कांगड़ा: आज करुणामूलक संघ हिमाचल प्रदेश ने प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार की अध्यक्षता में मिशन स्पीड शुरू किया. इस मिशन के तहत प्रदेश भर के करुणामूलक आश्रितों ने स्पीड पोस्ट के तेहत अपना एजेंडा मुख्यमंत्री को भेजा. इस मिशन की गूंज हर जिले में देखने को मिली. करुणामूलक परिवारों का कहना है कि करुणामूलक नौकरी के लिए हर कोशिश को अंजाम देने के लिए तत्पर और तैयार है. सरकार को जल्द ही करुणामूलक नौकरियां बहाल करनी होंगी.
करुणामूलक आश्रितों ने बजट सुझाव में सीधे तौर पर कहा है कि करुणामूलक परिवारों के लिए बजट में प्रावधान किया जाए और मई महीने से करुणामूलक आश्रितों को नियुक्तियां देना शुरू कर दी जाए. संघ द्वारा पिछली सरकार के समय भी बहुत बड़ा आंदोलन किया जा चुका है. जिसे करुणामूलक क्रमिक भूख हड़ताल नाम दिया गया. ये भूख हड़ताल 432 दिन चली थी और ये भूख हड़ताल चुनाव आचार सहिंता के चलते बंद करनी पड़ी थी.
पिछली सरकार के समय कुछ परिवारों को राहत तो जरूर मिली थी, लेकिन कुछ विभागों में क्लास-D के मामलों में नियुक्तियां देने में असमर्थ रही थी जिसमें जल शक्ति विभाग व सीएसके कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर व अन्य कई ऐसे विभाग हैं जहां पर क्लास-डी में नियुक्ति नहीं हुई. आधी अधूरी नोटिफिकेशन पूर्व सरकार द्वारा की गई थी और सरकार क्लास-सी में एक भी नियुक्ति नहीं दे पाई थी.
मुख्यमंत्री जल्द करुणामूलक राज्य कार्यकारिणी को अधिकारी लेवल पर जल्द वार्ता के लिए बुलाए. संगठन ने सुझाव दिया कि अगर सरकार एक साथ नौकरियां देने में असमर्थ है तो बिना शर्त बैचवाइज या 3 बैच में नियुक्तियां दे सकती है जिसमें मुख्यमंत्री द्वारा हामी भरी जा चुकी है. विभिन्न श्रेणियों में योग्यता के आधार पर नियुक्तियां की जाए. इस आगामी मार्च के बजट में करुणामूलक परिवार के लिए स्पेशल बजट का प्रावधान किया जाएगा.
करुणामूलक आश्रितों की मुख्य मांगें- आगामी कैबिनेट में पॉलिसी संशोधन किया जाए व निम्न बातें ध्यान में रखीं जाए. 5 लाख आय सीमा निर्धारित की जाए जिसमें एक व्यक्ति सालाना आय शर्त को हटाया जाए. वित विभाग के द्वारा रेजेक्टेड केसों को कंसीडर न करने की नोटिफिकेशन को तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिया जाए और रेजेक्टेड केसों को दोवारा कंसिडेर करने की नोटिफिकेशन जल्द की जाए. क्लास-सी व क्लास-डी में 5% कोटे की शर्त को हमेशा के लिए हटा दिया. योग्यता के अनुसार क्लास-सी व क्लास-डी के सभी श्रेणियों के सभी पदों में नौकरियां दी जाए ताकि एक पद पर बोझ न पड़े. जिन विभागों में खाली पोस्टें नहीं हैं उन केसों को अन्य विभाग में शिफ्ट करके नौकरियां दी जाए. बजट सत्र में करुणामूलक आश्रितों के लिए अलग से स्पेशल बजट का प्रावधान किया जाए. समस्त करुणामूलक परिवारों को क्लास-सी व क्लास -डी में अप्रेल माह से नियुक्तियां दी जाए.
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