मुख्यालय लाला लाजपत राय जिला एवं मुक्त सुधार गृह में अमर शहीद लाला लाजपत राय की जयंती मनाई गई. ब्रिटिश हुकूमत काल के दौरान लाला लाजपत राय धर्मशाला जेल में लगभग एक वर्ष तक बंदी के रूप में रहे थे. लाला लाजपत राय ने आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई थी और ब्रिटिश हुकूमत काल के दौरान साइमन कमीशन विद्रोह के दौरान लाला लाजपत राय शहीद हुए थे.

धर्मशाला जेल में बिताए समय के चलते ही उन्हें श्रद्धांजलि स्वरूप जिला कारागार धर्मशाला का नामकरण उनके नाम पर किया गया है. लाला लाजपत राय को याद करते हुए आज जिला कारागार धर्मशाला में उनकी जयंती मनाई गई. जिसमें एडीसी जिला कांगड़ा राघव शर्मा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की. इस दौरान जिला कारागार के कैदियों ने लाला जी की याद में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए.

वीडियो रिपोर्ट

जिला कारागार धर्मशाला में जिस बैरक में लाला लाजपत राय ने समय गुजारा था. उसे आज भी जिला कारागर में संरक्षित रखा गया है. वहीं, लाला लाजपत राय जिस कुर्सी पर बैठते थे, उस कुर्सी को भी बैरक में यथावत रखा गया है. जिन पर लाला की फोटो भी रखी गई है. लाला लाजपत राय की कुर्सी धर्मशाला जेल के बी ग्रेड के सेल नंबर 2 में आज भी सलामत है. आजादी के बाद इस सेल में किसी भी कैदी को नहीं रखा गया है.

लाला लाजपत राय को धर्मशाला जेल में 21 अप्रैल 1922 से 9 जनवरी 1923 तक रखा जा चूका है. ब्रटिश हुकूमत ने बड़ा विद्रोह होने के डर से लायन ऑफ पंजाब के नाम से जाने गए लाला लाजपत राय को 22 अगस्त 1922 को लाहौर जेल से धर्मशाला शिफ्ट किया था. यहीं पर लाला लाजपत राय ने आजादी की लड़ाई का बीज बोया था. लाला लाजपत राय में धर्मशाला जेल में 264 दिन रहे. क्रांतिकारी गतिविधियों में गर्माहट लाने वाले लाला लाजपत राय के डर से ब्रिटिश हुकमत उन्हें अन्य क्रांतिकारियों से दूर रखने के लिए ही लाहौर से धर्मशाला लेकर आई थी.

एडीसी जिला कांगड़ा राघव शर्मा ने कहा कि लाला लाजपत राय की जयंति पर उनको याद किया गया. जेल प्रशासन की ओर जयंती पर कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए. जेल में रह रहे कैदी, लाला लाजपत राय के जीवन से प्रेरणा लें. वहीं, जिला कारागार धर्मशाला के डिप्टी सुपरीटेंडेंट विनोद चंबियाल ने कहा कि यह हमारे लिए प्रेरणा की बात है कि महान स्वत्रतंता सेनानी लाला लाजपत राय ने इस जेल में समय बिताया है. लाला लाजपत राय ने निस्वार्थ भाव से जीवन जिया. रास्ता भटके हुए लोग जेल में रहते हैं, ऐसे में लाला लाजपत राय के जीवन मूल्यों को बताकर रास्ता भटके लोगों को सही रास्ते पर ला सकते हैं.

ये भी पढ़ें: अनुराग ठाकुर की 'गोली' पर बयानों का सियासी युद्ध, विपक्ष ने ट्विटर पर छोड़े 'तीर'

धर्मशाला: जिला मुख्यालय लाला लाजपत राय जिला एवं मुक्त सुधार गृह में अमर शहीद लाला लाजपत राय की जयंती मनाई गई. ब्रिटिश हुकूमत काल के दौरान लाला लाजपत राय धर्मशाला जेल में लगभग एक वर्ष तक बंदी के रूप में रहे थे. लाला लाजपत राय ने आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई थी और ब्रिटिश हुकूमत काल के दौरान साइमन कमीशन विद्रोह के दौरान लाला लाजपत राय शहीद हुए थे.

धर्मशाला जेल में बिताए समय के चलते ही उन्हें श्रद्धांजलि स्वरूप जिला कारागार धर्मशाला का नामकरण उनके नाम पर किया गया है. लाला लाजपत राय को याद करते हुए आज जिला कारागार धर्मशाला में उनकी जयंती मनाई गई. जिसमें एडीसी जिला कांगड़ा राघव शर्मा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की. इस दौरान जिला कारागार के कैदियों ने लाला जी की याद में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए.

वीडियो रिपोर्ट

जिला कारागार धर्मशाला में जिस बैरक में लाला लाजपत राय ने समय गुजारा था. उसे आज भी जिला कारागर में संरक्षित रखा गया है. वहीं, लाला लाजपत राय जिस कुर्सी पर बैठते थे, उस कुर्सी को भी बैरक में यथावत रखा गया है. जिन पर लाला की फोटो भी रखी गई है. लाला लाजपत राय की कुर्सी धर्मशाला जेल के बी ग्रेड के सेल नंबर 2 में आज भी सलामत है. आजादी के बाद इस सेल में किसी भी कैदी को नहीं रखा गया है.

लाला लाजपत राय को धर्मशाला जेल में 21 अप्रैल 1922 से 9 जनवरी 1923 तक रखा जा चूका है. ब्रटिश हुकूमत ने बड़ा विद्रोह होने के डर से लायन ऑफ पंजाब के नाम से जाने गए लाला लाजपत राय को 22 अगस्त 1922 को लाहौर जेल से धर्मशाला शिफ्ट किया था. यहीं पर लाला लाजपत राय ने आजादी की लड़ाई का बीज बोया था. लाला लाजपत राय में धर्मशाला जेल में 264 दिन रहे. क्रांतिकारी गतिविधियों में गर्माहट लाने वाले लाला लाजपत राय के डर से ब्रिटिश हुकमत उन्हें अन्य क्रांतिकारियों से दूर रखने के लिए ही लाहौर से धर्मशाला लेकर आई थी.

एडीसी जिला कांगड़ा राघव शर्मा ने कहा कि लाला लाजपत राय की जयंति पर उनको याद किया गया. जेल प्रशासन की ओर जयंती पर कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए. जेल में रह रहे कैदी, लाला लाजपत राय के जीवन से प्रेरणा लें. वहीं, जिला कारागार धर्मशाला के डिप्टी सुपरीटेंडेंट विनोद चंबियाल ने कहा कि यह हमारे लिए प्रेरणा की बात है कि महान स्वत्रतंता सेनानी लाला लाजपत राय ने इस जेल में समय बिताया है. लाला लाजपत राय ने निस्वार्थ भाव से जीवन जिया. रास्ता भटके हुए लोग जेल में रहते हैं, ऐसे में लाला लाजपत राय के जीवन मूल्यों को बताकर रास्ता भटके लोगों को सही रास्ते पर ला सकते हैं.

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Intro:धर्मशाला- जिला मुख्यालय धर्मशाला स्थित लाला लाजपत राय जिला एवं मुक्त सुधार गृह में अमर शहीद लाला लाजपत राय की जयंति मनाई गई। ब्रिटिश हुकूमत काल के दौरान लाला लाजपत राय धर्मशाला जेल में लगभग एक वर्ष तक बंदी के रूप में रहे थे। लाला लाजपत राय ने आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई थी तथा ब्रिटिश हुकूमत काल के दौरान साइमन कमीशन विद्रोह के दौरान लाला लाजपत राय शहीद हुए थे। धर्मशाला जेल में बिताए समय के चलते ही उन्हें श्रद्धांजलि स्वरूप जिला कारागार धर्मशाला का नामकरण उनके नाम पर किया गया है। लाला लाजपत राय को याद करते हुए आज जिला कारागार धर्मशाला में उनकी जयंति मनाई गई, जिसमें एडीसी जिला कांगड़ा राघव शर्मा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। इस दौरान जिला कारागार के कैदियों ने लाला जी की याद में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए। 





Body:जिला कारागार धर्मशाला में जिस बैरक में लाला लाजपत राय ने समय गुजारा था, उसे आज भी जिला कारागर में संरक्षित रखा गया है। वहीं लाला लाजपत राय जिस कुर्सी पर बैठते थे, उस कुर्सी को भी बैरक में यथावत रखा गया है, जिन पर लाला की फोटो भी रखी गई है। लाला लाजपत राय की कुर्सी धर्मशाला जेल के बी ग्रेड के सेल नंबर 2 में आज भी सलामत है। आजादी के बाद इस सेल में किसी भी कैदी को नहीं रखा गया है । लाला लाजपत राय को धर्मशाला जेल में 21 अप्रैल 1922 से 9 जनवरी 1923 तक रखा जा चूका है ।  ब्रटिश हुकूमत ने बड़ा विद्रोह होने के डर से लायन ऑफ पंजाब के नाम से जाने गए लाला लाजपत राय को 22 अगस्त 1922 को लाहौर जेल से धर्मशाला शिफ्ट किया था। यहीं पर लाला लाजपत राय ने आजादी की लड़ाई का बीज बोया था । लाला लाजपत राय में धर्मशाला जेल में 264 दिन रहे। क्रांतिकारी गतिविधियों में गर्माहट लाने वाले लाला लाजपत राय के डर से ब्रिटिश हुकमत उन्हें अन्य क्रांतिकारियों से दूर रखने के लिए ही लाहौर से धर्मशाला लेकर आई थी।




Conclusion:वही एडीसी जिला कांगड़ा राघव शर्मा ने कहा कि लाला लाजपत राय की जयंति पर उनकी याद को सम्मानित किया है। जेल प्रशासन की ओर जयंति पर कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। जेल में रह रहे कैदी, लाला लाजपत राय के जीवन से प्रेरणा लें, इसके लिए प्रेरित किया। हम आशा करते हैं कि वर्तमान दौर में समाज के सभी वर्गों को लाला लाजपत राय के जीवन से प्रेरणा मिले। वही जिला कारागार धर्मशाला के डिप्टी सुपरीटेंडेंट विनोद चंबियाल ने कहा कि यह हमारे लिए प्रेरणा की बात है कि महान स्वत्रतंता सेनानी लाला लाजपत राय ने इस जेल में समय बिताया है। लाला लाजपत राय ने निस्वार्थ भाव से जीवन जिया। रास्ता भटके हुए लोग जेल में रहते हैं, ऐसे में लाला लाजपत राय के जीवन मूल्यों को बताकर रास्ता भटके लोगों को सही रास्ते पर ला सकते हैं। इसी कड़ी में लाला लाजपत राय की जयंति पर जिला कारागार में कार्यक्रम आयोजित किया गया।

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